अब DJ वाला बाबू अपनी मर्जी से नहीं बजा पाएगा गाना, जानें पूरा मामला

punjabkesari.in Thursday, Oct 26, 2023 - 07:14 PM (IST)

जालंधर (नरेन्द्र मोहन): 700 करोड़ वाली पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री में 2500 करोड़ का घोटाला बाहर आने को फड़फड़ा रहा है। मामला संगीत के कथित गुंडा टैक्स का है। चंद गैर अधिकृत म्यूजिक कंपनियां डी.जी. वालों से धन वसूली कर रही है। वर्ष 2013 में केंद्र सरकार द्वारा अनधिकृत घोषित की कम्पनियां पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा से अब तक 2500 करोड़ से अधिक वसूल चुकी है। पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के डी.जी. वालों ने अब निर्णय किया है कि वे अगर कोई टैक्स देंगे तो सरकारी विभाग को अन्यथा वे अब पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के गीत नहीं बजाएंगे।

आज कल शादी-ब्याह का सीजन चल रहा है। ऐसे में उन लोगों की संख्या भी बढ़ गई है जो डी.जी. वालों से शादी के कार्यक्रम में पंजाबी फिल्मों के गीत बजाने के बदले में मोटी राशि वसूल रहे है। अगर शादी का कार्यक्रम किसी होटल में है तो होटल मालिक भी पहले एन.ओ.सी. (कोई आपत्ति नहीं) प्रमाण-पत्र मांगते है। दिलचस्प बात ये है कि इस वसूली में मुख्य रूप से 3 बड़ी कंपनियां लगी हुई है।

डी.जे. लाइट एंड साउंड एसोसिएशन, पंजाब के अध्यक्ष प्रकाश चंद काला के आरोप अनुसार उक्त कंपनियों के प्रतिनिधि पिछले कई वर्षों से होटल इंडस्ट्री के साथ मिलकर लोगों को डरा धमकाकर झूठे केस की धमकी देकर मोटी रकम वसूलते हैं। लोग होटल में अपने पारिवारिक फंक्शन के लिए बुकिंग करवाते हैं, वहीं कई होटल वाले प्राइवेसी को लीक करते हुए अपने होटल में हो रहे फंक्शन के बारे में इन कंपनियों को सूचित कर देते हैं। इससे इन कंपनियों के प्रतिनिधि मौके पर पहुंच आर्गेनाइजर को अवैध रूप से म्यूजिक चलाने पर लीगल कार्रवाई की धमकी देते हैं। किसी भी लीगल कार्रवाई से बचने के लिए आर्गेनाइजर किसी भी प्रकार के समझौते के लिए तैयार हो जाता है और वसूली करने पहुंचे कंपनियों के प्रतिनिधि उन्हें आधी रकम की जाली रसीद थमा देते हैं।

अगर कोई समझौता नहीं करता तो उसे डराया धमकाया जाता है। इस तरह से इन कंपनियों द्वारा कई होटलों के सहयोग से देशभर में 2500 करोड़ से अधिक की लूट खसोट का घपला किया जा चुका है। एसोसिएशन के चंडीगढ़ के वरिष्ट पदाधिकारी संजीव वधवा के अनुसार, उक्त 3 म्यूजिक कम्पनियों के विरुद्ध दिल्ली और मद्रास हाईकोर्ट भी निर्णय दे चुकी है और आर.टी.आई से मांगी जानकारी के मुताबिक भी ये बात स्पष्ट हो चुकी है कि विवादित 3 कंपनियों को टैक्स वसूलने का कोई अधिकार नहीं। उनके मुताबिक अगर उक्त कंपनियों ने वसूली राशि किसी कलाकार, गायक को रॉयल्टी के रूप में दी है तो उसका भी विवरण देना चाहिए। परन्तु ऐसा कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि डी.जे. बजाने वालों का दोष इतना है कि वे यू-ट्यूब से कोई गाना डाउनलोड करके बजाते है। इसमें अगर कोई आपत्ति है तो केंद्र सरकार को उसके लिए कोई पैमाना तय करना चाहिए। 

पंजाब समेत आधा दर्जन राज्यों से आए डी.जे. लाइट एंड साउंड एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने आज चंडीगढ़ में प्रदर्शन भी किया और एसोसिएशंस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया समेत कई विभागों को पत्र लिखकर इस बड़े घोटाले की जांच करवाए जाने की मांग की है।

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News Editor

Kamini

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