जीजे ने 15 वर्षीय साले की दातर से गला काट की हत्या, लाश फैंकी नहर में
punjabkesari.in Wednesday, Dec 16, 2020 - 04:09 PM (IST)

बटाला (बेरी): एक कलयुगी जीजे द्वारा अपने ही 15 वर्षीय मासूम सगे साले की दातर से गला काटकर हत्या करने के बाद उसकी लाश को वल्ला नहर में फैंकने का मामला सामने आया है।
जानें पूरा मामला
जानकारी देते हुए मृतक करण कुमार के पिता सुखदेव पाल निवासी गाऊसपुरा ने बताया कि वह हलवाई का काम करता है और उसकी पत्नी की कुछ साल पहले बीमारी के चलते मौत हो गई थी। उसका पुत्र करण कुमार 5वीं तक पढ़ाई पूरी करने के बाद अब उसके साथ हलवाई के काम में उसकी मदद करता था जबकि उसकी बेटी ने लव मैरिज की थी। इसके बाद बेटी और जमाई नवजोत सिंह पिछले 2 साल से यहां उसके घर गाऊंसपुरा में ही रह रहे हैं। जमाई को उसके पारिवारिक सदस्यों ने लव मैरिज करने के उपरांत जायदाद से बेदखल कर दिया था और जिस घर में अब नवजोत सिंह रहता था, वह चार मरले का प्लाट है और उस प्लाट पर इसकी नजर थी परन्तु इसके रास्ते में करण कुमार रुकावट था इसलिए नवजोत सिंह उसको (करण कुमार) अपने रास्ते से हटाने के लिए एक योजनाबद्ध ढंग से बीती 26 नवम्बर की शाम को अपने साथ मोटरसाइकिल पर अगवा करके अमृतसर स्थित वल्ला में यह कहकर ले गया कि वह उसे उसके पिता के दोस्त घर घुमाकर ले आता है। वहां वल्ला में पहुंचकर उसके जमाई ने उसके बेटे करण कुमार की दातर से गला काटकर हत्या कर दी और इस बारे में किसी को शक न हो इसलिए लाश को नहर में फैंक दिया। इसके बाद उन्होंने करण के लापता होने संबंधी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाना सिविल लाइन में दर्ज करवाई।
जानकारी अनुसार केस के जांच अधिकारी एस.आई. हरपाल सिंह ने 15 वर्षीय बच्चे करण कुमार के कत्ल की गुत्थी को सुलझाने के लिए जीजे की कॉल डिटेल निकलवाई तो उसमें 26 नवम्बर को नवजोत सिंह की आखिरी लोकेशन वल्ला नहर की पाई गई, जिसके बाद पुलिस ने नवजोत सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने सारी सच्चाई बयां कर दी। उक्त मामले संबंधी ए.एस.आई. हरपाल सिंह ने बताया कि फिलहाल थाना सिविल लाइन में मृतक बच्चे के जीजे नवजोत सिंह के विरुद्ध कत्ल का मामला दर्ज कर लिया गया है परंतु नहर से बच्चे की लाश हासिल नहीं हुई है इसलिए अब नहर के पानी को बंद करवा दिया गया है ताकि शव को बरामद किया जा सके।
मृतक की बहन सदमे में
मृतक करण कुमार की मौत के बारे जब उसकी बहन को पता लगा तो वह सदमे में चली गई क्योंकि करण कुमार अपनी बहन का अकेला भाई था। दोनों बहन-भाइयों के बीच आपस में बहुत प्यार था।
पिता का सहारा था करण कुमार
किरण कुमार अपने पिता का इकलौता सहारा था और अपने पिता के काम में भी हाथ बंटवाता था। इतना ही नहीं उसने कभी भी बहन और अपने जीजा की बात को नहीं टाला। इस बात की पुष्टि मृतक के पिता ने की।