दिल्ली विधानसभा चुनाव का साइड इफैक्टः अभी कुछ दिन और लटकेगी पंजाब भाजपा अध्यक्ष के नाम की घोषणा

punjabkesari.in Thursday, Jan 09, 2020 - 08:53 AM (IST)

चंडीगढ़(शर्मा): हिन्दू संस्कृति में पौष मास के दौरान शुभ कार्यों से परहेज करने की मान्यता में विश्वास रखने वाली भारतीय जनता पार्टी ने बेशक संगठनात्मक चुनाव विशेषकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व विभिन्न राज्य इकाइयों के प्रधानों का चुनाव जनवरी के मध्य तक स्थगित कर दिया था लेकिन अब इस चुनाव प्रक्रिया में दिल्ली विधानसभा चुनाव का साइड इफैक्ट भी देखने को मिलेगा। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अुनसार राज्य इकाइयों के प्रधानों का चयन 31 दिसम्बर तक पूरा हो जाना चाहिए था लेकिन पौष मास के चलते यह प्रक्रिया लंबित कर दी गई है।

पार्टी से जुड़े विश्वस्त सूत्रों के अनुसार पार्टी की पंजाब इकाई के प्रधान के चयन की प्रक्रिया दिल्ली विधानसभा चुनाव के चलते अभी कुछ दिन और टल सकती है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 8 फरवरी को होगा व इससे पहले पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह व कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा तथा पार्टी कोर कमेटी के अन्य नेता अपनी अन्य व्यस्तताओं के अलावा इस चुनाव के प्रचार में भी व्यस्त होंगे। इसलिए पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन चुका दिल्ली विधानसभा का चुनाव संगठनात्मक चुनाव से अधिक महत्वपूर्ण है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश भाजपा प्रधान के नाम की घोषणा अब दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद ही हो सकती है। 

6 नेता कर रहे जोर-आजमाइश, चुघ पड़ सकते हैं भारी 
पार्टी सूत्रों के अनुसार राज्य से भाजपा के 6 वरिष्ठ नेता प्रदेश अध्यक्ष पद पर अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए जोर-आजमाइश कर रहे हैं। इन नेताओं में जालंधर से राकेश राठौर व मनोरंजन कालिया, अमृतसर से श्वेत मलिक व तरुण चुघ तथा पठानकोट से अश्विनी शर्मा व नरेंद्र परमार के नामों की चर्चा है।

हालांकि वर्तमान प्रदेश प्रधान श्वेत मलिक अपनी दूसरी पारी के लिए कोशिश कर रहे हैं। वहीं पार्टी के राष्ट्रीय सचिव तरुण चुघ हाईकमान से नजदीकी व गुटों में बंटी पार्टी इकाई में किसी एक गुट से सम्बद्धता न होने के चलते अपने अन्य प्रतिस्पर्धियों पर भारी पड़ सकते हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी की प्रदेश इकाई को गुटबाजी के चलते भारी नुक्सान झेलना पड़ रहा है। साथ ही गठबंधन सहयोगी अकाली दल के राज्य में कमजोर होने के चलते पार्टी स्वच्छ छवि के साथ-साथ गुट निरपेक्ष वरिष्ठ नेता की तलाश में है। 


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