राधे मां की मुश्किलें बढ़ीं, फॉरैंसिक जांच में मैच हुई आवाज, SIT गठित

punjabkesari.in Tuesday, Dec 18, 2018 - 10:54 PM (IST)

चंडीगढ़(बृजेन्द्र): सुखविंद्र कौर उर्फ राधे मां की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राधे मां पर धमकाने के आरोपों वाली रिकार्डिंग के वॉयस सैंपल मैच हो गए हैं। फॉरैंसिंक जांच में आवाज का मिलान हुआ है। यह जानकारी कपूरथला के एस.एस.पी. ने हाईकोर्ट में दी। उन्होंने बताया कि राधे मां के खिलाफ आपराधिक शिकायत के मामले की जांच को लेकर स्पैशल इन्वैस्टिगेशन टीम (एस.आई.टी.) का गठन किया गया है जिसमें एक आई.पी.एस. और एक पी.सी.एस. ऑफिसर हैं। कहा गया कि एक महीने में जांच पूरी कर ली जाएगी जिस पर हाईकोर्ट ने पुलिस को कहा कि जांच पूरी कर 2 महीने में रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें। 
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याचिकाकत्र्ता के वकील ने कोर्ट में बताया कि सभी एविडैंस पुलिस को बहुत पहले दे दिए थे लेकिन अब तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। यहां तक कि राधे मां और सुरेंद्र मित्तल की बातचीत की सी.डी. पुलिस को दी गई लेकिन पुलिस ने राधे मां के वॉयस सैंपल लेने के लिए उसे बुलाया नहीं बल्कि टी.वी. इंटरव्यू से सैंपल लिए गए हैं। वहीं हाईकोर्ट के 2015 के आदेशों की पालना नहीं करने के मामले में याचिकाकत्र्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि तत्कालीन एस.एस.पी. संजीव शर्मा ने कोर्ट में झूठा एफिडैविट दायर किया था और कोर्ट को गुमराह करने का प्रयास किया।उन्होंने कहा कि उनको हाईकोर्ट की तरफ से न कोई ई-मेल आया और न ही किसी तरह का उन्हें कोई आर्डर मिला जबकि हाईकोर्ट की तरफ से मेल भेजा गया था और दस्ती नोटिस दिया गया था। हाईकोर्ट ने इस पर पंजाब पुलिस के डी.जी.पी. को इन्क्वायरी मार्क कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। इस पर भी 2 महीने के भीतर रिपोर्ट मांगी है। 

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धार्मिक भावनाएं आहत कीं और फिर धमकाया: मित्तल
फगवाड़ा के रहने वाले सुरेंद्र मित्तल ने याचिका दायर कर कहा था कि राधे मां से उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं। मित्तल का कहना था कि पुलिस से शिकायत की थी कि राधे मां जगराते में खुद को मां दुर्गा का अवतार कहकर त्रिशूल धारण कर बैठती है। इससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। याचिका में कहा गया कि उनके साथ कई लोगों ने राधे मां का विरोध किया था और जगराते नहीं होने दिए थे। इसके बाद उन्हें राधे मां की तरफ से फोन कर पैसों का ऑफर दिया गया। ऑफर स्वीकार न करने पर उन्हें धमकियां मिलने लगीं कि वह उनके मामले में दखल न दें।  बहरहाल एस.एस.पी. कपूरथला के जवाब के बाद केस का निपटारा कर दिया गया। साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि अगर 2 महीने के भीतर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो केस को फिर से शुरू किया जा सकता है।


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