गर्भवती महिलाओं की रिपोर्ट कभी कोरोना Positive कभी Negative, चक्करों में पड़ा प्रशासन
punjabkesari.in Friday, Aug 07, 2020 - 04:10 PM (IST)
लुधियाना (राज): कोविड -19 का कहर शहर में नहीं रुक रहा परन्तु कुछ लोग नेगेटिव और पॉजिटिव के चक्करों में फंसे हुए हैं क्योंकि लोगों की सिविल अस्पताल में टेस्ट दौरान कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है परन्तु निजी लैब में वही रिपोर्ट नेगेटिव हो गई। इस बात को लेकर एक परिवार सिविल अस्पताल की एसएमओ के दफ़्तर बाहर धरना लगा कर बैठ गया। उनका आरोप था कि गर्भवती महिला का टेस्ट पहले पॉजिटिव आया था परन्तु बाद में नेगेटिव हो गया।
उन्होंने एसएमओ को महिला को घर में एकांतवास के लिए लिखा था परन्तु वह कह रहे थे कि निजी रिपोर्ट वह नहीं मानते। इसलिए उन्होंने जब रोष जताया तो फिर जा कर एसएमओ ने महिला को घर में एकांतवास की मंज़ूरी दी। शिमलापुरी के रहने वाले मनजीत सिंह ने बताया कि उसकी पत्नी 9 महीनो की गर्भवती है। इसलिए चेकअप के लिए ई. ऐस्स. आई. अस्पताल गए थे, जहाँ डाक्टरों ने सिविल अस्पताल से कोरोना रिपोर्ट लाने के लिए कहा। उन्होंने सिविल से टेस्ट करवा लिया, जो कि पॉजिटिव आया परन्तु अगली सुबह उन्होंने कृष्णा अस्पताल के द्वारा ऐस्स. आर. ऐल्ल. लैब से टेस्ट करवाया, जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आ गई।
एक ओर महिला की रिपोर्ट पहले पॉजिटिव, फिर आई नेगेटिव
एक ओर केस में गर्भवती महिला के परिवार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनकी बेटी ने पहले सिविल अस्पताल में टैस्ट करवाया था, जो कि पॉजिटिव आया। इसके बाद उन्होंने दूसरे दिन डी. ऐम्म. सी. अस्पताल से टैस्ट करवाया, जो नेगेटिव निकला। ऐसे में कौन सी रिपोर्ट सही है, उनको कुछ समझ नहीं आ रहा, हालाँकि उन्होंने बेटी को डी. ऐम्म. सी. में दाख़िल करवाया है।
पहले भी रिपोर्ट के साथ हो चुका है ऐसा
इस से पहले भी सिविल अस्पताल के कुछ ऐसे सामने आ चुके हैं, जिसमें गर्भवती महिला की रिपोर्ट पहले पॉजिटिव और बाद में नेगेटिव आई है। इस के अलावा एक केस में तो महिला का आरोप था कि उसका टैस्ट ही नहीं हुआ और उसके नाम की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई।
इस बारे लुधियाना के सिविल सर्जन डा. राजेश का कहना है कि पॉजिटिव या नेगेटिव आया पहला टैस्ट माना जाता है। सरकारी अस्पताल से हुआ टैस्ट आर. टी. पी. सी. आर. टैस्ट होता है। रिपोर्ट पटियाला से आती है, जो कि बिल्कुल ठीक होती है। जब टैस्ट होता है तो कभी वायरल भार ज़्यादा होता है और कभी कम। इस के अलावा टैस्ट लेने वाला भी परफेक्ट होना चाहिए। इसलिए कभी-कभार ऐसा हो जाता है।