पाकिस्तान ने बदला करतारपुर परियोजना का नाम, लेकिन मकसद बिजनेस मॉडल ही रहेगा

punjabkesari.in Friday, Nov 06, 2020 - 05:52 PM (IST)

जालंधर (एन मोहन): पाकिस्तान ने एक बार फिर से करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के मामले में धूल झोंकी है। पाकिस्तान सरकार ने अब इस परियोजना का नाम ' प्रोजेक्ट बिजनेस प्लान' से बदल कर करतारपुर कॉरिडोर प्रोजेक्ट रख दिया है। नाम में सुधार की नई अधिसूचना अब जारी की गई है। परन्तु अभी भी इस परियोजना में सिखों को बाहर रखा गया है और इस परियोजना में सभी 9 सदस्य मुस्लिम समुदाय से हैं। इस परियोजना का मकसद अभी भी देश की आय में इजाफा करना है और करतारपुर साहिब को बिजनेस मॉडल में विकसित करना है।

पाकिस्तान सरकार गुरद्वारा करतारपुर साहिब से शुल्क के रूप में प्रति वर्ष 555 करोड़ रूपए (पाकिस्तानी रूपए और भारतीय करंसी के रूप में 259 करोड़ रूपए) की आय के रूप में देख रही थी। पाकिस्तान सरकार ने जो करतारपुर गलियारा और गुरद्वारा साहिब पर राशि खर्च की थी, उसे लेकर वहां की सरकार पर प्रश्न उठने लगे थे।पाकिस्तान सरकार पाकिस्तान से गुरद्वारा दरबार साहिब में आने वाले श्रद्धालुओं से प्रति व्यक्ति 200 पाकिस्तानी रूपए और भारत से आने वाले श्रद्धालुओं से 20 डॉलर फीस लेती है। सरकार के नए निर्णय को  गुरद्वारा करतारपुर साहिब को व्यापारिक रूप में लिया जा रहा है। 

इसी बात को लेकर भारत के मीडिया समेत देश-विदेश में बसे सिखों ने तीखी प्रतिक्रिया प्रकट की थी। जबकि ऐसा भी माना जाने लगा था कि करतारपुर गलियारा खोलने से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आई.एस.आई. को मनमाफिक परिणाम नहीं मिले और उसी के दबाव तले पाकिस्तान सरकार ने ऐसा फैसला लिया है। करतारपुर साहिब परियोजना को 'प्रोजेक्ट बिजनेस प्लान' का नाम देने पर जब विरोध उठा तो पाकिस्तान ने इसे भारतीय मीडिया का खेल बता कर इसे रफा-दफा करने का प्रयास किया था, जो सफल नहीं हुआ। अभी भी देश-विदेश के सिख समुदाय के लोगों की मांग परियोजना की 9 सदस्यीय कमेटी में सिख सदस्यों को शामिल करने की है।


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Mohit

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