पाक ड्रोन प्रणाली BSF के साथ-साथ पुलिस के लिए भी बनी चुनौती
punjabkesari.in Thursday, Oct 27, 2022 - 12:58 PM (IST)

गुरदासपुर: पाकिस्तान की खुफिया एजैंसी आई.एस.आई. की भारत विरोधी ड्रोन प्रणाली इस समय सीमा सुरक्षा बल के साथ-साथ पंजाब पुलिस के लिए भी एक चुनौती बनी हुई है। क्योंकि इस ड्रोन प्रणाली के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजैंसी ने पाकिस्तान के नशा तस्करों की मदद से भारत में अपने पुराने तस्करों तथा नशीले पदार्थों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने वाली पांडियों (लेबर) को भी सक्रिय करने में सफलता प्राप्त कर ली है। पाकिस्तान को इस बात की समझ लग चुकी है कि वह भारत से सीधी लड़ाई नहीं लड़ सकता तथा घुसपैठ करवाकर अपने आतंकवादी भेज कर या नशा तस्करों के माध्यम से नशीले पदार्थ भेज कर सफल नहीं हो सकता। भारत-पाकिस्तान सीमा पर सख्ती होने के कारण जम्मू-कश्मीर की लाइन आफ कंट्रोल (एल.ओ.सी.) और पंजाब के साथ लगती सीमा के रास्ते से बार-बार कोशिश के बावजूद घुसपैठ नहीं करवा पा रहा है और न ही नशीले पदार्थ व छोटे हथियार भारत में भेजने में सफल हो रहा है। इस कारण पाकिस्तान की खुफिया एजैंसी आई.एस.आई. ने अपनी भारत विरोधी बनाई योजनाओं में परिवर्तन कर ड्रोन प्रणाली शुरू की है।
कौन सहयोग कर रहा है इस साजिश में
सूत्रों के अनुसार इस ड्रोन प्रणाली के लिए आई.एस.आई. ने अपने अंतर्राष्ट्रीय तस्कर गफूरा पटवारी की मदद ली है। इसको सहयोग करने के लिए खालिस्तान जिन्दाबाद फोर्स के चीफ रंजीत सिंह नीटा की ड्यूटी लगाई गई है क्योंकि अन्य खालिस्तानी संगठनों ने इस काम के लिए सहयोग करने और विशेष कर रंजीत सिंह नीटा की अगुवाई में काम करने से इंकार कर दिया है। गफूला पटवारी तथा रंजीत सिंह नीटा ने इस काम के लिए पंजाब, जम्मू-कश्मीर तथा राजस्थान में अपने पुराने भारतीय तस्करों और पांडियों से सम्पर्क स्थापित कर पुन: सक्रिय होने के लिए कहा है। अफगानिस्तान से पंजाब व जम्मू-कश्मीर की अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक हैरोइन लाने की जिम्मेदारी गफूरा पटवारी को सौंपी गई है। इसके लिए कुल लाई गई हैरोइन का 20 प्रतिशत हिस्सा उसे पाकिस्तान में ही बेचने की इजाजत दी गई है। जबकि छोटे हथियार पाकिस्तान की खुफिया एजैंसी उपलब्ध करवा रही है। ड्रोन के माध्यम से नशीले पदार्थ पंजाब तथा जम्मू-कश्मीर सीमा के रास्ते भेजने की कोशिश आई.एस.आई. द्वारा लगातार जारी है। पंजाब के सामने पाकिस्तान की लगती बी.ओ.पी. पर यह नशीले पदार्थ रखे गए हैं। इसमें गफूरा पटवारी व रंजीत सिंह नीटा सप्लाई करता है। पाकिस्तान की खुफिया एजैंसी बार-बार ड्रोन से नशीले पदार्थ व छोटे हथियार गिराने के लिए सुरक्षित रास्तों की तलाश कर रही है। जबकि ड्रोन के माध्यम से ईंट गिरा कर भी सुरक्षित रास्तों की तलाश की जा रही है। इसके अलावा नशीले पदार्थ भी लगातार भेजे जा रहे हैं।
पाक की हर साजिश को करेंगे असफल
सीमा सुरक्षा बल गुरदासपुर सैक्टर के डी.आई.जी. प्रभाकर जोशी ने कहा कि वह अभी छुट्टी पर हैं। उन्होंने कहा कि यह ठीक है कि पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन प्रणाली योजना में काफी तेजी लाई जा रही है। प्रतिदिन उन्हें सीमा पर ड्रोन का मुकाबला करना पड़ रहा है। पाकिस्तान से आने वाले ड्रोन को गिराया भी जा रहा है तथा भगाया भी जा रहा है। ड्रोन की सूचना मिलते ही इलाके में सर्च अभियान शुरू कर दिया जाता है। उन्होंने स्वीकार किया कि हो सकता है कि नशीले पदार्थों का कुछ हिस्सा उनके हाथ न लगता हो। परंतु सीमापार से किसी तरह की घुसपैठ या नशीले पदार्थों की तस्करी पर पूरी तरह से रोक है। उनकी कोशिश है कि पाकिस्तान की किसी भी साजिश को सफल न होने दिया जाए। वे पुलिस के साथ मिल कर काम कर रहे हैं तथा वे पाकिस्तान की हर भारत विरोधी साजिश को असफल करेंगे।
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