राइस मिल मालिकों के हाथ खड़े, कहा पंजाब सरकार चलाए अब मिलों को

punjabkesari.in Monday, Oct 01, 2018 - 06:12 PM (IST)

जलालाबाद (सेतिया): राइस मिलर (कच्चा) एसोसिएशन का शिष्टमंडल जिला डीसी मनप्रीत सिंह को मिला। इस शिष्टमंडल में फाजिल्का से रंजम कामरा, रिंकू ठकराल, अबोहर से प्रेम नागौरी और जलालाबाद से हरीश सेतिया, भुपिंदर मदान, अमित ठठई, सोनू धमीजा शामिल थे। इस समय राइस मिल्लरों ने मांग पत्र सौंपते हुए कहा कि वर्तमान समय अंदर राइस मिल्लर (कच्चा) सरकारी मापदण्डों अनुसार चावल की मिलिंग करने में असमर्थ है और पंजाब सरकार ही हमारी मिलों को चलाए। 

मांग पत्र में उन्होंने कहा कि कच्चे चावल की जिले भर में 47 मिलें हैं उक्त मिलों में सरकारी धान की मिलिंग के लिए लगभग 3लाख 30 हजार मीट्रिक टन धान का भंडार होता है। इस धान में टोटे की मात्रा 35 से 40 प्रतिशत, डिसकलर की मात्रा 5 प्रतिशत से 6 प्रतिशत, डैमज की मात्रा 4 प्रतिशत से 5 प्रतिशत, चाकी की मात्रा 8 प्रतिशत से 10 प्रतिशत है और 100 किलो धान के पीछे 67 किलो चावल की मात्रा पूरी न निकलते हुए सिर्फ 64 किलो चावल की मात्रा ही निकलती है जो कि मिलरों के लिए बड़ी समस्या है। केंद्र सरकार के चावल लेने के मापदंड मुताबिक धान में से चावल का मापदंड सही नहीं निकलता। 

जिस कारण हमारी चावल मिलों को एक चावल की गाड़ी (270 क्विंटल) के बाद 50 से 60 क्विंटल बुरी क्वालिटी का चावल निकालकर खुले बाजार में बेचना हमारी मजबूरी बन जाता है और इतने वजन का चावल बाजार में खरीद करना पड़ता है। जिस कारण हमारी चावल मिलें हर साल नुक्सान की ओर जा रही हैं और अब स्थिति पैदा हो चुकी है कि हम अपनी चावल मिलें चलाने में असमर्थ हैं और मांग करते हैं कि हमारी चावल मिलों को सरकार की ओर से चलाया जाए और इसके बदले में पंजाब सरकार से किसी प्रकार का हमारे द्वारा मुआवजा भी नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने उनकी कोई सुनवाई नहीं की तो वह मजबूरन राइस मिलों की चाबियां प्रशासन को सौंप देंगे। 


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Mohit

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