सिद्धू के लिए चुनौती ही नहीं अवसर भी है बिजली विभाग संभालना

punjabkesari.in Saturday, Jun 08, 2019 - 10:47 PM (IST)

चंडीगढ़(शर्मा): पंजाब सरकार में मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह और कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच छिड़े कोल्ड वॉर का पटाक्षेप सिद्धू की हाईकमान के साथ संवाद के बाद ही निकलने के आसार हैं, लेकिन विभाग बदले जाने के बाद सरकार द्वारा फ्लैगशिप कार्यक्रमों को लागू करने के लिए गठित सलाहकार समितियों में सिद्धू को दरकिनार करने से मुख्यमंत्री के मंसूबे साफ झलक रहे हैं लेकिन नाक की लड़ाई तक पहुंचे घटनाक्रम के बाद भी सिद्धू बिजली विभाग की कमान संभाल लेते हैं तो चुनौती के साथ-साथ अपनी साख जनता के बीच और चमकाने का अवसर भी होगा। इसके अलावा पड़ोसी राज्यों के मुकाबले पंजाब में बिजली दरें अधिक होना भी उपभोक्ता को रास नहीं आ रहा है। 

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अमीर किसानों को बिजली सबसिडी समाप्त करने के मामले से निपटने की चुनौतियां 

हालांकि सिद्धू के सामने विभाग की जिम्मेदारी संभालने के बाद उक्त मुद्दों के साथ-साथ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चल रहे अमीर किसानों को बिजली सबसिडी समाप्त करने के मामले से निपटने की चुनौतियां हैं, लेकिन पावर पर्चेज एग्रीमैंट्स को निरस्त करने का कदम सिद्धू उठा लेते हैं तो वह न सिर्फ अपनी सरकार, बल्कि पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल को घेरने का अवसर भी पा लेंगे। क्योंकि सभी एग्रीमैंट उस समय हुए थे जब सुखबीर उपमुख्यमंत्री के साथ-साथ बिजली विभाग भी संभाले हुए थे।

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