Punjab : अभिभावकों और स्कूलों के लिए Alert, किताबों को लेकर नए निर्देश जारी

punjabkesari.in Monday, Nov 17, 2025 - 11:49 AM (IST)

लुधियाना (विक्की) : सैंट्रल बोर्ड ऑफ सैकेंडरी एजुकेशन (सी.बी.एस.ई.) ने देश भर के सभी स्कूलों को एक महत्वपूर्ण और कड़ी चेतावनी जारी की है, जिसमें बाजार में बिक रही नकली एन.सी.ई.आर.टी. किताबों के बढ़ते चलन पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि ये जाली किताबें छात्रों की शैक्षणिक गुणवत्ता को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं, जिसके कारण स्कूलों को तुरंत सतर्क होने की आवश्यकता है।

सी.बी.एस.ई. को ऐसी शिकायतें मिली हैं कि कुछ अनधिकृत दुकानदार और विक्रेता जानबूझकर एन.सी.ई.आर.टी. की नकली प्रतियां बेच रहे हैं। ये किताबें अक्सर कम कीमत पर उपलब्ध होती हैं, लेकिन इनमें गुणवत्ता और सामग्री से जुड़ी कई गंभीर समस्याएं पाई जा रही हैं, जिनमें मुख्य रूप से कागज और प्रिंट की खराब गुणवत्ता, गलत प्रिंटिंग, विषय-वस्तु में त्रुटियां और कई जगह जानकारी गलत या अधूरी होना शामिल है। बोर्ड ने कहा है कि ऐसी त्रुटिपूर्ण किताबें छात्रों के सीखने की प्रक्रिया में भ्रम और गलतफहमी पैदा कर सकती हैं, जिससे उनकी पढ़ाई को नुकसान पहुंचता है।

सी.बी.एस.ई. द्वारा दिए गए प्रमुख निर्देश

शैक्षणिक गुणवत्ता और छात्रों की सीखने की प्रक्रिया की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, सी.बी.एस.ई. ने सभी स्कूल प्रमुखों को तत्काल प्रभाव से कुछ कड़े निर्देश दिए हैं। बोर्ड ने उन्हें सलाह दी है कि वे अभिभावकों को बताएं कि केवल असली और अधिकृत एन.सी.ई.आर.टी. किताबें ही खरीदें। इसके अलावा, यदि स्कूल स्वयं किताबें मंगाते हैं, तो यह खरीदी केवल अधिकृत स्रोतों से ही की जानी चाहिए।

इस महत्वपूर्ण सलाह को शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों के साथ व्यापक रूप से सांझा करने के लिए भी कहा गया है। बोर्ड ने कहा कि असली किताबों का इस्तेमाल सुनिश्चित करना छात्रों की शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए बेहद जरूरी है, और इसी वजह से इस निर्देश का सख्ती से पालन करने के लिए कहा गया है।

एन.सी.ई.आर.टी. किताबें कहां से खरीदें?

असली एन.सी.ई.आर.टी. किताबें कहां से खरीदी जा सकती हैं, यह स्पष्ट करते हुए, सी.बी.एस.ई. ने 4 अधिकृत माध्यम बताए हैं: एन.सी.ई.आर.टी. के क्षेत्रीय उत्पादन एवं वितरण केंद्र (आर.पी.डी.सी.), एन.सी.ई.आर.टी. वैबसाइट पर सूचीबद्ध अधिकृत विक्रेता, एन.सी.ई.आर.टी. डाक आपूर्ति सेवा (पोस्टल डिलीवरी सर्विस) और ऑफिशियल एन.सी.ई.आर.टी. अमेजन स्टोरफ्रंट। स्कूलों को यह भी सलाह दी गई है कि जरूरत पड़ने पर वे अपने नजदीकी आर.पी.डी.सी. से सहायता भी ले सकते हैं। इस कदम का उद्देश्य सीखने में भ्रम और गलतफहमी पैदा करने वाली नकली किताबों के चलन को रोकना है।

प्राइवेट पब्लिशर्स की मनोपली नहीं तोड़ पा रही सी.बी.एस.ई.

यहां बताना उचित है कि कई बुक विक्रेता और निजी बुक्स पब्लिशर अपने मोटे मुनाफे के लिए ज्यादा मुनाफे वाली महंगी किताबें स्कूलों में लगवा देते हैं। वैसे तो स्कूलों और किताब पब्लिशर की आपसी सांठ-गांठ की बात अब किसी से छिपी नहीं रही है, हालांकि सी.बी.एस.ई. अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर पाई है लेकिन फिर भी निजी पब्लिशर और किताब विक्रेता कम क्वालिटी वाली महंगी किताबें स्कूलों में लगवा रहे हैं। इस पूरे मामले को लेकर एक एन.जी.ओ. जल्द ही सभी दस्तावेज़ी सबूतों के साथ सी.बी.एस.ई. को औपचारिक शिकायत भेजने जा रहा है।

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News Editor

Urmila

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