पंजाब के इन सरकारी कर्मचारियों पर मान सरकार सख्त, जारी किए ये Order

punjabkesari.in Monday, Mar 17, 2025 - 10:39 AM (IST)

लुधियाना(विक्की) :  पंजाब सरकार के वित्त विभाग ने सरकारी कर्मचारियों की अनधिकृत गैरहाजिरी को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई कर्मचारी बिना स्वीकृति के लगातार एक वर्ष तक ड्यूटी से अनुपस्थित रहता है, तो इसे स्वतः इस्तीफा माना जाएगा और उसे दोबारा सरकारी सेवा में शामिल नहीं किया जाएगा।

वित्त विभाग ने यह निर्देश सभी विभागों, सभी डिवीजन कमिश्नरों, जिला एवं सत्र न्यायाधीशों, डिप्टी कमिश्नरों और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को जारी किए हैं। विभाग ने कहा है कि कई सरकारी कर्मचारी बिना उचित अनुमति के लंबे समय तक ड्यूटी से गायब रहते हैं, जिससे सरकारी कामकाज में बाधा उत्पन्न होती है। यह भी देखा गया है कि कई विभाग ऐसे कर्मचारियों के विरुद्ध समय पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं और कुछ अधिकारी अपनी मर्जी से बिना स्वीकृति के गैरहाजिर कर्मचारियों को दोबारा जॉइन करवा रहे हैं। वित्त विभाग ने यह भी निर्देश दिए हैं कि सभी विभाग सुनिश्चित करें कि कोई भी कर्मचारी बिना अनुमति के लंबी अवधि तक अनुपस्थित न रहे। अगर कोई कर्मचारी अनधिकृत रूप से अनुपस्थित होता है, तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए और इसे नजरअंदाज करने वाले अधिकारियों को भी जवाबदेह बनाया जाएगा। सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए स्पष्ट किया है कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वित्त विभाग की इस सख्ती का उद्देश्य सरकारी कार्यप्रणाली में अनुशासन बनाए रखना और सरकारी सेवाओं को सुचारू रूप से चलाना है।

 अनधिकृत गैरहाजिरी पर सेवा समाप्त
पत्र के मुताबिक यदि कोई सरकारी कर्मचारी या अधिकारी बिना स्वीकृत अवकाश के लगातार एक साल तक ड्यूटी पर नहीं आता है, तो उसकी सेवा को स्वतः समाप्त (डीम्ड रेसिगनेशन) मान लिया जाएगा। इस अवधि के पूरी होने के बाद उसे सेवा में वापस नहीं लिया जाएगा, और संबंधित अधिकारी को उसे सरकारी सेवा से मुक्त करने के लिए तुरंत आदेश जारी करने होंगे।

स्वीकृत अवकाश समाप्त होने के बाद हाजिरी रिपोर्ट अनिवार्य
विभाग के मुताबिक यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी अपनी स्वीकृत छुट्टी समाप्त होने के बाद समय पर कार्यस्थल पर उपस्थित नहीं होता है और बाद में अपनी हाजिरी रिपोर्ट प्रस्तुत करता है, तो इसे तभी स्वीकार किया जाएगा जब प्रशासनिक विभाग और वित्त विभाग से इसकी स्वीकृति प्राप्त हो।

बिना अनुमति ड्यूटी जॉइन करवाने पर  अधिकारी जिम्मेदार
यदि कोई विभाग प्रमुख या अधिकारी बिना उच्च स्तर की स्वीकृति के किसी गैरहाजिर कर्मचारी को ड्यूटी पर वापस लेता है, तो उस अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी ठहराया जाएगा। ऐसे मामलों में, कर्मचारी को दी गई सैलरी और अन्य वित्तीय लाभ की भरपाई संबंधित अधिकारी से की जाएगी। वहीं यदि कोई अधिकारी अपने स्तर पर गैरहाजिर कर्मचारी को ड्यूटी जॉइन करने की अनुमति देता है, तो उसके खिलाफ पंजाब सिविल सेवा (दंड और अपील) नियम, 1970 के तहत कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।


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Vatika

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