Khalsa Aid के प्रमुख को ''आतंकी'' कहने वालों पर बरसे Sukshinder Shinda, सरेआम कही यह बात
punjabkesari.in Thursday, Dec 31, 2020 - 01:33 PM (IST)

चंडीगढ़: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के धरना प्रदर्शन का आज 36वां दिन है। किसानों का समर्थन करने के लिए जहां आम लोग पहुंच रहे हैं, वहीं पंजाबी गायक भी अपने गीतों के द्वारा किसानों का हौसला बढ़ा रहे हैं।
ਅੱਜ ਦੁਨੀਆਂ ਰਵੀ ਸਿੰਘ ਖਾਲਸਾ ਏਡ ਨੂੰ ਨੋਬਲ ਪੁਰਸਕਾਰ ਦੇਣ ਦੀ ਵਕਾਲਤ ਕਰ ਰਹੀ ਹੈ ਅਤੇ ਘਟੀਆ ਚੈਨਲਾ ਵਾਲੇ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਅੱਤਵਾਦੀ ਕਹਿ ਰਹੇ ਹਨ ਅਸੀਂ ਰਵੀ ਸਿੰਘ ਖਾਲਸਾ ਨੂੰ ਤੇ ਖਾਲਸਾ ਏਡ ਦੇ ਮਨੁੱਖਤਾ ਲਈ ਪਾਏ ਯੋਗਦਾਨ ਨੂੰ ਸਲਾਮ ਕਰਦੇ ਹਾਂ ਤੇ ਰਵੀ ਸਿੰਘ ਵੀਰ ਨੂੰ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਹਮੇਸਾ ਚੜਦੀ ਕਲਾ ਚ ਰੱਖੇ#IamWithKhalsaAid @RaviSinghKA pic.twitter.com/1PDjgdpsYn
— Sukshinder Shinda (@SukshnderShinda) December 30, 2020
कड़ाके की इस ठंड में दिल्ली के बार्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की सेवा के लिए खालसा एड भी वहां पहुंची हुई है। किसानों के लिए लंगर और रिहायश से लेकर हर चीज़ जो किसानों को चाहिए वह खालसा एड की तरफ से उपलब्ध करवाई जा रही है लेकिन कुछ मीडिया चैनलों की तरफ से यहां सेवा करन वाले खालसा एड के प्रमुख रवि सिंह को आतंकवादी कहा जा रहा है। गायक सुखशिंदर शिन्दा ने एक पोस्ट सांझी करते हुए खालसा एड की तरफ से निभाई जा रही सेवा की प्रशंसा की है। इसके साथ उन्होंने अपने इंस्टाग्राम और ट्वीटर अकाउंट पर लिखा कि 'आज दुनिया रवि सिंह खालसा एड को नोबल पुरुस्कार देने की वकालत कर रही है और घटिया चैनल वाले उन्हें आतंकवादी कह रहे हैं। हम रवि सिंह खालसा को और खालसा एड के मानवता के लिए पाए योगदान को सलाम करते हैं और रवि सिंह भाई को वाहेगुरु हमेशा चढ़ती कला में रखे।'
Thank you Khalsa Aid . Thanks Ravi Singh ji @Khalsa_Aid @RaviSinghKA Bhaji God bless you all. We are very very proud of you. Waheguru hamesha chardi kala ch Rakhe 🙏 pic.twitter.com/EWFmdRKrot
— Sukshinder Shinda (@SukshnderShinda) December 29, 2020
इससे पहले पंजाबी गायक प्रभ गिल और गगान कोकरी ने निजी चैनलों पर अपनी भड़ास निकाली है। प्रभ गिल ने अपने ट्वीटर अकाउंट के जरिए निजी चैनल को चुनौती देते हुए एक वीडियो सांझी करते पोस्ट में लिखा 'अगर तू सच्ची पत्रकारिता कर रहा है तो वहां 45 किसान भाई की मौत हो गई तेरे न्यूज़ चैनल पर कभी उसका डी.एन.ए. चला... साफ साफ बोल कि इस आंदोलन के कारण तुम जैसे पत्तलकारों की चड्डी उतर रही है...।'