'डंकी' लगा रहे पंजाबी को उठा ले गई पुलिस, परिवार के हालात भावुक कर देंगे आपको, (देखें तस्वीरें)

punjabkesari.in Tuesday, Jun 25, 2024 - 06:03 PM (IST)

शाहकोट: पंजाब के युवा बेहतर भविष्य की उम्मीद में विदेश जाने का रुख कर रहे हैं। ऐसे ही युवाओं की तरह शाहकोट के नजदीकी गांव संगतपुर का एक युवक भी विदेश चला गया। कच्चे घर में रहते हुए, वह जवानी में पैर रखते हुए अपनी जिम्मेदारियों को समझने लगा था, और परिवार की परेशानियों को दूर करने के लिए, वह खुद आर्मीनिया जाकर दिहाड़ी करने लगा।  

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आर्मेनिया जाने में लाखों रुपये खर्च हुए, जिसे परिवार ने कर्ज लेकर इकट्ठा किया। अजय ने आर्मीनिया में काम करने के लिए भारत से वीजा लिया था और कुछ महीनों तक वहां रहने के बाद, उसे अपने दोस्तों के माध्यम से आर्मीनिया से इटली जाने के लिए डोंकी लेने के बारे में पता चला। जिसके चलते वह फिर डोंकी के रास्ते इटली पहुंचने की तैयारी करने लगा। पिछले मार्च महीने में जब अजय अपने कुछ साथियों के साथ डोंकी के जरिए इटली जाने के लिए निकले तो अपने साथियों सहित जॉर्जिया की सीमा के पास सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें पकड़ लिया। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।

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अजय के एक साथी ने पिछले महीने फोन पर परिवार को अजय की हालत के बारे में जानकारी दी  जिसके बाद अजय के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। आज जब अजय के परिवार से संपर्क किया गया तो उनके बड़े भाई बलजिंदर ने कहा कि परिवार के बेहतर भविष्य के लिए अजय विदेश गए था। अजय को विदेश भेजने में लाखों रुपये खर्च हुए थे, जो रुपये उसने ब्याज पर लेकर एजेंट को दिए थे। उनका कहना है कि अर्मीनिया पहुंचने के बाद उन्होंने काम करना शुरू कर दिया, लेकिन उस काम से मिलने वाले रुपयों से वह मुश्किल से अपना गुजारा कर पाते थे। इसी बीच अजय ने उन्हें बताया कि वह अपने साथियों के साथ इटली जाने की तैयारी कर रहा है जिसके चलते अजय ने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से कुछ रुपये भी लिए थे। लाखों रुपए खर्च करने के बाद जब वह डोंकी जरिए इटली जा रहा था तो सीमा के पास पकड़ लिया गया।

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बलजिंदर की मां ने नम आंखों से बताया कि उनके बेटे को जेल भेज दिया गया, जहां उसे खाने के लिए सिर्फ ब्रेड का पीस मिल रहा था वह भी बीफ के साथ। उसका बेटा गोमांस नहीं खा सकता, जिसके कारण उसका बेटा ब्रेड का पीस खा कर समय गुजार रहा है। परिवार के मुताबिक, उन्होंने विदेश मंत्रालय से संपर्क किया जिस पर उन्हें आश्वासन दिया गया है कि वे जल्द ही कोई कार्रवाई करेंगे और उसके साथियों के बारे में पता लगाएंगे।

उधर, परिवार का कहना है कि उन्होंने हाल ही में राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल से मुलाकात की है, जिन्हें मौजूदा स्थिति से अवगत कराया गया है। संत सीचेवाल की ओर से भी मदद का आश्वासन दिया गया है। अजय के परिवार ने मीडिया के माध्यम से सरकार से गुहार लगाई है कि अजय को जल्द भारत लाने की कोशिश की जाए ताकि उनके बेटे को विदेशी जेल से रिहाई मिल सके।

एक कमरे के कच्चे घर में रहता है परिवार

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अजय के परिवार की आर्थिक स्थिति में ज्यादा सुधार नहीं हुआ है। जहां परिवार अपने बेटे के विदेशी जेल में होने के गम से जूझ रहा है वहीं परिवार एक कमरे के घर में रह रहा है। अजय के भाई और पिता राजमिस्त्रियों के साथ दिहाड़ीदार के रूप में काम कर रहे हैं। शाम को दिहाड़ी करने के बाद जो पैसे मिलते हैं उससे घर का खाना बनता है। इस बीच उसे बाहर भेजने के लिए लिया गया कर्ज भी बढ़ता जा रहा है और अजय अभी भी जेल में है। घर की हालत तो यह है कि घर के अंदर फर्श की जगह रोड़ी तो डाल ली है लेकिन अभी तक फर्श लगाने की हालत में नहीं हैं।  

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News Editor

Urmila

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