युवा पीढ़ी क्यों हो रही है Silent Heart Attack का शिकार, जानें क्या हो सकती है वजह
punjabkesari.in Saturday, Oct 19, 2024 - 04:25 PM (IST)
तरनतारन : देश में आए दिन कम उम्र में दिल का दौरा पड़ने से मौत की दर दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इसका डॉक्टरों के अनुसार मुख्य कारण मानसिक बोझ, खराब आहार, सिगरेट, शराब, ड्रग्स का इस्तेमाल और मोटापा माना जा रहा है। समय पर मेडिकल न करवाना और खुद इलाज करना भी दिल के रोगियों को मौत के मुंह तक पहुंचा रहा है। गौरतलब है कि विदेशों में पहुंचे छोटी उम्र के भारतीय युवा दिन-रात मेहनत करते हुए स्ट्रेस का शिकार होने के कारण साइलेंट हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं। युवक मानसिक बोझ के कारण समय पर खाना नहीं खाते जो अटैक का कारण बन सकता है।
वर्ष 2017 के दौरान हुए एक सर्वे में एक बात सामने आई थी कि दिल की अलग-अलग बिमारियों के शिकार मरीजों की रोजाना भारत में रोजाना 1 लाख में से 272 मरीजों की मौत हो जाती है। इसमें युवओं की संख्या बढ़ती जा रही है। हृदय रोग से पीड़ित मरीजों को आजकल साइलेंट अटैक की समस्या होने लगी है, जिसका उदाहरण हमारे आसपास रोजाना उन लोगों में मिलने लगा है जो शरीर से बिल्कुल फिट दिखते हैं।
हार्ट अटैक के क्या हैं लक्षण
छोटी से बड़ी उम्र के व्यक्ति को जब हार्ट अटैक आता है तो उसके सीने, बाजू, पीठ, गर्दन और पेट तक तेज दर्द शुरु हो जाती है। इसके साथ ही मरीज को पसीना, घबराहत, सांस फूलना शुरू हो जाता है। यह सब शरीर में बुरे कोलेस्ट्रॉल के कारण होता है। ऐसी स्थिती में दिल के विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा मरीज की ईसीजी की जाती है, जिसमें दिल के काम करने और नसों की स्थिति से प्रारंभिक जांच शुरू की जाती है।
विदेशों में डॉलरों के लालच में अपने सपने जल्द साकार करने के लिए युवा दिन-रात मेहनत करते दिखाई दे रहे हैं। उनके दिमाग पर अधिक बोझ होने के कारण वह तनाव का शिकार हो जाते हैं, जिसके बाद धीरे-धीरे अपने बिगड़े खान-पान के चलते साइलेंट हार्ट अटैक के शिकार हो रहे हैं। विदेशों में युवकों द्वारा सिगरेट, ड्रग्स और शराब का सेवन दिल के रोगों का मुख्य कारण बन रहा है। अक्सर देखने को मिलता है कि बुजुर्गों की तुलना में युवा इस बीमारी के ज्यादा शिकार होते हैं, जिनकी उम्र 45 साल से कम बताई जाती है।
जंक फूड और चिकनाई से करें किनारा
डायटीशियन पवन कुमार चावला ने बताया कि व्यक्ति को लंबी उम्र तक जीने के लिए समय रहते अपनी जीवनशैली बदल लेनी चाहिए। उन्होंने बताया कि अधिक घी, मक्खन और तली-भुनी चीजों का सेवन करने से लोग गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि जंक फूड से परहेज करने से व्यक्ति बीमारियों से दूर रह सकता है। स्वस्थ रहने के लिए हरी सब्जियां, मेडिटेशन, अधिक पानी पीना, पैदल चलना, सूर्यास्त से पहले रोटी खाना और उचित नींद लेना बहुत जरूरी है।
हर तीन महीने में करवाएं जांच
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. रजनीश शर्मा ने कहा कि दिल के रोग से पीड़ित व्यक्ति को हर तीन महीने में जांच करवानी चाहिए, जिससे आवश्यक चिकित्सीय परीक्षण करवाकर रोगी की आंतरिक गतिविधियों का पता लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सिगरेट, शराब, तनाव, अधिक वजन और तले हुए खाद्य पदार्थों पर नियंत्रण रखकर व्यक्ति दिल के दौरे से बच सकता है।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here