प्राइवेट स्कूलों ने फीस लेने की मांगी अनुमति, हाईकोर्ट ने कहा-''प्रशासन को दें प्रोपोजल''

punjabkesari.in Saturday, Aug 01, 2020 - 12:08 PM (IST)

चंडीगढ़ (रमेश हांडा): चंडीगढ़ में स्थित इंडिपैंडैंड प्राइवेट स्कूल संचालकों को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हिदायतें दी कि वह किसी भी सूरत में पेरैंट्स से ट्यूशन फीस के अतिरिक्त अन्य फीस न लें, अगर ट्यूशन फीस से अधिक फीस ली गई तो कानूनन कार्रवाई हो सकती है। 

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हाईकोर्ट के 15 जुलाई को जारी दिशा-निर्देशों के बाद शुक्रवार को हुई सुनवाई दौरान निजी स्कूल संचालकों ने कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए बताया कि जब से हाईकोर्ट ने उक्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं, तब से पेरैंट्स ने सभी तरह की फीस देना बंद कर दी है। इससे स्कूलों को आर्थिक संकट पैदा हो गया है इसलिए कोर्ट उन्हें फीस लेने की अनुमति दे। निजी स्कूलों की ओर से लगाई गुहार पर हाईकोर्ट ने कहा कि निजी स्कूल इस संबंध में प्रशासन के समक्ष प्रस्ताव रखें। सुनवाई 14 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी गई है। 

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स्कूल लीविंग सर्टीफिकेट देने में आनाकानी न करें
हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर कोई अभिभावक ब‘चों का स्कूल बदलकर सरकारी स्कूलों में दाखिला करवाना चाहता है तो निजी स्कूल स्कूल लीविंग सर्टीफिकेट देने में आनाकानी न करें। प्रशासन ने जवाब दाखिल कर कोर्ट को बताया कि निजी स्कूल स्मार्ट स्कूल का दावा करते हैं लेकिन स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाई के लिए इन्फॉर्मेशन या टैक्नोलॉजी पर कोई खास इन्वैस्टमैंट नहीं की है। प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों की ओर से कोरोना काल में ऑनलाइन क्लासिज की बात कहते हुए ट्यूशन व एडमिशन फीस वसूलने की मांग की जा रही थी, जिस पर प्रशासन ने निजी स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस वसूलने की बात कहते हुए 3 वर्ष की बैलेंस शीट्स दाखिल किए जाने को कहा था, ताकि स्कूलों की कमाई व खर्चों का आकंलन किया जा सके। 

बैलेंस शीट वैबसाइट पर अपलोड करने के आदेशों को दी थी चुनौती 
निजी स्कूलों की एसोसिएशन की ओर से स्कूल फीस व बैलेंस शीट अपलोड किए जाने के प्रशासन के आदेशों को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट के नोटिस पर यू.टी. प्रशासन ने जवाब दाखिल कर दिया था कि पंजाब सरकार ने अनएडिड निजी स्कूलों की फीस निर्धारित किए जाने के लिए पंजाब रैगुलेशन ऑफ फीस ऑफ अनएडिड एजुकेशनल इंस्टीच्यूशन एक्ट बनाया था। केंद्र सरकार ने एक्ट को चंडीगढ़ में लागू कर दिया था। एक्ट के चंडीगढ़ में लागू होने के बाद रैगुलेटरी कमेटी का गठन किया गया था। इस एक्ट के तहत चंडीगढ़ प्रशासन ने बदलाव कर इस एक्ट के सैक्शन-5 के क्लॉज-4 के तहत निजी स्कूलों को निर्देश जारी कर उन्हेंं अपनी आय और खर्च के पूरे ब्यौरे की बैलेंसशीट वैबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दे दिए। अधिकांश निजी स्कूल फीस स्ट्रक्चर व बैलेंसशीट वैबसाइट पर अपलोड भी कर रहे हैं, ऐसे में अन्य किसी भी स्कूल को इस पर ऐतराज नहीं होना चाहिए। निजी स्कूलों की संस्था का कहना है कि प्रशासन उनसे बैलेंस शीट मांग ही नहीं सकता, क्योंकि उसके पास ऐसी शक्तियां ही नहीं हैं। 


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