संत सीचेवाल ने सतलुज नदी पर बने धूसी बांध का किया दौरा, लोगों ने की यह मांग

punjabkesari.in Monday, Jul 04, 2022 - 03:12 PM (IST)

सुल्तानपुर लोधी : संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने सतलुज नदी पर बने धूसी बांध का दौरा किया। इस दौरान नदी के किनारे 24 से अधिक गांवों के लोगों ने संत सीचेवाल को बताया कि नदी में बाढ़ का असली कारण यह है कि दशकों से नदी से मिट्टी नहीं हटाई गई है, जिससे नदी कई जगहों से उठी हुई है। नदी के किनारे मऊ साहिब, फतेहपुर भगवा और बाउपुर गांवों के निवासियों ने संत सीचेवाल को बताया कि नदी उनके गांवों के आसपास बहती है, जिससे धूसी बांध पर भूस्खलन आ जाता है।

उन्होंने मांग की कि जिस तरह गिद्दड़पिंडी के पास नदी के बहाव को मोड़ दिया गया है, उसी तरह उनके गांवों को भी ऐसा करना चाहिए, कई ग्रामीणों ने यह भी मांग की कि नदी को खोदा जाए ताकि वह सीधे धूसी बांध से न टकराए। संत सीचेवाल ने आज धूसी बांध पर जिन गांवों का दौरा किया उनमें चहल, पिपली मियां, फतेहपुर भगवा, बाउपुर, खैरा मस्तरका, मऊ साहिब और फिल्लौर शामिल हैं।

धुसी बांध का दौरा शुरू करने से पहले गिद्दड़पिंडी नदी के किनारे बने आधार शिविर में श्री अखंड पाठ साहिब का भोग लगाया गया। कार्यक्रम में एक दर्जन से अधिक बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों ने भाग लिया। उपस्थित गांवों के पंच-सरपंचों और अन्य गण्यमान्य व्यक्तियों ने पंजाब सरकार से अपील की कि जब तक गिद्दड़पिंड रेलवे पुल के नीचे से मिट्टी नहीं हटाई जाती, तब तक बाढ़ का खतरा है। बाढ़ पीड़ितों ने सर्वसम्मति से मांग की कि उनके क्षेत्र को संभावित बाढ़ से बचाया जाए।

इस अवसर पर रतन सिंह, मुख्तियार सिंह, दया सिंह सीचेवाल, केवल सिंह, मोनू पटवारी, लखविंदर सिंह, गुरचरण सिंह, सरपंच चकचेला जोगा सिंह, सरपंच महिमवाल राणा, अमरीक सिंह संधू, गुरदीप सिंह गोगा मौजूद थे।

2019 में बाढ़ से हुआ था 1,200 करोड़ रुपए का नुक्सान
बाढ़ रोकथाम समिति के अध्यक्ष कुलविंद्र सिंह ने कहा कि 2019 में आई बाढ़ ने इलाके में तबाही मचाई थी, तब घाटा 1,200 करोड़ रुपए का हुआ था। गिद्दड़पिंडी रेलवे पुल के नीचे भूस्खलन से धूसी बांध करीब एक दर्जन स्थानों पर टूट गया। उन्होंने कहा कि संत सीचेवाल वर्ष 2019 से लगातार धूसी बांध को मजबूत करने के लिए जल निकासी विभाग के सहयोग से नदी से मिट्टी की खुदाई कर रहे हैं।

धूसी बांध के 5 गुना गिरने से हुई तबाही
सतलुज नदी में 5 बार धूसी बांध टूट कर कहर बरपा रहा है। 1988 की बाढ़ के दौरान सतलुज नदी में 6 लाख क्यूसेक पानी बह गया था। 1993 और 1995 में सतलुज नदी में आई बाढ़ ने भी कहर बरपाया था। सतलुज में 2 लाख क्यूसेक पानी की क्षमता है। 2008 में केवल 1 लाख 22 क्यूसेक बाढ़ के पानी ने धूसी बांध को तोड़ दिया, क्योंकि गिद्दड़पिंडी रेलवे पुल के नीचे बड़ी मात्रा में मिट्टी जमा हो गई थी। 2019 में आई बाढ़ से 1,200 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ था।

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News Editor

Kalash

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