बाराती तैयार लेकिन दूल्हा तय नहीं कर पा रही पंजाब की राजनीतिक पार्टियां

punjabkesari.in Tuesday, Dec 28, 2021 - 12:06 PM (IST)

जालंधर(अनिल पाहवा) : पंजाब के आने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो चुकी है। राज्य में लगातार राजनीतिक दल अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, बसपा, पंजाब लोक कांग्रेस जैसे सभी राजनीतिक दल लगातार चुनावी तैयारी में जुटे हुए हैं लेकिन इन सभी राजनीतिक दलों में से कोई अगर सत्ता में आता है तो उसका सी.एम. चेहरा कौन होगा, इस बात को लेकर अभी तक कुछ भी साफ नहीं है। एक शिरोमणि अकाली दल को छोड़कर किसी भी पार्टी ने किसके नेतृत्व में चुनाव लड़ना है, यह साफ नहीं किया है, जिसके कारण पंजाब की जनता भी इस बात को लेकर बड़े सवाल दिमाग में घूम रहे हैं कि अगर राज्य में चुनावों में उक्त पार्टियों में से कोई भी पार्टी जीतती है तो सी.एम. कौन होगा?

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कांग्रेस की खामोशी
पंजाब में सी.एम. चेहरे को लेकर फिलहाल कांग्रेस में कोई चर्चा नहीं चल रही है। अभी तक पंजाब में मुख्यमंत्री के पद पर चरणजीत सिंह चन्नी तैनात हैं, लेकिन उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा या किसी और को आगे किया जाता है, यह अभी तक कुछ साफ नहीं है। चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब कांग्रेस में सी.एम. का ओहदा तो दे दिया लेकिन 2022 में होने वाले चुनावों में भी वही उम्मीदवार होंगे, इस पर अभी पार्टी खामोश है। पार्टी के पास वैसे इस पद के लिए चन्नी के साथ-साथ नवजोत सिंह सिद्धू का चेहरा भी है, लेकिन पंजाब में राजनीतिक समीकरण के आधार पर ही शायद पार्टी कोई फैसला लेगी। पार्टी के खेमे में दलित वोट बैंक अकसर भुगतता रहा है लेकिन चन्नी को सी.एम. बनाने के बाद कांग्रेस के साथ चल रहा जट्ट-सिख वोट नाराज हो गया है। ऐसे में पार्टी को चिंता है कि यह जट्ट-सिख वोट खिसकर कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस के खेमे में न चला जाए क्योंकि अभी तक पंजाब में इस वोट बैंक को कैप्टन का सहारा था। इस समय कांग्रेस दोराहे पर खड़ी है कि वह सिद्धू को आगे लाए या चन्नी को। वैसे पिछले कुछ समय में सिद्धू को पहले से ज्यादा स्ट्रांग किया गया है, वहीं चन्नी का पब्लिक के बीच जाने का स्टाइल पंजाब में चर्चा का विषय है।

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आम आदमी पार्टी की रणनीति
पंजाब में अगर आम आदमी पार्टी चुनाव जीतती है तो उसका सी.एम. चेहरा कौन होगा, यह भी अभी साफ नहीं है। पार्टी ने अभी तक किसी को भी इस पद के लिए उम्मीदवार नहीं बनाया है। भगवंत मान के नाम पर चर्चा जरूर चल रही है लेकिन उनके साथ-साथ कुछ और नाम भी पंजाब की राजनीति में 'आप' के सी.एम. कैंडीडेट के तौर पर देखे जा रहे हैं। चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी को जिस तरह से सफलता मिली है, उससे पार्टी न केवल उत्साहित है, बल्कि पंजाब में अपनी रणनीति में भी तेजी ला सकती है। दरअसल, आम आदमी पार्टी एक ऐसे चेहरे की तलाश में है, जो पंजाब को बेहतर तरीके से लीड कर सके तथा राज्य का जातिगत समीकरण भी उस सी.एम. पद के उम्मीदवार के लिए कोई नुकसान न कर पाए। वैसे चर्चा यह भी है कि संयुक्त समाज मोर्चा के बलबीर सिंह राजेवाल के 'आप' के साथ गठबंधन तथा सी.एम. चेहरा होने जैसी चर्चाएं भी चल रही हैं।

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भाजपा में मंथन
पंजाब में भारतीय जनता पार्टी पहली बार शिरोमणि अकाली दल के बिना चुनावी मैदान में उतर रही है तथा पार्टी की प्लानिंग है कि राज्य के सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ा जाए। वैसे पार्टी का पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की पॉलिटिकल पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस के साथ गठबंधन हो चुका है, लेकिन फिर भी भाजपा ने अभी तक अपना सी.एम. चेहरा कौन होगा, इस बारे में कुछ साफ नहीं किया है। वैसे पार्टी शहर की करीब 65 सीटों पर मुख्य ध्यान लगा रही है। पार्टी सफल होगी या नहीं यह बाद की बात है लेकिन किसानी बिल रद्द किए जाने के बाद पार्टी के नेताओं में एक नया करंट देखने को मिल रहा है और यह करंट सीटों में बदल पाएगा कि नहीं, यह सबसे बड़ा सवाल है। पार्टी के कुछ बड़े नेताओं ने कुछ समय पहले दलित सी.एम. बनाने को लेकर चर्चाएं चलाई थीं, लेकिन उस पर भी कोई सहमति नहीं बन पा रही है। पार्टी फिलहाल पंजाब में अपनी रणनीति 'तेल देखो, तेल की धार देखो' के नजरिए से तैयार कर रही है।

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इन सबके बीच शिरोमणि अकाली दल सुखबीर बादल को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर चुका है लेकिन डिप्टी सी.एम. के पद पर कौन उम्मीदवार होगा, यह अभी साफ नहीं है। वैसे सुखबीर बादल डिप्टी सी.एम. पद पर एक हिंदू और एक दलित चेहरा बिठाने की बात कर चुके हैं। अकाली दल का बसपा के साथ गठबंधन है तो संभव है कि बसपा से ही दलित चेहरा डिप्टी सी.एम. पद पर तैनात किया जा सकता है। जहां तक बात पंजाब लोक कांग्रेस की है, तो वह भाजपा के साथ ही काम करेगी लेकिन कैप्टन के सी.एम. पद के उम्मीदवार होने की संभावनाएं न के बराबर हैं। 

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Content Writer

Sunita sarangal

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