कोरोना संकट में डाक्टरों की लापरवाही, खतरे में डाली गर्भवती की जान, चलती कार में दिया बच्ची को जन्म
punjabkesari.in Friday, Jul 17, 2020 - 05:48 PM (IST)
बस्सी पठाना (राजकमल): पंजाब सरकार की तरफ से कोरोना महामारी को देखते हुए ज़रूरी सावधानिया को अमल में लाने के दिशा -निर्देश दिए गए हैं। सेहत विभाग को भी अस्पतालों में हर आने वाले मरीज़ की सावधानी के तौर पर जांच करन की हिदायत है परन्तु सरकार की जारी हिदायतें का नुक्सान बस्सी पठाना में गरीब परिवार की एक गर्भवती महिला को भुगतना पड़ा। जानकारी देते अनिल कुमार ने बताया कि सुनील कुमार उस के पास काम करता है और उसकी पत्नी रेखा गर्भवती थी, जिसका इलाज सिविल अस्पताल बस्सी पठाना में चल रहा था। आज सुबह दर्द होने पर वह अस्पताल में गई तो मौके पर मौजूद डाक्टर की तरफ से उसका कोरोना टेस्ट करने के बाद ही डिलीवरी केस को हल करन की बात कही गई। इस दौरान रेखा की तरफ से डाक्टरों को अपने पेट में पल रहे बच्चो की ज़िंदगी बचाने की गुहार भी लगाई गई परन्तु उसकी कोई सुनवाई नहीं की गई। जिस कारण निराश होकर रेखा अपने घर वापस आ गई। डिलीवरी की पीड़ा दोबारा होने पर उसने अपने पति सुनील को जानकारी दी, जिसने अपने मालिक अनिल को इस बारे सूचित किया। जिस के बाद अनिल कुमार की तरफ से अपनी निजी कार में रेखा को बिठा कर सिविल अस्पताल फ़तेहगढ़ साहिब जब लेकर जा रहा था तो संत नामदेव रोड पर ही कार के अंदर रेखा ने लहु -लुहान हालत में बच्ची को जन्म दे दिया। जिसके बाद उसे एक निजी अस्पताल दाख़िल करवाया गया है।
डाक्टरों और स्टाफ पर बनती कार्यवाही की जाएगी
पीड़त परिवार की तरफ से इस घटना संबंधी हेल्पलाइन 112 को भी जानकारी दे दी गई। अनिल कुमार ने कहा कि पंजाब सरकार बढ़िया सेहत सहूलतें दिलाने के दावे करती आ रही है परन्तु बस्सी पठाना में इन दावों का कोई अस्तित्व नहीं है। इस मौके आम आदमी पार्टी के हलका इंचार्ज रुपिन्दर सिंह हैपी और भाजपा के एससी सेल के ज़िला प्रधान राजीव कुमार ने कहा कि पंजाब के मुख्य मंत्री सेहत सेवाओं की तरफ ध्यान देना चाहिए और ऐसीं घटनाएँ को गंभीरता के साथ लेते हुए संबंधी डाक्टरों और स्टाफ पर बनती कार्यवाही अमल में लाने की ज़रूरत है।
क्या कहना है एसएमओ का
इस संबंधी सिविल अस्पताल बस्सी पठाना की एसएमओ डा. निर्मल कौर के साथ बात की गई तो उन्होंने कहा कि उक्त मरीज़ सुबह रुटीन टैस्ट के लिए ज़रूर आई थी और उसके पास न ही पिछले टेस्ट संबंधी कोई रिपोर्ट थी, जिस करके सरकार की हिदायतें को मुख्य रखते हुए उसको कोरोना टेस्ट करवाने बारे कहा गया था जिस के बाद वह वापस चली गई। अस्पताल में गर्भवती केस देखने वाला कोई भी डाक्टर नहीं है और उनकी तरफ से अपने तौर पर ही ऐसे मामलों को संभालने की कोशिश की जा रही है। इस संबंधी सिवल सर्जन को भी जानकारी है। मरीज़ की तरफ से अस्पताल के डाक्टरों और स्टाफ पर लगाए गए आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं। जब इस संबंधी बस्सी पठाना के एक निजी अस्पताल के डा. कुलदीप सिंह के साथ बात की गई तो उन बताया कि दाख़िल रेखा रानी और उसकी बच्ची की हालत इस समय ठीक है।