वन्य घोटाला: पूर्व मंत्री के बाद अब विजीलैंस ब्यूरो के AIG भी घेरे में

punjabkesari.in Thursday, Jun 16, 2022 - 08:51 AM (IST)

जालंधर (नरेन्द्र मोहन): पंजाब के वन्य घोटाले की पर्तें दिन-ब-दिन खुलती ही जा रही हैं। पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत की गिरफ्तारी के बाद अब घोटाले में लिप्त अधिकारियों के नाम भी आने लगे हैं। और तो और पूर्व में इस मामले की जांच कर रहे विजीलैंस ब्यूरो के तत्कालीन एस.पी. और अब ए.आई.जी. अशीष कपूर को भी घेरे में ले लिया है।

वन्य विभाग के मुख्य वन्यपाल ने विजीलैंस ब्यूरो के डायरैक्टर को एक सरकारी पत्र लिख कर चर्चित एस.पी. आशीष कपूर को गबन का आरोपी बताया है और उस पर मोहाली में बन रही कोठी में लाखों की लकड़ी इस्तेमाल करने और दोषियों को बचाने के लिए जांच के दस्तावेज खुर्द-बुर्द करने का आरोप लगाया है। मुख्य वन्यपाल (हिल्स) ने एस.पी. समेत वन्य विभाग के चंद अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की सिफारिश की है। पंजाब के वन्य विभाग में जिला मोहाली में हिमाचल प्रदेश की वादियों के करीब बने फार्म हाऊस आबंटन का विवाद भी अभी चल रहा है। इसके साथ वृक्ष काटने का मुद्दा भी गर्माने लगा है। इस मामले में वन्य विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई में देरी को लेकर पंजाब के मुख्य वन्यपाल (हिल्स) ने एक सरकारी पत्र विजीलैंस ब्यूरो का लिखा है, जिसमें पूर्व में वृक्ष काटने के मामले का जिक्र करते हुए कहा गया है कि पूर्व में भी तत्कालीन एस.पी. आशीष कपूर, जो कि अब ए.आई.जी. विजिलैंस ब्यूरो हैं, से जांच करवाई गई थी। 

पत्र में आरोप लगाया गया है कि जो वृक्षों की अवैध कटाई हुई थी उस पर तत्कालीन एस.पी. विजीलैंस अशीष कपूर ने कोई मुकद्दमा दर्ज नहीं करवाया था, बल्कि संबंधित जंगलात के ठेकेदारों की स्टेटमैंट भी खुर्द-बुर्द कर दी थी। आरोप अनुसार जांच में इसे विभागीय अनियमितता बताया गया था, जबकि परमिट चैक किए गए तो यह बात सामने आई थी कि वन मंडल अधिकारी अमनप्रीत सिंह के द्वारा मंत्रियों तक को धनराशि भेजी जाती रही है और इस सब के बदले अमनप्रीत सिंह वन मंडल अधिकारी ने एस.ए.एस. नगर टिंबर स्टोर से लक्कड़ को अवैध रूप से ए.आई.जी. अशीष कपूर के नए बन रहे घर के लिए खरीद कर भेजा था।  

पत्र अनुसार कानूनों का जो बड़े पैमाने पर तत्कालीन एस.पी. अशीष कपूर द्वारा उल्लंघन किया गया है उससे बहुत बड़े धन का गबन हुआ है। सरकारी पत्र में कहा गया है कि यह मामला भ्रष्टाचार निरोधक एक्ट के तहत डील करना बनता था और अब इस मामले में वन मंडल अधिकारी व अमनप्रीत सिंह तत्कालीन एस.पी. विजीलैंस आशीष कपूर और इंस्पैक्टर धर्मपाल के विरुद्ध मुकद्दमा दर्ज करना बनता है। जबकि इस मामले में ले-देकर क्लीन चिट भी जारी की गई। पत्र में ऐसा भी आरोप है कि वन्य विभाग के एक ठेकेदार का नाम मुकद्दमे में आ रहा है और उसके कुछ चित्र भी अधिकारियों को भेजे गए थे परंतु उन दस्तावेजों को भी ए.आई.जी. अशीष कपूर ने कथित रूप से मौके से गायब कर दिया। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इस घोटाले में विजीलैंस ब्यूरो ने इसी 2 और 6 जून को 2 अलग-अलग मुकद्दमे दर्ज किए हैं और जिसमें जांच भी की जा रही है, पर विजीलैंस अधिकारी का नाम इसमें आने से मामले की गंभीरता और भी बढ़ गई है।


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Vatika

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