लगातार बढ़ रहे कोरोना मामलों के चलते पंजाब सरकार का नया फरमान

punjabkesari.in Wednesday, Apr 07, 2021 - 05:04 PM (IST)

चंडीगढ़ः पंजाब में कोविड पॉजि़टिविटी और मामलों में मृत्यु दर बीते हफ्ते क्रमवार 7.7 और 2 प्रतिशत तक पहुंच जाने के मद्देनजऱ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने बुधवार को स्वास्थ्य विभाग को टीकाकरण मुहिम में वृद्धि करते हुए प्रतिदिन 2 लाख मरीज़ों का टीकाकरण किए जाने के आदेश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी हिदायतें दीं कि हरेक पॉजि़टिव मरीज़ के पीछे 30 व्यक्तियों की हद तक कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जाए और सैंपलिंग की संख्या प्रतिदिन 50,000 तक बढ़ाई जाए।
 

अस्पतालों में स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं में सुधार किए जाने की जरूरत
कोविड मामलों में मृत्यु दर बढऩे पर चिंता ज़ाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा इन मौतों के कारण उनको बहुत दुख पहुंचा है और इनमें से कई मौतें तो वक्त रहते इलाज से टाली जा सकती थीं। उन्होंने मुख्य सचिव विनी महाजन को निर्देश दिए कि एक व्यापक जन चेतना मुहिम चलाई जाए और लोगों को शुरुआती दौर में ही अस्पतालों में जांच के लिए जाने हेतु प्रेरित किया जाए। उन्होंने आगे कहा कि अस्पतालों में स्वास्थ्य सम्बन्धी सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार किए जाने की भी ज़रूरत है और ज़रूरी सुविधाओं वाले मंज़ूरशुदा अस्पतालों की सूची भी सार्वजनिक कर दी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हुई मौतों का ऑडिट सब जि़लों की तरफ से किया जाना चाहिए और जिन निजी संस्थानों द्वारा माहिरों के साथ सामूहिक विचार-विमर्श में हिस्सा नहीं लिया गया उनको ऐसा करने के लिए प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। 
    

कल की मीटिंग में प्रधानमंत्री समक्ष उठाएंगे ये मामले
स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुख्यमंत्री को सूचित किया गया था कि पी.जी.आई. द्वारा पंजाब के मरीज़ों को सही माध्यम के द्वारा रैफर किए जाने के बावजूद भी दाखि़ल करने से इन्कार किया जा रहा है, इस पर कार्यवाही करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह कल की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मीटिंग में प्रधानमंत्री के पास यह मामला उठाएंगे और उनको विनती करेंगे कि वह पी.जी.आई. को राज्य सरकार द्वारा रैफर किए गए मरीज़ों के लिए कम-से-कम 50 आई.सी.यू. बैड आरक्षित रखने के लिए निर्देश दें।स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और मैडीकल माहिरों के साथ साप्ताहिक कोविड समीक्षा मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा टीकाकरण मुहिम के अंतर्गत रोज़ाना लगभग 90,000 लोगों को टीके लगाए जा रहे हैं, परन्तु इसको रोज़ाना के 2 लाख लोगों तक पहुंचाने की ज़रूरत है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि इस मुहिम को और तेज़ करने के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं, क्योंकि टीकाकरण कोरोना के फैलाव को रोकने का एकमात्र ज़रिया है। 

18 साल से अधिक उम्र के लोगों को दी जानी चाहिए टीके की आज्ञा
उन्होंने मुख्य सचिव को बेहतर ढंग से तैयार की गई मीडिया मुहिमों के साथ टीकाकरण सम्बन्धी लोगों में फैली अफ़वाहों का सही हल करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि वह फिर केंद्र सरकार से अपील करेंगे कि वह उन क्षेत्रों में 45 साल से कम उम्र के लोगों को टीका लगवाने की छूट दें, जिन क्षेत्रों में कोविड के पॉजि़टिव मामलों की संख्या सप्ताह में दोगुनी हो रही है। उन्होंने अपनी मांग को दोहराया कि केंद्र सरकार को 18 साल से अधिक उम्र के विद्यार्थियों, अध्यापकों, काउंसलरों, सरपंचों आदि को टीके लगाने की आज्ञा देनी चाहिए। कोविड टीकों की आपूर्ति सम्बन्धी मुख्य सचिव विनी महाजन ने मुख्यमंत्री को बताया कि केंद्र सरकार ने भरोसा दिया है कि राज्य को टीके की आपूर्ति सम्बन्धी किसी किस्म की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री को स्वास्थ्य विभाग द्वारा भरोसा दिया गया कि रोज़ाना की सैंपलिंग बढ़ाकर 50,000 की जाएगी, जिसमें 35,000 आरटीपीसीआर और 15,000 रैपिड एंटीजेन टैस्ट किए जाएंगे। उनको सूचित किया गया कि भारत सरकार की संस्थाएं जैसे कि आई.आई.एस.ई.आर., आई.एम.टैक, एम्स, पी.जी.आई. में रोज़ाना के सिफऱ् 100 सैंपल लिए जा रहे हैं, जोकि बहुत कम हैं और यह मामला केंद्र के समक्ष उठाया जा रहा है। डीजीपी दिनकर गुप्ता ने मुख्यमंत्री को बताया कि सभी जि़लों में कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वालों के खि़लाफ़ सख़्त कार्यवाही की जा रही है और अब तक सार्वजनिक तौर पर मास्क न पहनने वाले 2.03 लाख लोगों का आरटीपीसीआर टैस्ट किया गया। उन्होंने आगे कहा कि अब तक 43,000 चालान जारी किए गए हैं और 3.60 करोड़ रुपए का जुर्माना एकत्रित किया गया। इसके अलावा 206 एफआईआर दर्ज की गईं और 246 व्यक्तियों को गिरफ़्तार किया गया।
    


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Vatika

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