प्राइवेट सैक्टर की नौकरियों में पंजाबियों को प्राथमिकता नहीं: कैप्टन अमरेंद्र

punjabkesari.in Monday, Jul 13, 2020 - 09:31 AM (IST)

चंडीगढ़/जालंधर(अश्वनी, धवन): पंजाब में प्राइवेट सैक्टर की नौकरियों में पंजाबियों को प्राथमिकता नहीं मिलेगी। रविवार को सोशल मीडिया पर रू-ब-रू होते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने यह बात कही। राजिंद्र सिंह नामक शख्स ने मुख्यमंत्री से पूछा था कि हरियाणा की तर्ज पर पंजाब के प्राइवेट सैक्टर में पंजाबियों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के किसी भी बाशिंदे की नौकरी में रुकावट नहीं बन सकते हैं। यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। पंजाब के लोग भी देशभर के कई रा’यों में रह रहे हैं और नौकरी कर रहे हैं। कई नौजवानों द्वारा ऑस्क कैप्टन के कार्यक्रम में पूछे गए सवालों के मुख्यमंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि उनकी सरकार रा’य की नौकरियों में हरियाणा माडल को लागू नहीं करेगी। 

गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए सरकार रास्ता तलाश रही
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ऐसे विद्यार्थियों की शिक्षा के लिए रास्ता तलाश रही है, जिनके पास ऑनलाइन व्यवस्था नहीं है। कोविड की स्थिति के कारण रैगुलर क्लास संभव नहीं है, इसलिए यह लाजिमी बन जाता है कि ग्रामीण विद्यार्थियों व गरीब विद्यार्थियों को शिक्षा का बराबर हक मिले। इसलिए शिक्षा विभाग को निर्देश दिए हैं कि ऐसी विधि तलाशें, जिससे बच्चों को शिक्षा मिल सके। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पहले ही हाईकोर्ट में एल.पी.ए. दायर कर चुकी है, जिसमें प्राइवेट स्कूलों को लॉकडाऊन में फीस वसूलने की आज्ञा दी गई है, जब ऑनलाइन क्लास भी नहीं लग रही थी। यूनिवर्सिटी व कालेज की परीक्षाओं पर स्पष्ट किया कि यू.जी.सी. की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों से सहमत नहीं है। इसलिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। यू.जी.सी. को फैसला रा’य सरकारों पर छोड़ देना चाहिए।


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