पंजाब में जब-जब संकट के बादल मंडराए, तब-तब मुख्यमंत्री कैप्टन गैर हाजिर रहे

punjabkesari.in Wednesday, Nov 20, 2019 - 03:19 PM (IST)

चंडीगढ़(अश्वनी कुमार): इसे संयोग कहें या कुछ और लेकिन हकीकत यही है कि पंजाब में जब-जब संकट के बादल मंडराए, तब-तब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र गैर हाजिर रहे। इन दिनों भी जब पंजाब में 37 वर्षीय दलित युवक की बर्बरतापूर्ण हत्या के बाद दलितों का गुस्सा उफान पर है तो मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र यूरोप में छुट्टियां मना रहे हैं। बताया जा रहा है कि वह करीब 2 सप्ताह तक यूरोप के विभिन्न देशों की यात्रा करेंगे जिसका अंतिम पड़ाव इंगलैंड होगा।

यह पहला मौका नहीं है जब मुख्यमंत्री विकट समय दौरान रा’य से बाहर रहे हों। इसके चलते मुख्यमंत्री विपक्षी दलों के निशाने पर भी आते रहे हैं। दलित युवक की हत्या मामले में आम आदमी पार्टी पंजाब के अध्यक्ष भगवंत मान ने निशाना साधते हुए कैप्टन अमरेंद्र को देश का सबसे लापरवाह मुख्यमंत्री तक करार दे दिया है। और तो और लोकसभा में शीतकालीन सत्र के शून्यकाल दौरान सांसद भगवंत मान ने कहा कि एक तरफ पंजाब सरकार विदेश में शिकार खेलने गई हुई है और दूसरी तरफ पंजाब में दरिंदे इंसानियत का शिकार कर रहे हैं। इससे पहले पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर बादल भी पंजाब में दुखद घटनाओं दौरान मुख्यमंत्री पर हल्ला बोलते रहे हैं।

मई, 2018 में पर्यावरण त्रासदी, मुख्यमंत्री हिमाचल प्रवास पर  
मई, 2018 दौरान जब पंजाब में बड़ी पर्यावरण त्रासदी हुई तब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र हिमाचल में छुट्टियां मना रहे थे। चड्ढा शूगर मिल से करीब 75 हजार किं्वटल गर्म शीरा ब्यास नदी में घुल गया जिसने ब्यास और सतलुज नदी की बायोडायवॢसटी को ध्वस्त कर दिया। करीब 50 तरह की प्रजाति से संबंधित मछलियां कर गईं। जलीय जीवों की आहार शृंखला तबाह हो गई। वन्यजीव विशेषज्ञों ने पंजाब की सबसे बड़ी प्राकृति त्रासदी बताते हुए कहा कि पूरा वन्यजीव प्रबंधन नदियों के सुधार में लग जाए तो भी नदी के पूरे इकोसिस्टम को दोबारा दुरुस्त करने में कम से कम 10 साल लगेंगे। बावजूद इसके मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र हिमाचल में बैठकर ही स्थिति का जायजा लेते रहे। 

ट्रेन हादसे के 48 घंटे बाद मुख्यमंत्री इसराईल रवाना 
अक्तूबर, 2018 दौरान अमृतसर में ट्रेन हादसा हुआ जिसमें करीब 59 लोग मारे गए। पूरा पंजाब गम में डूबा था लेकिन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र हादसे के 48 घंटे से भी कम समय बीतने पर इसराईल रवाना हो गए थे। मुख्यमंत्री की यात्रा पर प्रदेश में राजनीतिक तूफान आ गया था। आम आदमी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, भाजपा ने सांझा मोर्चा खोलते हुए मुख्यमंत्री की कड़े शब्दों में आलोचना की लेकिन मुख्यमंत्री करीब 4 दिन तक इसराईल दौरे पर रहे।

मंत्री आरोपों के घेरे में, सी.एम. तुर्की में 

अक्तूबर, 2018 दौरान ही पंजाब की सियासत में तब खलबली मच गई जब एक महिला अधिकारी ने कैबिनेट मंत्री पर बदसलूकी का आरोप लगा दिया। यह वह समय था जब पूरे देश में मी टू कैंपेन उफान पर था। इसके चलते देश भर में मंत्री को पद से हटाने की आवाज उठी। उस समय मुख्यमंत्री तुर्की दौरे पर थे। इस पर पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने ट्वीट किया था कि तुर्की में छुट्टियों से कुछ समय निकाल कर रा’य के प्रशासन को दुरुस्त करने में लगाएं और तुरंत दागी मंत्री को पद से निष्काषित करें।

2 साल का मासूम बोरवैल में, मुख्यमंत्री हिमाचल में  
जून, 2019 में संगरूर जिले में 2 साल का मासूम फतेहवीर बोरवैल में गिर गया। पंजाब का पूरा डिजास्टर मैनेजमैंट सिस्टम उसे बचाने में जुटा था लेकिन मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश में छुट्टियों का लुत्फ उठा रहे थे। और तो और उन्होंने करीब 3 दिन बाद ट्वीट के जरिए मामले बारे चिंता जताई। इसे लेकर भी मुख्यमंत्री विपक्षी दलों के निशाने पर आए। पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने ट्वीट कर पूछा कि आप हिमाचल में छुट्टियां क्यों मना रहे हो और बता रहे हो कि बचाव अभियान का जायजा ले रहा हूं। आपदा की स्थिति में आप पहाडिय़ों से उतरकर क्यों नहीं आए। हादसे में फतेहवीर की मौत हो गई थी जिस पर विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री को जिम्मेदार भी ठहराया था। 

अब नवम्बर, 2019 में दलित युवक ही हत्या, मुख्यमंत्री निजी यूरोप दौरे पर  
इन दिनों दलित समुदाय 37 वर्षीय दलित युवक की हत्या पर क्रोधित है। जब उसकी मौत हुई तो मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र निजी यूरोप दौरे पर रवाना हो गए थे। पूरे प्रदेश में हत्या को लेकर विरोध हुआ। परिजनों ने लाश लेने तक से मना कर दिया तो मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में 3 मंत्रियों को कमान संभालनी पड़ी। मंत्रियों ने परिजनों से बातचीत कर मुआवजे की राशि और पैंशन सहित नौकरी का आश्वासन देकर जैसे-तैसे तनावपूर्ण स्थिति को संभाला है। बताया जा रहा है कि दलित समुदाय अभी भी सरकार के रवैए से नाराज है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर अड़ा हुआ है। ऐसे बिगड़े माहौल के बावजूद बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री इस माह के अंत तक ही लौटेंगे।


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Vaneet

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