Punjab: 2 थानों में सिर्फ 2 कर्मचारी, 40 से ज्यादा गांवों की सुरक्षा ''भगवान भरोसे''
punjabkesari.in Sunday, Jul 28, 2024 - 05:40 PM (IST)
माछीवाड़ा साहिब (टक्कर): पुलिस विभाग की ओर से लोगों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम करने के दावे किए जाते हैं। लेकिन अगर माछीवाड़ा थाने की बात करें तो इसके अंतर्गत आने वाले 2 पुलिस थानों बहलोलपुर और शेरपुर में सिर्फ 1-1 मुलाजिम ड्यूटी कर रहा है। उनमें से एक थाना तो लगभग बंद है। माछीवाड़ा थाने के अंतर्गत आते शेरपुर थाने है जिसके अंतर्गत 20 से अधिक गांव आते हैं और यहां लोगों की सुरक्षा के लिए कम से कम 6 पुलिस कर्मियों की आवश्यकता है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि यहां तैनात चौकी प्रभारी का 20 दिन पहले ही तबादला हो गया था और चौकी में केवल 1 कर्मचारी है जो 24 घंटे मुंशी बतौरसंतरी के रूप में और लोगों की शिकायतों का निपटारा करने के लिए काम कर रहा है।
अगर इस पुलिस वाले को कानूनी प्रक्रिया के लिए कहीं बाहर जाना पड़े तो ये चौकी सुन्नी हो जाती है और ताला लगा हुआ मिलेगा। बहलोलपुर पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले गांवों में अगर कोई घटना हो जाती है या कोई मारपीट की शिकायत दर्ज कराने जाता है तो थाने के दरवाजे बंद मिलते हैं। यदि कोई कर्मचारी मिलता है तो वह ही शिकायत दर्ज कराता है और उसके निस्तारण के लिए अपने वरिष्ठों को सूचित करता है। बेशक शेरपुर चौकी पुलिस का अतिरिक्त प्रभार बहलोलपुर चौकी के सहायक थानेदार को दिया गया है, लेकिन यहां भी आश्चर्य की बात है कि बहलोलपुर चौकी में सहायक थानेदार के अलावा कोई अन्य कर्मचारी ही नहीं है।
बहलोलपुर चौकी के अंतर्गत 20 से ज्यादा गांव भी आते हैं और दोनों चौकी में कुल 2-2 कर्मचारी तैनात हैं जो 40 से ज्यादा गांवों की सुरक्षा के लिए अपनी ड्यूटी पूरी मुश्तैदी से करने में लगे हुए हैं। बहलोलपुर चौकी की बात करें तो यहां चौकी प्रभारी के अलावा शिकायतों का निपटारा करने के लिए कोई मुंशी, संतरी या अन्य कर्मचारी नहीं है। बहलोलपुर और शेरपुर के अंतर्गत आने वाले लगभग 40 गांवों की सुरक्षा के लिए केवल एक चौकी प्रभारी तैनात है, जो बेहद अपर्याप्त है। इसके अलावा अगर बहलोलपुर चौकी प्रभारी को कानूनी काम के लिए अदालत या अपने क्षेत्र से बाहर जाना होता है, तो एक निजी लांगरी ही शिकायत दर्ज कराने आने वाले लोगों की थाना प्रभारी से बात करता है और उन्हें माछीवाड़ा पुलिस स्टेशन भेजता है।
इसके अलावा अगर लंगरी न हो तो उस पर ताला लगाना पड़ता है। बहलोलपुर और शेरपुर चौकी में केवल 2-2 कर्मचारी तैनात होने के कारण लोगों की शिकायतों का समाधान करना भी मुश्किल हो रहा है। बेशक इन चौकियों में तैनात दोनों कर्मचारी लोगों की शिकायतों का समाधान करने और अपराध रोकने के लिए 24 घंटे अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं, लेकिन 12 कर्मचारियों का कार्यभार सिर्फ 2 कर्मचारियों पर डालना किसी अमानवीय यातना से कम नहीं है। आम आदमी पार्टी सरकार नए पुलिस अधिकारियों की भर्ती कर रही है, लेकिन माछीवाड़ा इलाके में पुलिस कर्मियों की कमी से साफ पता चलता है कि पुलिस के आला अधिकारी यहां के लोगों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं हैं. क्षेत्र के लोगों की मांग है कि बहलोलपुर और शेरपुर थाने में कम से कम 6 कर्मचारियों की तैनाती की जाए ताकि उनकी सुरक्षा के लिए और कोई समस्या आने पर उचित कानूनी कार्रवाई की जा सके।
थानों में स्टाफ की कमी जल्द होगी पूरी : एसएसपी
माछीवाड़ा थाने के अंतर्गत आने वाले थानों में स्टाफ की कमी के बारे में जब एसएसपी अवनीत कोंडल से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि कुछ कर्मचारी रिटायर हो गए हैं और कुछ का ट्रांसफर हो गया है, जिसके कारण स्टाफ की कमी जरूर पैदा हुई है। उन्होंने कहा कि लोगों की सुरक्षा हमारा मुख्य उद्देश्य है, इसलिए जिन पुलिस स्टेशनों में स्टाफ कम है, वहां जल्द ही जवानों की तैनाती की जाएगी।
क्या कहना है पुलिस प्रमुख का?
पुलिस चौकी बहलोलपुर पर ताला लगाने के बारे में जब माछीवाड़ा पुलिस चौकी के प्रमुख भिंदर सिंह खंगुरा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यहां तैनात प्रभारी और पुलिस कर्मियों को कानूनी काम से जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि स्टाफ की कुछ कमी जरूर है लेकिन माछीवाड़ा थाने के सभी कर्मचारी अपनी ड्यूटी पूरी तनदेही से निभा रहे हैं और लोगों की सुरक्षा के लिए सतर्क रहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर स्टाफ की कमी है तो उसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
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