पंजाब में तीसरा फ्रंट बनाने की कोशिशों को नाकामयाब करने पर तुले हैं बादल व कैप्टन: परमिंदर ढींडसा

punjabkesari.in Saturday, Jun 20, 2020 - 02:40 PM (IST)

संगरूर (बेदी): पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री व विधायक परमिंदर सिंह ढींढसा ने आरोप लगाया है कि सुखबीर सिंह बादल व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह पंजाब अंदर तीसरे फ्रंट बनाने की कोशिशों को नाकामयाब करने पर तुले हुए है। अकाली दल बादल केंद्र के दबाव अधीन व कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की सलाह से फैसले लेकर लोगों को गुमराह कर रहा है। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि हिस्सेदारी की राजनीति पंजाबियों को प्रवान ही नही है। यहां पत्रकारों के साथ बातचीत दौरान हिस्सेदारी की राजनीति को ओर स्पष्ट करते हुए कहा कि दोनों पार्टीयां लोगों का ध्यान अहम मुद्दों से हटाकर घटीया राजनीति कर रही है। 

ढींढसा ने कहा कि कैप्टन की हिदायतों के कारण ही पूरे पंजाब अंदर प्रशासन ने कोरोना महामारी को प्राथमिक सुरक्षा के लिए बने नियमों को सूली लटका अकाली दल बादल को इकट्ठ करने की खुली छूट दी जबकि सुखदेव सिंह ढींढसा के बादल छोड़ों मुहिंम में 50 से ज्यादा नेताओं/समर्थकों के शामिल होने पर केस दर्ज करने की धमकियां दी जा रही है। इस कारण बहुत से नेताओं के साथ वीडियो कांफ्रैंस द्वारा बातचीत करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि 50 व्यक्ति ही इकट्ठे हो के नियम कारण मुझे भी लोगों के गर्म मामलों सबंधी प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को मानसा के डी.सी. द्वारा भेजे मांग पत्रों मौके फोन पर ही वर्करों की हौंसला अफजाई करनी पड़ी। दुख की बात है कि अकाली दल बादल स्मर्थकों को इकट्ठ करके नियमों को सूली लटकाने की इजाजत कैसे मिल गई।

ढींढसा ने कहा कि इस समय पंजाब के किसान गंभीर संकट में से गुजर रहे है। कृषि मंडीकरण पर खतरा मंडरा रहा है। पंजाब के किसानों, मजदूरों व छोटे व्यापारियों के हितों की रक्षा के लिए जबरदस्त व लंबा संघर्ष लड़ने का समय है। ढींढसा ने अकाल तख्त साहित के जत्थेदार पर केस दर्ज करने की सख्त निंदा करते हुए कहा कि कांग्रेस की सिख विरोधी सोच जग जाहिर हो गई है। उन्होंने यू.पी के बिजनौर, लखमीरपुर, रामपुर, नानकमत्ता व अन्य स्थानों पर सिखों को तंग परेशान व उजाड़ने की कार्रवाईयों की तीव्र आलोचना करते हुए वहां के मुख्यमंत्री से मांग की कि सिखों व पंजाबी किसानों के जान माल की रक्षा की जाए व हो रही दुर्दशा की ओर ध्यान दिया जाए।
 


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Mohit

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