एक परिवार-एक टिकट का फॉर्मूला: मंत्रिमंडल विस्तार में मिसेज सिद्धू की नियुक्ति ने आग में डाला घी

punjabkesari.in Saturday, May 05, 2018 - 01:53 PM (IST)

लुधियाना (हितेश): पंजाब कैबिनेट के विस्तार को लेकर सुलग रही चिंगारी में मिसेज नवजोत सिद्धू की नियुक्ति ने घी डालने का काम किया है। इसके तहत पहले लाल सिंह को चेयरमैन बनाने का हवाला देते हुए कांग्रेसियों द्वारा कैप्टन अमरिंद्र सिंह से सवाल किया जा रहा है कि फिर एक परिवार एक टिकट का फॉर्मूला लागू करने की जरूरत ही क्या थी।


कांग्रेसियों ने कैप्टन पर उठाए सवाल
अगर विधानसभा चुनाव में टिकट के बंटवारे की बात करें तो जिनका नंबर नहीं लगा उनको चेयरमैन बनाने का विश्वास दिलाया गया, साथ ही यह भी कहा कि चुनाव लडऩे व जीतने वालों को इस कैटागरी से बाहर रखा जाएगा, अब सरकार बनने के बाद एक साल से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन चेयरमैन बनाने की प्रक्रिया शुरू नहीं की, जिसके पहले दावेदारों को मंत्रिमंडल विस्तार तक इंतजार करने के लिए बोला गया और अब मंत्रिमंडल विस्तार में अनदेखी का शिकार हुए विधायकों के विरोध को शांत करने के लिए चेयरमैन बनाने की बात कहकर कैप्टन ने टिकट मिलने से वंचित रह गए नेताओं की बेचैनी बढ़ा दी है।हालांकि कैप्टन ने सभी को एडजस्ट करने के लिए सरकार के पास 7500 ओहदे होने की बात कह दी है, लेकिन इसकी शुरूआत मिसेज नवजोत सिद्धू को वेयर हाउस कार्पोरेशन का चेयरमैन बनाने से कर दी है जिनको पहले एक परिवार एक टिकट के फार्मूले के तहत टिकट नहीं दिया था, इस कैटागरी में शामिल लाल सिंह को पहले मंडी बोर्ड का चेयरमैन बनाया जा चुका है लेकिन टिकट लेने के दावेदार रहे किसी नेता की अब तक बारी नहीं आई है।उधर, सिद्धू की पत्नी को चेयरमैन बनाने के फैसले ने मंत्रिमंडल विस्तार को सुलग रही चिंगारी में घी डालने का काम किया है क्योंकि वायदे के मुताबिक मंत्री न बनाए जाने से नाराज एक भी विधायक को अब तक चेयरमैन बनाने की शुरुआत नहीं की गई है।



आखिर क्यों लगातार पैंडिंग हो रही कैबिनेट मीटिंग
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जब से कैबिनेट का विस्तार किया है उसके बाद एक बार भी मीटिंग नहीं हुई उसके तहत 24 अप्रैल को होने वाली मीटिंग को पहले 30 अप्रैल ओर फिर 3 मई के लिए पैंडिंग कर दिया गया, लेकिन ऐन मौके पर यह मीटिंग एक बार फिर से 8 मई तक लटक गई है, जिसे लेकर अटकलों का बाजार गर्म है क्योंकि चरणजीत चन्नी के अलावा रजिया सुल्ताना भी अपने विभाग से खुश नहीं बताई जा रही है जिस मुद्दे को कैबिनेट मीटिंग में उठने से रोकने के लिए पहले नाराजग़ी दूर करने की कोशिश की जा रही है।


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