Online शॉपिंग कम्पनियों के गोदामों पर सुरक्षा एजैंसियों की नजर

punjabkesari.in Tuesday, Dec 11, 2018 - 09:55 AM (IST)

जालंधर (रविंदर): ऑनलाइन शॉपिंग आजकल प्रदेश के लोगों के सिर पर चढ़कर बोल रही है। ऐसे में रोजाना हजारों-लाखों पैकेट कोरियर व अन्य साधन के जरिए इन ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों के गोदामों पर पहुंच रहे हैं। गोदाम भी ऐसे कि इनमें कुछ भी महीनों तक छिपाकर रखा जा सकता है।
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खुफिया एजैंसियों ने इस बात को लेकर अलर्ट किया है कि इन ऑनलाइन शॉपिंग कम्पनियों की आड़ में पाकिस्तान समर्थित आतंकी हथियार या विस्फोटक सामग्री इधर-उधर कर सकते हैं और इन कम्पनियों के गोदामों को हथियारों का अड्डा बना सकते हैं। खुफिया अलर्ट के बाद देश की सुरक्षा एजैंसियों की नजर अब इन ऑनलाइन शॉपिंग कम्पनियों के गोदामों पर है। गौर हो कि ऑनलाइन शॉपिंग कम्पनियां रोजाना करोड़ों का बिजनैस कर रही हैं। जब बिजनैस करोड़ों का है तो सामान भी लाखों पैकेट की तादाद में इधर से उधर जा रहा है, मगर पंजाब में बाहर से आने वाले इस सामान पर कोई स्कैनिंग नहीं है। ट्रांसपोर्ट के जरिए पहुंचने वाले इस सामान को रास्ते में भी ज्यादा चैकिंग से कहीं गुजरना नहीं पड़ता है। बंद लिफाफों व पैकेट को ऑनलाइन शॉपिंग कम्पनियों के गोदाम पर पहुंचा दिया जाता है। जहां से ये आगे कस्टमर को डिलीवर कर दिया जाता है। मगर सबसे हैरानी की बात यह है कि यह सामान न तो रास्ते में कहीं स्कैन होता है और न ही गोदामों में कभी चैक किया जाता है।  
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कश्मीरी व खालिस्तानी आतंकी मिलकर दे सकते हैं पंजाब में बड़ी वारदात को अंजाम
गौर हो कि पाकिस्तान की खुफिया एजैंसी लगातार पंजाब में दोबारा आतंकवाद का बीज बोने के लिए तत्पर है। पिछले एक साल के भीतर ही आतंकी संगठनों से जुड़े कई मॉड्यूल्स का पुलिस खुलासा कर चुकी है और भारी मात्रा में हथियार भी बरामद हो चुके हैं। जालंधर के सी.टी. इंस्टीच्यूट से गिरफ्तार अंसार गजवत-उल-हिंद संगठन के आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद से ही राज्य भर में अलर्ट है। खौफनाक बात यह है कि कश्मीरी व खालिस्तानी आतंकी आपस में हाथ मिला चुके हैं और पंजाब में बड़ी वारदात की फिराक में हैं। अंसार गजवत-उल-हिंद संगठन का आका जाकिर मूसा पंजाब के आसपास मंडरा रहा है और मकसूदां थाने पर हमला भी इसी संगठन ने किया था। पुलिस के गश्ती दल व पुलिस थाने इस आतंकी संगठन के निशाने पर हैं। राज्य को प्रवेश करने वाले रास्तों पर पुलिस का कड़ा पहरा होने के कारण ये संगठन इन ऑनलाइन शॉपिंग कम्पनियों की आड़ में कभी भी हथियारों का जखीरा इधर-उधर कर सकते हैं।  


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