अब लोगों को मुश्किलों का नहीं करना पड़ेगा सामना, नगर निगम की यह शुरूआत

punjabkesari.in Monday, Oct 24, 2022 - 02:02 PM (IST)

लुधियाना (हितेश): नगर निगम कमिश्नर शेना अग्रवाल द्वारा लोगों को ऑनलाइन सेवाएं देने पर जो फोकस किया जा रहा है, उसके तहत ई-ऑफिस सिस्टम लागू करने की शुरूआत जोन-ए से होगी जिसके लिए सॉफ्टवेयर बनाने का काम चल रहा है और उसके साथ ही प्रॉपर्टी टैक्स ब्रांच के मुलाजिमों को ट्रेनिंग दी जा रही है जो प्रक्रिया मुकम्मल होने में 15 दिन का समय लग सकता है जिसके बाद जोन-ए ऑफिस में प्रॉपर्टी टैक्स ब्रांच से संबंधित सारा काम ऑनलाइन हो जाएगा।

यह अपनाया जाएगा पैटर्न

इस सिस्टम के लागू होने के बाद मैनुअल काम बंद हो जाएगा और टी.एस.-1 जारी करने, प्रॉपर्टी को नया नंबर लगाने या मलकीयत बदलने से संबंधित कोई भी आवेदन आने पर पहले दस्तावेज को ऑनलाइन अपलोड किया जाएगा, उसी सिस्टम के जरिए फाइल नीचे से ऊपर तक के अधिकारियों के पास जाएगी और मंजूर होने पर उसी रास्ते से वापिस सुविधा सैंटर में भेजी जाएगी।

लोगों को यह होगा फायदा

इस सिस्टम के लागू होने के बाद लोगों को नगर निगम में चल रहे किसी फाइल को बेवजह एतराज लगाकर पैंडिंग रखने की रिवायत से छुटकारा मिल जाएगा और फाइल पर मैनुअल रिपोर्ट करवाने के लिए एक से दूसरे मुलाजिम के पास जाकर सैटिंग करने की जरूरत नहीं होगी।

फाइल पैंडिंग रहने की ऑनलाइन होगी मॉनीटरिंग

इस सिस्टम में किसी भी काम को पूरा करने के लिए डैडलाइन फिक्स की जाएगी और जोनल कमिश्नर, एडीशनल कमिश्नर या कमिश्नर के लैवल पर ऑनलाइन मॉनीटरिंग होगी कि किस मुलाजिम द्वारा कितनी देर तक फाइल को बेवजह एतराज लगाकर पैंडिंग रखा गया जिसे लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

एस.एम.एस. के जरिए मिलेगा अपडेट

इस सिस्टम के लागू होने के बाद लोगों को अपने काम का स्टेटस जानने के लिए नगर निगम ऑफिस में चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी बल्कि आवेदन दाखिल करने के बाद उन्हें एस.एम.एस. के जरिए अपडेट मिलेगा कि फाइल किस अधिकारी के पास पहुंच गई है और किसके द्वारा क्लीयर कर दी गई है। इसी तरह फाइल पर कोई एतराज लगाने या फाइल क्लीयर होने की सूचना दी जाएगी।

मौजूदा समय में ये हैं हालात

मौजूदा समय के दौरान नगर निगम में टी.एस.-वन जारी करने, प्रॉपर्टी को नया नंबर लगाने या मलकीयत बदलने के लिए सुविधा सैंटर पर आवेदन करने के बाद कोई बकाया न होने संबंधी मैनुअल रिपोर्ट करवानी पड़ती है। इसके अलावा नीचे से ऊपर तक के मुलाजिमों द्वारा बेवजह एतराज लगाकर फाइल को पैंडिंग रखा जाता है जिससे सरकार द्वारा राइट टू सर्विस एक्ट के अंतर्गत फिक्स की गई डैडलाइन का उल्लंघन हो रहा है जबकि वह काम सैटिंग या सिफारिश के साथ हाथों-हाथ हो जाता है।

वर्ल्ड बैंक द्वारा लगाई गई है शर्त

वर्ल्ड बैंक द्वारा नहरी पानी को पेयजल का विकल्प बनाने की योजना के लिए फंड देने से पहले जो शर्त लगाई गई है, उसमें ज्यादा से ज्यादा ऑनलाइन सेवाएं देने का पहलू भी शामिल है जिसके मद्देनजर नगर निगम द्वारा ई-ऑफिस लागू करने पर जोर दिया जा रहा है और इसके लिए बाकायदा आई.टी. विंग बनाने का फैसला किया गया है।

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News Editor

Urmila

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