प्रोफैसर भर्ती मामला, इन कॉलेजों ने मिल पंजाब सरकार को लगाया करोड़ों का चूना

punjabkesari.in Monday, Jan 02, 2023 - 01:47 PM (IST)

भगता भाई: डी.ए.वी. कॉलेजों ने पंजाब के डी.ए.पी. कॉलेजों से मिलकर पंजाब सरकार को करोड़ों को चूना लगाया है, लेकिन आम आदमी सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। वर्णनीय है कि उच्च शिक्षा में आ रही गिरावट को दूर करने हेतू पंजाब सरकार द्वारा 20 जून 2014 को एक नोटिफिकेशन जारी किया गया, जिसके तहत पंजाब की यूनिवर्सिटियों के अधीन आते सहायता प्राप्त कॉलेजों में सहायक प्रोफैसरों की भर्ती की जानी थी। जिसके चलते पंजाब सरकार के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 19 अप्रैल 2014 को नोटीफिकेशन जारी किया गया कि 1925 खाली असामियों को हर वर्ष 25 प्रतिशत भरा जाए।

भटिंडा के आर.टी.आई. एक्टिविस्ट अश्वनी कुमार के अनुसार डी.ए.वी. मैनेजिंग कमेटी नई दिल्ली द्वारा 2015 में एक विज्ञापन जारी कर पंजाब के विभिन्न कॉलेजों में सहायक प्रोफैसरों की खाली असामियों के लिए प्रार्थना पत्र मांगे गए, लेकिन इस भर्ती में यू.जी.सी. की रैगुलेशन 2010 व पंजाब सरकार के पत्र 16 अक्तूबर 2014 की धज्जियां उड़ा दी गई, क्योंकि इन असामियों की भर्ती के समय डी.पी.आई. कॉलेजों का कोई भी नुमायंदा मौजूद नहीं था, न ही संबंधित यूनिवर्सिटी को कोई नुमाइंदा हाजिर हुआ।

पंजाब सरकार द्वारा जारी नियमों का सरेआम उल्लंघन किया गया। इन असामियों को भरते समय कुछ कॉलेजों में वॉक-इन-इन्टर्व्यू भी रखी गई, जबकि किसी भी रेगुलर असामी को भरने हेतु प्रार्थी को कम से कम 2 सप्ताह का समय दिया जाता है। यह मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। डी.ए.वी. मैनेजिंग कमेटी द्वारा 1925 ग्रांट इन एड नियम अधीन असामियों को भरने हेतु 2016 में विज्ञापन जारी किया गया, जिसमें पहले की तरह यू.जी.सी. रेगुलेशन 2010 व 16 अक्तूबर 2014 के साथ-साथ डी.पी.आई. कॉलेजों के पत्र 19 मई 2015 के नियमों को दरकिनार करते हुए चुनाव प्रक्रिया को ही बदल दिया गया। इसका मतलब स्पष्ट था कि संबंधित धुंधली अधिकारी अपने चहेतों को एडजस्ट करना चाहते थे।

यह भी वर्णनीय है कि ग्रांट इन एड स्कीम के अधीन 2016 से पहले और बाद में रैगुलर करने संबंधी जारी नोटिफिकेशन सारे पंजाब के कॉलेजों का इक्ट्ठा जारी किया गया, जबकि 2016 की भर्ती का नोटिफिकेशन कॉलेजों द्वारा अलग-अलग जारी किया गया ताकि होने वाली धांधली को पर्दाफाश न हो सके।

सन् 2019 में ऐसा क्या हुआ कि इस समय भर्ती के लिए हुई इंटरव्यू में डी.पी.आई. कॉलेजों और पंजाबी यूनिवर्सिटी को नुमाइंदा बैठाया गया, जबकि इस संबंधी माननीय हाईकोर्ट द्वारा कोई भी नया नोटिस जारी नहीं किया गया, न ही डी.पी.आई. कॉलेजों या पंजाब सरकार द्वारा कोई नोटिस जारी किया गया कि डी.पी.आई. कॉलेजों का नुमायदा और संबंधित यूनिवर्सिटी का कोई नुमाइंदा इंटरव्यू मौके हाजिर होगा। फिर यह भर्ती 2016 की तरह क्यों नहीं की गई।

अश्वनी कुमार ने बताया डी.पी.आई. कॉलेज पंजाब द्वारा डी.ए.वी. मैनेजिंग कमेटी की मिलीभगत से इन असामियों पर भर्ती हुए सहायक प्रोफैसरों को वेतन के साथ-साथ एरियर भी जारी किया गया। इसके संबंध में एक शिकायत मुख्यमंत्री पंजाब,उच्च शिक्षा मंत्री, प्रिंसिपल सचिव व डी.पी.आई. कॉलेजों को भेजी गई है ताकि इस मामले की जांच की जाए।

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News Editor

Urmila

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