ट्रक के बराबर वजन लोड कर चलती प्राइवेट बसें बन रहीं दुर्घटनाओं का कारण

punjabkesari.in Sunday, Apr 08, 2018 - 11:43 AM (IST)

अमृतसर(इन्द्रजीत): केन्द्र व प्रदेश सरकारों द्वारा बढ़ चुके ट्रैफिक पर नियंत्रण करने के लिए कई प्रकार के कानून बनाने के बावजूद बड़े वाहन चालक नियमों का उल्लंघन करने से बाज नहीं आते। विशेषकर प्राइवेट बसों वालों ने तो हद ही कर दी है। प्राइवेट बस वाले ट्रक के बराबर वजन लोड करके चलते हैं।विभागीय नियमों के अनुसार बस में जितनी सवारियां बैठी हों, उनके सामान को बस के अंदर अथवा ऊपर रखने की इजाजत होती है। जरूरी सामान ग्राहक बस के अंदर रखता है और फैलावट वाले माल को बस की छत पर रखा जाता है। 

क्या जाता है बस की छतों पर
प्रदेश में बड़ी संख्या में ऐसे प्राइवेट बसों के मालिक हैं जो बस की सवारियों से जितना किराया वसूलते हैं, उससे 3 गुना अधिक भार की ढुलाई में कीमत ले ली जाती है। औसतन यदि एक बस भरी हो तो 24 हजार रुपए कुल सेल होती है। 

 

वहीं इस कमाई को बढ़ाने के लिए कई प्राइवेट बसों के मालिक बस की छत पर सामान ढोते हैं। पता चला है कि अमृतसर से कपड़े की गांठें और सबमर्सीबल मोटरें दूसरे प्रदेशों को जाती हैं, जिनमें मुख्य तौर पर दिल्ली जबकि पठानकोट रूट से होते हुए जम्मू आदि क्षेत्रों में भी माल जाता है।  

कैसे बन जाता है दुर्घटना का खतरा
बस के ऊपर अधिक से अधिक माल लोड करने की भी इन प्राइवेट बस मालिकों में होड़ लगी हुई है। बड़ी संख्या में प्राइवेट बसों के मालिक माल ढोने की कमाई के लिए बसों के ऊपर ऊंचे-ऊंचे एंगल लगा लेते हैं ताकि ज्यादा माल ढोया जा सके। विशेषज्ञों का कहना है कि बस की छत पर इन चीजों का भार 5 से 7 टन तक हो जाता है, जबकि एक ट्रक की क्षमता 9 टन होती है। बस की छत लोहे की टीनों की बनी होती है और नीचे की ओर खिड़कियों के साथ लगे एंगल पूरी छत का भार संभालते हैं। इसमें एंगलों के ऊपर न केवल लोहे की छत का भार होता है अपितु कई टन वजन अतिरिक्त पड़ जाता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Punjab Kesari

Recommended News

Related News