....तो और बढ़ सकती हैं पंजाब की मुश्किलें! सता रहा ये डर
punjabkesari.in Tuesday, Jul 18, 2023 - 08:23 AM (IST)

चंडीगढ़: कोरोना महामारी से निपटने के बाद अब पंजाब सरकार के स्वास्थ्य विभाग के समक्ष जल जनित बीमाारियों यानी वैक्टर बोर्न डिसीज का सामना करने की नई चुनौती सामने आ गई है। हालांकि विभाग अभी तक स्थिति को नियंत्रण में मानकर संतुष्ट है लेकिन गत दिनों बनी भारी वर्षा व बाढ़ की स्थिति के चलते पानी के जमाव से मच्छरों के प्रजनन और उससे होने वाले डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया जैसी बीमारियों की सभावनाएं बढ़ गई हैं।
पिछले साल डेंगू के सामने आए थे 11,030 मामले, सर्वाधिक लुधियाना से
स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड के अनुसार वर्ष 2022 के दौरान राज्य में डेंगू के 11030 मामले सामने आए थे। इसमें सर्वाधिक 1072 मामले लुधियाना जिले से रिपोर्ट हुए थे, जबकि सबसे कम 29 मामले तरनतारण जिले में रिपोर्ट हुए थे, जबकि इसी वर्ष के दौरान डेंगू के चलते 41 मरीजों की मौत हो गई थी, जिनमें से सर्वाधिक 8 मामले लुधियाना जिले से ही संबंधित थे। अमृतसर, बरनाला, फाजिल्का, फिरोजपुर, कपूरथला, मालेरकोटला, संगरूर व मुक्तसर साहिब में डेंगू के चलते किसी मरीज की मौत नहीं हुई। विभागीय सूत्रों के अनुसार पिछले वर्ष 14 जुलाई तक राज्य में डेंगू के 283 मामले सामने आए थे जबकि इस वर्ष इसी समयावधि के दौरान यह आंकड़ा 207 है।
फिलहाल चिंता की बात नहीं
विभागीय सूत्रों के अनुसार मलेरिया के मामलों में राज्य में स्थिति पिछले कुछ साल से नियंत्रण में चल रही है। वर्ष 2017 में 796, 2018 में 624, 2019 में 1140 (विशेष सॢवलांस मुहिम), 2020 में 71, 2022 में 120 इस वर्ष 14 जुलाई तक मलेरिया के राज्य में सिर्फ 16 मामले सामने आए हैं जिनमें से 12 मामले प्रवासी मजदूरों या ट्रक ड्राइवरों आदि से संबधित हैं। इसी तरह चिकनगुनिया के भी इस वर्ष 14 जुलाई तक मात्र 6 मामले रिपोर्ट हुए हैं।
1300 बैड डेंगू मरीजों के लिए
विभागीय सूत्रों के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू मरीजों के इलाज के लिए विभिन्न अस्पतालों में 1300 बैड नेट के साथ डैडिकेट किए हैं। डेंगू वार्ड की पहचान वाले इन वार्डों में निशुल्क उपचार होगा।
विभाग ने समय रहते ही उठा लिए हैं प्रभावी कदम
बरसात से पहले ही विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी थी हालंाकि भारी बरसात व बाढ़ की एकाएक बनी स्थिति से बनी स्थिति से निपटने के लिए विभाग ने 42 सैंटिनल सर्विलांस हॉस्पिटल की पहचान कर डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया के संभावित मरीजों को निशुल्क टैस्टिंग की सुविधा उपलब्ध करवाने का प्रबंध किया है। मई से लेकर नवम्बर 2023 तक रा’य के सभी जिलों में 855 बिंडिड चैकरों की नियुक्ति की है ताकि म‘छरों के संभावित प्रजनन केंद्रों की समय रहते पहचान का इन्हें नष्ट किया जा सके।
बी.बी.एम.बी.बांधों से जल निकासी है चिंता का विषय
हालांकि पिछले कुछ दिन से वर्षा न होने के चलते राज्य के लोगों ने और अधिक संभावित नुक्सान से राहत की सांस ली है, लेकिन भाखड़ा ब्यास प्रबंधन द्वारा प्रबंधित नंगल व पौंग डैम से संभावित जल निकासी सतलुज व ब्यास नदी में बाढ़ की स्थिति से इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसी स्थिति व सतलुज व ब्यास नदी के तटीय क्षेत्रों में नुक्सान के साथ साथ जल भराव में जल जनित बीमारियों के फैलने की संभावना बनी रहेगी।
विभाग ने जारी की है एडवाइजरी, बचाव में ही बचाव
पंजाब स्वास्थ्य विभाग में मलेरिया व डेंगू बीमारियों के लिए प्रोग्राम अधिकारी डॉ. अर्शदीप कौर का कहना है कि डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया की संभावना के दखते हुए पहले ही म‘छरों के प्रजनन के संभावित ठिकानों पर फोगिंग स्प्रे शुरू कर दी गई है। इसके अलावा विभाग ने बीमारियों से बचाव के लिए एडवाइजरी भी जारी कर
दी है। लोगों से कहा गया है कि पानी जमा होने की किसी भी संभावना को दूर करें। छतों पर पानी की टंकियों को ढक कर रखें। घरों के नजदीक खड़े पानी पर तेल का छिड़काव करें ताकि मच्छर पैदा न हो सके। मच्छर रोधक क्रीम के प्रयोग के साथ शरीर को पूरी तरह ढक कर रखें। बुखार की स्थिति में सिर्फ पेरासीटामोल गोली ही लें। एस्प्रिन या आइब्रुफिन न लें और जल्दी से नजदीक के सरकारी अस्पताल में संपर्क कर डाक्टर के परामर्श पर अमल करें।