National Teachers Award: अमृतपाल सिंह ने बढ़ाया पंजाब का मान

punjabkesari.in Sunday, Aug 27, 2023 - 01:02 PM (IST)

लुधियाना (विक्की) : लुधियाना से कुछ दूरी पर सटे सरकारी सी.स्कूल स्कूल छपार में कार्यरत कंप्यूटर अध्यापक अमृतपाल सिंह जो अपने नाम के साथ अपना तखल्लस पाली खादिम लगाते हैं को केंद्र सरकार ने नेशनल टीचर्स अवार्ड देने की घोषणा की है। खास बात तो यह है कि पहली बार किसी कंपूयटर अध्यापक को यह अवार्ड मिलने जा रहा है। पंजाब के सभी साज बजाने के माहिर अमृतपाल सिंह अपने विषय से बिल्कुल अलग पंजाबी विरासत को बढ़ावा देने के लिए बच्चों को खुद सभी साज बजाने की कला का ज्ञान दे रहे हैं। वहीं सतपाल मितल स्कूल की प्रिंसीपल भूपिंद्र गोगिया को भी नेशनल अवार्ड मिलेगा।

बता दें कि यह लगातार दूसरा वर्ष है जब किसी स्कूल की प्रिंसीपल को नेशनल अवार्ड मिलने जा रहा है जबकि पिछले वर्ष बी.सी.एम. स्कूल दुगरी की प्रिं. डॉ. वंदना शाही को भी नेशनल अवार्ड मिला था। बात करें अमृतपाल सिंह की तो इससे पहले वह 2021 में स्टेट टीचर्स अवार्ड भी प्राप्त कर चुके हैं। यह अवार्ड उन्हें उनकी अध्यापन ड्यूटी के साथ साथ साहित्य और सांस्कृतिक गतिविधियों में किए गए कार्यों के लिए दिया जा रहा है। अहमदगढ़ मंडी के रहने वाले पाली खादिम को इससे पहले भारत सरकार द्वारा सीनियर रिसर्च फेलोशिप भी प्रदान की गई है। खालसा ग्लोबल गैच फाउंडेशन यू.एस.ए. और खालसा कॉलेज ऑफ एजुकेशन अमृतसर द्वारा पाली खादिम को पंजाब टीचर ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित करते हुए उन्हें सम्मान में प्रशस्ति पत्र, पुरस्कार, मेडल व एक लाख रुपए प्रदान किए गए । डी.ई.ओ. डिपंल मदान ने अध्यापक अमृतपाल सिंह की अचीवमेंट को अन्य अध्यापकों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बताया है।

साधारण परिवार से हैं पाली

अमृतपाल सिंह पिछले 20 वर्षो से आपने विद्यार्थियों को भी इसको बजाने के कला देने के साथ-साथ उसमें निपुण बना रहे हैं। अब तक कई विद्यार्थी संगीत के क्षेत्र में भी अपना नाम कमा चुके हैं। अमृतपाल को पंजाबी कला का ज्ञान कुछ हद तक परिवार से मिला है, उनके पिता कीर्तन करते थे और वह खुद उनके साथ जाते थे। परिवार में पहले टीचर बने अमृतपाल खुद एक मिडिल क्लास से हैं लेकिन उनकी सीखने की कला ने उन्हें शिक्षा के क्षेत्र से जोड़ दिया। अमृतपाल ने अपनी 12वीं तक की पढ़ाई एम.जी.एम. गांधी स्कूल मालेरकोटला से की। बी.ए, राड़ा साहिब के सरकारी कालेज में पूरी की। वहीं पी.जी.डी.सी.ए. पंजाबी यूनिवर्सिटी से, एम.एससी. और एम.सी.ए. पंजाब टैक्नीकल यूनिवर्सिटी से की। वहीं ''एम.ए. पंजाबी की शिक्षा पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से पूरी की।

स्कूल में सीखने और सिखाने पर देते हैं जोर

अमृतपाल सिंह ने बताया कि वह रोजाना बच्चों को कंप्यूटर साइंस की शिक्षा का ज्ञान देते हैं, वहीं स्कूल समय से 2 घंटे के अतिरिक्त समय के दौरान विद्यार्थियों को पंजाबी लोक रंग की कला भी सिखाते हैं। उनके विद्यार्थी पंजाब लोक साज अलगोजा भी बजाने की कला सीख चुके हैं। उनके द्वारा सिखाए विद्यार्थियों को कई मुकाबलों में पहले दर्जे की सफलता मिल चुकी है। वहीं उनके स्टूडैंट पंजाबी सिंगर निंजा ने उनको मान देते हुए अपनी बाजू पर उनकी तस्वीर का टैटू बनाया हुआ है।

पंजाबी साहित्य के क्षेत्र में दे रहें हैं विशेष योगदान

अमृतपाल सिंह जादू फ्ता (नावल), साडी किताब, अंबरां दे तारिओ किताबों के रचियता हैं, वहीं उन्होंने गजल संग्रह, सवे वे तस्दीक किताबों से भी सभी को ''रू-ब-रू करवाया है। अमृतपल सिंह ने बताया कि बच्चों को मां बोली से जोड़े रखने के लिए उन्होने पंजाबी रेडियो के माध्वम से लोगों को नई जानकारियां प्रदान करते हैं।

यहां से निल चुका है सम्नान

नेशनल अवार्ड के लिए चुने इस अध्यापक को कई स्थानों से प्रशंसा पत्र तो मिले हैं, वहीं शिक्षा विभाग द्वारा 2019 में प्रशंसा पत्र मिलने से काफी हौसला मिला। वहीं मास्टर काडर यूनियन की तरफ से बैस्ट ''टीचर अवार्ड, 2019 में इनोवेशन अवार्ड, पंजाबी साहित्य अकादमी चंडीगढ़ से पुरस्कार, मां-बोली पंजाबी सेवक जत्था की तरफ से प्रशंसा पत्र, भाई काहन सिंह नाभा रचना मंच की तरफ से पुरस्कार, पिंड सुधार कमेटी की तरफ से विशेष पुरस्कार, श्री ''कलगीघर फाऊंडेशन, कम्प्यूटर अध्यापक वेलफेयर सोसायटी और ''बैलो सोशल वैल्फेयर सोसायटी, साहित्य सभा, गवर्नमैंट स्कूल भनूड,पंजाब साहित्य सभा समराला, मास्टर ''बरिंदर यादगारी लाइब्रेरी हठूर की तरफ से प्रशंसा पत्र मिल चुके हैं।

यह मिल चुके हैं पुरस्कार

''पटियला से फोक अकेंस्टरा- 2002 में गोल्ड मैडल मिल चुका है। वहीं शांति तारा कालेज ने उन्हें कॉलेज कलर से नवाजा है। गवर्नमैंट कालेज कर्मसर में बैस्ट आर्टिस्ट अवार्ड, पंजाब यूनिवर्सिटी की तरफ से यूथ फेस्टिवल तीसरा पुरस्कार, पंजाब यूनिवर्सिटी पटियाला की ओर से हिट्रोनिक्स में दूसरा पुरस्कार, शांति तारा कालेज अहमदगढ़ में बैस्ट आर्टिस्ट अबर्ड, बाबा फरीद नैशनल ड्रामा से प्रथम पुरस्कार, मलवई गिद में पहला पुरस्कार मिल चुका है। वहीं उन्होंन इंडिया गोत टैलेंट शो में मलवई गिद्दा के जरिए लोगों को पंजाबी विरासत से रू-बरू करवाया।

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here

पंजाब की खबरें Instagram पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here

अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Urmila

Related News