PGI में अब कब तक होंगे टेस्ट! लाखों मरीजों के लिए राहत भरी खबर

punjabkesari.in Monday, Nov 17, 2025 - 01:47 PM (IST)

चंडीगढ़ (पाल) : पी.जी.आई. की ओ.पी.डी. में आने वाले मरीजों के लिए जांच सुविधाओं के विस्तार पर महीनों से चल रही चर्चा अब निर्णायक दौर में पहुंच रही है। इसी महीने होने वाली एस.एफ.सी. (स्थायी वित्त कमेटी) की बैठक में यह तय हो जाएगा कि जांच सुविधा 24 घंटे चलेगी या इसे शाम 7-8 बजे तक बढ़ाया जाएगा। यह फैसला लाखों मरीजों के लिए राहत की बात हो सकती है। खासकर उन लोगों के लिए जो दूर-दराज के इलाकों से सुबह-सुबह ओ.पी.डी. पहुंचते हैं और डॉक्टर को दिखाने और शुल्क जमा करने के दौरान रक्त ब्लड क्लेक्शन सेंटर बंद हो जाते हैं। ऐसे मरीजों को अगले दिन फिर से जांच के लिए पी.जी.आई. आना पड़ता है, जिससे समय, पैसा और परेशानी का सामना करना पड़ता है।

डिप्टी डायरेक्टर पंकज राय का कहना है कि फिलहाल एस.एफ.सी. की तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी। अभी तक योजना यह थी कि जांच 24 घंटे की जाए, लेकिन कुछ संकायों ने सुझाव दिया है कि 24 घंटे की बजाय शाम 7 या 8 बजे तक जांच की जाए। ज्यादातर ओपीडी शाम 4 या 5 बजे बंद हो जाती हैं। इसलिए, अगर ओ.पी.डी. के बाद शाम 7 बजे तक जांच जारी रहे, तो मरीजों को फायदा होगा। आपात स्थिति में 24 घंटे जांच चल रही है। बैठक के बाद ही तय होगा कि जांच 24 घंटे होगी या सीमित समय के लिए।

मौजूदा ब्लड कलेक्शन सेंटर सुबह 8 से 11 बजे तक सेंपल लेता है

पिछले कुछ वर्षों में ओ.पी.डी. में आने वाले मरीजो की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। मरीज सुबह लाइन में लगकर डॉक्टर के पास पहुंचता है। वहां जाँच के बाद, डॉक्टर मरीज को जांच के लिए लिखते हैं। शुल्क जमा करने के बाद, जब तक मरीज जांच के लिए जाता है, तब तक ब्लड कलेक्शन सेंटर बंद हो चुका होता है। पी.जी.आई. अस्पताल में आने वाले मरीजों का एक बड़ा हिस्सा दूर-दराज के इलाकों से आता है, जिसके कारण उन्हें अगले दिन जांच के लिए आना पड़ता है या पी.जी.आई. में ही रुकना पड़ता है।

इसलिए यह नई सुविधा मरीजों के समय की बचत करने में काफी कारगर साबित होगी। पी.जी.आई. के डॉक्टर कुछ टेस्ट संस्थान में ही करवाने पर जोर देते हैं। ऐसे में अगर कोई मरीज बाहर से जांच करवाना चाहे, तो नहीं करवा पाता। नई ओ.पी.डी. में मौजूद ब्लड कलेक्शन सेंटर सुबह 8 बजे से 11 बजे तक सैंपल लेता है। मरीज ज्यादा होने पर सेंटर कभी-कभी दोपहर 12 बजे तक भी खुला रहता है। ओ.पी.डी. में रोजाना मरीजों की संख्या लगभग 10 हजार है। जिन मरीजों का नंबर सुबह आता है, वे तो समय पर सैंपल दे देते हैं, लेकिन कई विभागों की ओ.पी.डी. शाम 4 या 5 बजे तक चलती है, जिसके कारण वे मरीज न तो जांच शुल्क देते हैं और न ही सैंपल देते हैं। इस वजह से उन्हें अगले दिन शुल्क चुकाने के बाद ही सैंपल देना पड़ता है।

कुछ जांचों की रिपोर्ट आने में  लगते हैं 5 से 7 दिन 

दैनिक जांचों में बायोकेमिस्ट्री, हेमेटोलॉजी, रेडियोलॉजी और अन्य रक्त जांच शामिल हैं, जिनकी रिपोर्ट एक दिन में मिल जाती है, जिसे पी.जी.आई. द्वारा ऑनलाइन भी उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा, इम्यूनोलॉजी विभाग के टेस्ट, कैंसर मार्कर टेस्ट और बायोप्सी टेस्ट की रिपोर्ट आने में 5 से 7 दिन का समय लगता है। पी.जी.आई. के निदेशक कई मौकों पर कह चुके हैं कि उनका ध्यान ज्यादा से ज्यादा मरीज-अनुकूल सुविधाएं बढ़ाने पर है, ताकि मरीजों को फायदा हो और अस्पताल में भीड़ कम हो। इसलिए, यह सेवा किसी निजी कंपनी को सौंपी जा सकती है और कंपनी के रेट पी.जी.आई. के रेट पर ही तय होंगे। इसके अलावा, कैंपस में ही एक टेस्टिंग यूनिट स्थापित की जाएगी। अगर यह व्यवस्था लागू हो जाती है, तो मरीज शाम 5 बजे की छुट्टी के बाद भी टेस्ट करा सकेंगे और घर लौट सकेंगे। बार-बार पी.जी.आई. जाने की उनकी परेशानी खत्म हो सकती है।

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News Editor

Urmila

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