शाही इमारतों में राष्ट्रीय पक्षी हुआ असुरक्षित,चाइना डोर और आवारा कुत्ते बने जान के दुश्मन

punjabkesari.in Monday, Jul 24, 2017 - 10:51 AM (IST)

फरीदकोट(हाली): फरीदकोट रियासत की एक सदी पुरानी इमारतों में रह रहे राष्ट्रीय पक्षी मोर समेत अन्य दुर्लभ पक्षी सुरक्षित नहीं हैं। पिछले करीब एक साल में यहां के किला मुबारक, राज महल व शाही समाधों में 40 के करीब मोर मर चुके हैं। इन मोरों की मौत का कारण ज्यादा आवारा कुत्ते हैं, जबकि कुछ का कारण चाइना डोर और सदियों पुराने वृक्षों की बे-रोक कटाई को माना जा रहा है।

जानकारी के अनुसार जिला अदालत, जिसकी इमारत करीब सदियों पुरानी है, में काफी मोर रह रहे थे। अदालती काम्प्लैक्स में से कुदरती माहौल खत्म होने के कारण ये मोर शाही समाधों में प्रवास कर गए थे परन्तु शाही समाधों, राज महल और किले में चलते-फिरते मोर आस-पास की आबादी में चले जाते हैं, जो आवारा कुत्तों का निवाला बन जाते हैं। राज महल के सूत्रों अनुसार अकेले राज महल में ही 60 के करीब मोर थे, जिनकी संख्या अब 20 रह गई है। राज महल के विशाल वृक्षों में चाइना डोर फंसी रहती है, जिस कारण इसमें ये मोर और अन्य पक्षी फं सकर जख्मी हो जाते हैं।

इन जख्मी मोरों के बाबत किसी को पता लगने पर इलाज करवाकर उन्हें आजाद कर दिया जाता है परन्तु जिनका पता नहीं लगता उनका समय पर इलाज नहीं होता, जिस कारण उनकी मौत हो जाती है। उन्होंने बताया कि राज महल के अधिकारियों ने चाइना डोर को वृक्षों से उतारने के लिए कई बार विशेष मुहिम चलाई है। इसके अलावा शाही किले की ऊंची दीवारें पार करके मोर आबादी में आ जाते हैं। बिजली की ढीली तारों और नंगे जोड़ों के कारण भी राष्ट्रीय पक्षी के मरने की कई घटनाएं घट चुकी हैं। वर्तमान में फरीदकोट शहर में अगर फरीदकोट छावनी के मोरों की संख्या छोड़ दी जाए तो यहां 60 से अधिक मोर हैं परन्तु ये भी असुरक्षित स्थानों पर ही घूम रहे हैं।


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