भाजपा की गांवों में बनी सिख और पंजाब विरोधी धारणा को तोड़ने की जरूरत है: सुनील जाखड़

punjabkesari.in Sunday, Jun 18, 2023 - 02:35 PM (IST)

पंजाब डेस्क: भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति और पंजाब की कोर कमेटी के सदस्य सुनील जाखड़ साल भर में भगवा के रंग में पूरी तरह रंग गए हैं। कांग्रेस में रहते अपनी तेजतर्रार शैली में अकाली दल पर अक्सर निशाना साधने वाले जाखड़ अब उसी आक्रामकता से कांग्रेस नेताओं को आड़े हाथों लेते हैं। डेढ़ साल पहले हिंदू होने के कारण मुख्यमंत्री न बनाए जाने की उनकी टीस अब भी कम नहीं हुई है। पंजाब के राजनीतिक हालात और अकाली दल के साथ गठजोड़ की संभावनाओं आदि पर सुनील जाखड़ के साथ बातचीत की पंजाब केसरी से हरिश्चंद्र ने। उस बातचीत के प्रमुख अंश :-

प्र. जालंधर उपचुनाव में भाजपा खास प्रदर्शन नहीं कर पाई, क्या वजह रही?
उ.
यह राजनीति है, फास्टफूड नहीं कि ऑर्डर किया और आधे घंटे में पिज्जा आ गया। चाहे बैसाखियां समझ लें, या तालमेल व सहयोग, लंबे समय बाद अकाली दल से अलग होकर अपने अस्तित्व के लिए भाजपा नए सिरे से तैयारी कर रही है। कांग्रेस को देखिये, उनके 5 एम.एल.ए. वहां हैं मगर एक भी सीट पर वह आगे नहीं रही। भाजपा दो हलकों में बढ़त बनाने में कामयाब रही। हमारा वोट प्रतिशत भी विधानसभा चुनाव के मुकाबले बढ़ा है। 

प्र. क्या गांवों में काम करने की ज्यादा जरूरत है?
उ.
गांवों में पार्टी को वाकई बहुत काम करने की जरूरत है। जो धारणा बना दी गई है कि भाजपा किसानों के खिलाफ है, पंजाब के खिलाफ है, सिखों के खिलाफ है, उसे तोड़ने की जरूरत है। भाजपा ने गठजोड़ में गांव अकाली दल को सौंप रखे थे, वहां नए सिरे से जाकर मोदी की रहनुमाई में केंद्र सरकार द्वारा किसानों और सिखों के लिए किए गए कामों का प्रचार करना होगा। जैसे करतारपुर कॉरीडोर सिख कौम के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। इसके लिए एस.जी.पी.सी. और बादल साहिब व अकाली दल ने बहुत मान-सम्मान मोदी को दिया था।

प्र. क्या अकाली-भाजपा गठजोड़ की दोबारा जरूरत पड़ सकती है?
उ.
यह तो फौरी हल की बात हुई कि हमें तो 2024 के लोकसभा और फिर 2027 के विधानसभा चुनाव में सीटें चाहिए। ऐसे फैसले केंद्रीय नेतृत्व ही करता है। हां, ऐसी चर्चाएं जरूर हैं, जनता की धारणा है कि दोनों दल इकट्ठे होंगे। हमारे प्रधान अश्वनी शर्मा और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी गठजोड़ की बात को सिरे से नकार चुके हैं। मगर मेरा ये मानना है कि जो भी फैसला हो, वह पंजाब की बेहतरी के लिए हो।

प्र. आपके भी अकाली दल में अच्छे संबंध हैं, क्या आप कड़ी बन सकते हैं?
उ.
यह तो मेरे कद से ऊपर की बात हुई। कहावत है न कि ‘कल की भूतनी, मशाणां में आध, मुझे तो अभी साल भर ही हुआ है, भाजपा में आए। यहां कड़ियों की कमी नहीं है, बादल साहिब अब नहीं रहे मगर उनके जो संबंध मोदी जी, अमित शाह या नड्डा जी के साथ रहे हैं, वैसे संबंध बनाने में अभी सुखबीर बादल या हरसिमरत कौर बादल को समय लगेगा।

प्र. पंजाब सरकार का आरोप है कि केंद्र पंजाब के साथ धक्का कर रहा है, सूबे का आर.डी.एफ. और एन.एच.एम. का पैसा रोक दिया?
उ.
अभी पंजाब सरकार ने पैट्रोल-डीजल पर वैट बढ़ाया है, इतना पैसा सरकार इकट्ठा कर रही है तो वैट बढ़ाने की जरूरत ही नहीं थी। हैल्थ मिशन के पैसे कम मिलने की बात की जा रही है मगर 3 महीने पहले जो मोहल्ला क्लीनिक शुरू किए गए, उनमें वेतन नहीं दिया जा रहा। अपनी कमजोरियां छिपाने के लिए केंद्र पर दोष न लगाए सरकार। जहां तक आर.डी.एफ. की बात है तो वह केवल पंजाब पर लागू नहीं हुआ। आर.डी.एफ. के नियम पूरे देश के लिए समान हैं। आप की सरकार होने के कारण पंजाब के साथ पक्षपात नहीं किया जा रहा।

प्र. ऐसी बयानबाजी से जनता को क्या फर्क पड़ता है? पंजाब में भी नकली सरदार-असली चौधरी जैसी बयानबाजी हाल ही में हुई है।
उ.
जनता को कुछ नहीं मिलता। पंजाब की खूबसूरती और मजबूती इसकी भाईचारक सांझ है। जिस पार्टी में 50 साल रहा हूं, जिस पार्टी ने सेक्युलरिज्म के नाम पर वोट ली हैं, वह जब धर्म को आगे ले आए कि वह हिंदू है या सिख है, तो उसकी विचारधारा स्पष्ट हो जाती है।

प्र. एक साल हो गया आपको, कांग्रेस से भाजपा का कल्चर कितना अलग लगा?
उ.
अगर मैं इस पार्टी में आया हूं तो देश या पंजाब के विकास व बेहतरी में योगदान दे पाया तो यह बदलाव सार्थक साबित होगा। मुझे किसी पद की लालसा नहीं। जहां तक कल्चर की बात है तो जितनी गहराई से यहां कार्यकर्ता काम करते हैं, वह हर दल के लिए आंखें खोलने वाला है। सोशल मीडिया हो या जनता से सीधे संपर्क, भाजपा का वर्कर समर्पित होकर काम करता है।

प्र. कनाडा से 700 विद्यार्थियों को डिपोर्ट करने का मामला उठा था, इसके लिए किसे जिम्मेदार मानेंगे?
उ.
यह पूर्व सरकारों की कमी रही है। यह 700 बच्चे 2017-19 के दौरान कनाडा गए थे। इसमें एक ट्रैवल एजैंट का नाम सामने आ रहा है। जिन्होंने बच्चों के परिवारों को ठगा, उन पर क्या कार्रवाई की गई? केंद्र ने इस मुद्दे को उठाया और कनाडा सरकार ने उस पर संज्ञान लेकर पुनर्विचार करने की बात कही है। पंजाब सरकार एक आंकड़ा तो दे कि कानून के मुताबिक काम न करके बच्चों को विदेश भेजने वाले कितने ट्रैवल एजैंट सरकार ने पकड़े हैं?

प्र.प्रताप बाजवा ने ऑप्रेशन लोट्स पर रिपोर्ट विधानसभा में लाने की मांग की है। इस पर आप क्या कहेंगे?
उ.
वो कहते हैं न कि सच्चाई छुप नहीं सकती। सुनील जाखड़ या अश्वनी शर्मा ने तो आवाज नहीं उठाई बल्कि कांग्रेस भी अब कहने लगी है। इनके सी.एल.पी. लीडर बाजवा भी कह रहे हैं। शायद हाईकमान को इशारा कर रहे हों कि उनके पास और भी विकल्प हैं।

प्र. आपके भतीजे ने भी ऐसे ही विवाद में ट्वीट करके जवाब दिया था?
उ.
संदीप जाखड़ खुद मुख्तार है, उसने सही बात कही थी मगर मैं इसके हक में नहीं था, उसे इतना गर्म होने की जरूरत नहीं थी। उसे तो गर्व होना चाहिए था कि कांग्रेसी एक साल बाद उसके चाचा (सुनील जाखड़) को याद करती है कि उनके पास तो कोई आवाज उठाने वाला है नहीं। उनके जो पढ़े-लिखे लीडर हैं, उन्हें तो मी-टू वाले अपने नेता के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए थी। विदेश में चाहे किसी भी पार्टी का नेता गया हो, उसका वहां विरोध नहीं होना चाहिए मगर आप अपनी चमड़ी बचाने के लिए जब पगड़ी को उतार कर कांख में दबा लेते हो और हुडी पहनते हो तो क्या यह दस्तार की बेअदबी नहीं? ये बात मैं नहीं कह रहा, इनके सी.एल.पी. लीडर प्रताप बाजवा ने मंच से कहा था कि नकली सरदार की दस्तार के नीचे केस ही नहीं हैं, उनका इशारा किस ओर था?

प्र. अमित शाह कल गुरदासपुर आ रहे हैं। भाजपा का पंजाब को लेकर क्या विजन है?
उ.
भाजपा का विजन विकास है। भाजपा वोट लेने के लिए कुछ मुफ्त देने का शोशा नहीं छेड़ती। पंजाब व खासकर गुरदासपुर और बार्डर बैल्ट में बड़ा मसला ड्रोन का है। अमित शाह दिल्ली में बैठक में कह रहे थे कि सीमावर्ती लोगों को सशक्त किया जाए। उन्हें रोजगार दिया जाए। अगर रोजगार मिले तो ड्रग्स और युवाओं की कई समस्याएं खत्म हो जाएंगी।

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News Editor

Urmila

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