पंजाब के लोगों को जल्द मिलेगी ये खास सुविधा, नहीं खाने पड़ेंगे धक्के
punjabkesari.in Wednesday, Aug 28, 2024 - 12:23 PM (IST)
चंडीगढ़: पंजाब में प्राथमिक चिकित्सा को मजबूत बनाने के लिए 30 नए मोहल्ला क्लीनिक शुरू किए जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो पंजाब सरकार ने नए मोहल्ला क्लीनिक खोलने की तैयारी लगभग पूरी कर ली है और जल्द ही इन्हें आम मरीजों के लिए शुरू कर दिया जाएगा। मौजूदा समय में पंजाब के विभिन्न जिलों में 842 (530 ग्रामीण और 312 शहर में) मोहल्ला क्लीनिक चल रहे हैं और यहां मरीजों को प्राईमरी हैल्थ केयर के साथ-साथ 38 से अधिक लैब टैस्ट और 80 किस्म की दवा निशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
सूत्रों की मानें तो जल्द ही पंजाब के बठिंडा जिले में 5, होशियारपुर जिले में 2, मानसा जिले में 7, मोगा जिले में 3, पटियाला में 6, मोहाली में 5, मुक्तसर साहिब में 2 मोहल्ला क्लीनिक शुरू किए जाएंगे। पंजाब के मोहल्ला क्लीनिक पर अब तक 1.91 करोड़ मरीजों को ईलाज मिल चुका है, जबकि 66 लाख से ज्यादा मरीज मुफ्त में लैबोरेटरी टैस्ट का लाभ ले चुके हैं। मोहल्ला क्लीनिक की सफलता की वजह यह है कि एक तरफ तो लोगों को उनके घरों के नजदीक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो जाती है वहीं दूसरी तरफ मरीजों का सारा रिकार्ड भी डिजिटल तौर पर सुरक्षित रखा जा रहा है। किसी भी मोहल्ला क्लीनिक के पास ईलाज के लिए जाने पर वहां के डॉक्टर मरीजों की मैडीकल हिस्ट्री भी जान लेते हैं और जिस वजह से मरीजों की बीमारियों का बढ़िया तरीके से ईलाज भी हो रहा है। मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर जरूरत पड़ने पर मरीजों को सैकेंडरी और टर्शरी केयर अस्पतालों में ईलाज के लिए रैफर भी करते हैं। मोहल्ला क्लीनिक पर जाने वाले मरीजों का कहना है कि उन्हें मोहल्ला क्लीनिक पर ईलाज के लिए जाना ज्यादा पसंद है क्योंकि उन्हें डॉक्टर से मिलने के लिए मरीजों की भीड़ वाले अस्पताल में बैठने की जरूरत नहीं पड़ती।
नियमित डॉक्टरों की नियुक्ति से सरकार पर आएगा कम खर्च
पंजाब सिविल मैडीकल सर्विसेज एसोसिएशन (पी.सी.एम.एस.) के अध्यक्ष डॉ. अखिल सरीन का कहना है कि मोहल्ला क्लीनिक की वजह से मरीजों को प्रदेश में आसान ईलाज मिल पा रहा है। लोग छोटी बीमारियों के लिए मोहल्ला क्लीनिक पहुंच रहे हैं। डॉक्टर कंसल्टेशन, निशुल्क दवा और लैब टैस्ट भी उपलब्ध हो रहे हैं परंतु इन क्लीनिक पर कांट्रैक्ट पर डॉक्टर लगाए गए हैं जबकि यहां अगर नियमित डॉक्टर नियुक्त किए जाएं तो मरीज के ईलाज की पूरी जिम्मेदारी डॉक्टर पर ही होगी और सरकार को नियमित डॉक्टर कम खर्च पर मिलेगा क्योंकि कांट्रैक्ट पर काम करने वाले डॉक्टर को प्रति मरीज तकरीबन 50 रुपए दिए जा रहे हैं ऐसे डॉक्टर का कुछ जगहों पर वेतन बहुत ज्यादा बन जाता है जबकि नियमित डॉक्टर के लिए सिर्फ 85,000 रुपए मासिक वेतन का ही सरकार पर खर्च पड़ेगा।