कांग्रेस में विवादों से भरा रहा नवजोत सिद्धू का करियर, पढ़ें पूरी खबर

punjabkesari.in Wednesday, Mar 16, 2022 - 09:35 AM (IST)

जालंधर(धवन): कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी द्वारा आज पंजाब कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू से अध्यक्ष पद से इस्तीफा मांग लिए जाने के बाद कांग्रेसियों में यह चर्चा चल रही है कि सिद्धू अध्यक्ष पद पर केवल सीमित अवधि काटने वाले अध्यक्ष सिद्ध हुए हैं।

सिद्धू का कांग्रेस में करियर विवादों से भरा रहा तथा उसमें अनेक उतार-चढ़ाव आते रहे। पिछले 5 वर्षों में कांग्रेस में सिद्धू का सियासी करियर डांवाडोल ही रहा।सिद्धू को जुलाई 2021 में कांग्रेस नेतृत्व ने यह सोच कर पंजाब कांग्रेस कमेटी की कमान सौंपी थी कि वह विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की नैया को पार लगाएंगे परन्तु सिद्धू कांग्रेस की नैया तो पार न लगा सके अपितु वह स्वयं भी अपनी सीट हार बैठे। कांग्रेसियों ने कहा कि सिद्धू का अध्यक्ष पद पर अल्पकाल का ही कार्यकाल रहा। उनके कार्यकाल के दौरान कांग्रेसियों द्वारा बार-बार सिद्धू को अध्यक्ष पद दिए जाने का विरोध किया जाता रहा। कांग्रेसियों का कहना था कि सिद्धू पांच वर्ष पहले ही कांग्रेस में आए थे इसलिए उन्हें उच्चतम पद प्रदेश में देना उचित नहीं था। सिद्धू को अध्यक्ष पद तो कांग्रेस नेतृत्व ने दे दिया था परन्तु वह कांग्रेसियों को अपने साथ लेकर चल नहीं सके। यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ भी रोजाना उनका टकराव चलता रहा। यही कारण था कि जनता ने कांग्रेस के खिलाफ मत दिया क्योंकि कांग्रेस सरकार अंदरूनी विवाद का शिकार हो गई थी।

सिद्धू ने विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद भी नैतिक आधार पर इस्तीफा नहीं दिया था। वह मीडिया से भी कन्नी काटते हुए दिखाई दे रहे थे। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखजिंद्र सिंह रंधावा ने भी सिद्धू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। रंधावा ने कहा था कि कांग्रेस नेतृत्व को सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नहीं बनान चाहिए था। उन्होंने यह भी कहा था कि चुनाव हारने के बाद तो सिद्धू को नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए था।


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Vatika

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