पंजाब के कई जिलों में अब नहीं खुल पाएंगे ठेके, वाइन कांट्रैक्टर्स ने खड़े किए हाथ

punjabkesari.in Thursday, May 07, 2020 - 09:27 AM (IST)


परिस्थितियों के मुताबिक एक नई नीति का मसौदा तैयार करने की मांग
सरकार के खिलाफ अदालत जाने की दी चेतावनी

 

लुधियाना। भले ही पंजाब सरकार ने कल से यानि 7 मई से शराब के ठेके खोलने का ऐलान कर दिया है लेकिन सूबे के अधिकांश ठेकेदारों ने होम डिलीवरी और शराब के ठेके खोलने को लेकर अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। वाइन कांट्रैक्टर्स ने मांग की है कि बदली हुई परिस्थितियों से मेल खाने के लिए एक नई नीति का मसौदा तैयार किया जाना चाहिए। आबकारी नीति 2020-21 की समीक्षा दोबारा की जानी चाहिए ताकि ठेकेदारों को नुकसान न उठाना पड़े। अधिकांश ठेकेदारों ने 17 मई तक के लॉकडाउन तक ठेके खोलने और होम डिलीवरी पर असमर्थता जताई है। ठेकेदारों का कहना है कि अगर सरकार उनकी सहायता के लिए नहीं आती है, तो वे अदालत का रुख करेंगे।

शराब की बिक्री में होगी भारी गिरावट
लुधियाना में शराब ठेकेदारों के प्रवक्ता वरिंदर शर्मा ने मीडिया में दिए एक बयान में कहा है कि ठेकेदारों का कहना है कि भारतीय निर्मित विदेशी शराब की बिक्री में 50% की गिरावट होने की उम्मीद है, क्योंकि लोग अपनी नौकरी खो रहे हैं और उनके पास इसे खरीदने के लिए पैसे नहीं होंगे। देसी शराब जिसकी बिक्री 80% होती है, उसकी मांग में भारी गिरावट होने की संभावना है, क्योंकि श्रमिकों और मजदूरों ने अपने मूल स्थानों को छोड़ दिया है या इसे खरीदने के लिए उनके पास कोई पैसा नहीं है। ठेकेदारों का कहना है कि इन परिस्थितियों में, वर्तमान आबकारी नीति संभव नहीं है।

पंजाब सरकार के सामने ठेकेदारों ने रखे सुझाव 
वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान कर्फ्यू के दिनों के कारण हानि का अनुपात कोटे से कम किया जाए और आनुपातिक लाइसेंस शुल्क माफ किया जाए। जहां तक ​​वित्तीय वर्ष 2020-21 का संबंध है, लाइसेंस नीति में संशोधन होना चाहिए और कोटे की शर्त को वापस लिया जाना चाहिए। वास्तविक बिक्री के अनुसार लाइसेंसधारी द्वारा आबकारी शुल्क जमा किया जाना चाहिए। एक्साइज ड्यूटी की चोरी से शराब के प्रवाह की जांच करने के लिए भट्टियों पर सतर्कता भी बढ़ाई जानी चाहिए। शराब व्यापार में शामिल लोगों के हितों को बचाने के साथ-साथ सरकार को राजस्व अर्जित करने के लिए नीति में यह बदलाव बहुत आवश्यक है।

ऑनलाइन बिक्री के भी खिलाफ हैं शराब के ठेकेदार
ऑनलाइन बिक्री को लॉक-डाउन अवधि के दौरान अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। ठेकदारों ने हाल ही में पिज्जा डिलीवरी बॉय के नोएडा में कोविड -19 को फैलाने का हवाला देते हुए कहा कि एसोसिएशन के सदस्य इस ऑनलाइन बिक्री / होम डिलीवरी कॉन्सेप्ट के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि अहाता शुल्क को समाप्त कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग के चलते इन अहातों को संचालित करने वाला कोई भी नहीं है, इसलिए कोविड -19 के दौरान इस शुल्क का भुगतान करना बहुत मुश्किल है।

निकल चुका है आधा बीयर सीजन, थोक बिक्री भी है बंद
अधिकतम बीयर सीजन आगे बढ़ गया है, सीजन के बाद बीयर कोटा कैसे उठाएंगे। जब तक कोटे के वास्तविक भार के अनुसार लाइसेंस शुल्क वसूलने के लिए विभाग की ओर से आश्वासन नहीं दिया जाएगा, तब तक ठेकेदार सरकार की शेष सुरक्षा या लाइसेंस शुल्क का कोई हिस्सा नहीं दे पाएंगे। भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार विवाह स्थल, रेस्तरां और मॉल अक्टूबर 2020 तक बंद कर दिए जाएंगे। थोक बिक्री विवाह कार्यों के साथ-साथ रेस्तरां के माध्यम से की जाती है, ऐसे में विभाग द्वारा जारी शर्तों का पालन करना ठेकेदारों के लिए असंभव है। 


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Suraj Thakur

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