संत दयाल दास मर्डर साजिश बेपर्दा, आरोपी के गैंगस्टरों से निकले लिंक

punjabkesari.in Saturday, Sep 09, 2023 - 11:05 AM (IST)

चंडीगढ़ : 7 नवम्बर 2019 को डेरा हर का दास में संत दयाल दास की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता संत जरनैल सिंह ने आज तक इन्वैस्टीगेशन ज्वाइन नहीं की। उसका लुकआऊट नोटिस भी जारी हो चुका है। जरनैल सिंह की ओर से खुद को निर्दोष बताते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें पंजाब पुलिस की ओर से उसे इनोसैंट घोषित किए जाने को आधार बनाया गया था। कोर्ट में इस मामले की जांच को बनाई गई 5वीं एस.आई.टी. की रिपोर्ट के आधार पर जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। 

एस.आई.टी. की ओर से कोर्ट को बताया गया कि जांच में सामने आया है कि संत जरनैल सिंह ने ही संत दयाल दास की हत्या की साजिश रची। इसके पीछे मकसद डेरे की करोड़ों की संपत्ति पर कब्जा करना था। संत जरनैल सिंह द्वारा पेश की गई पुलिस की इनोसैंट घोषित करने की रिपोर्ट की हाईकोर्ट द्वारा जांच किए जाने के आदेश के बाद हुई जांच में सामने आया कि संत जरनैल सिंह ने पुलिस अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर खुद को इनोसैंट घोषित करवाने के लिए उन्हें एक करोड़ की राशि दी थी। 

जांच में डी.आई.जी. फरीदकोट सुरजीत सिंह व डी.एस.पी. रणवीर सिंह, जो कि जांच अधिकारी थे, के खिलाफ सरकार से कार्रवाई की अनुमति मांगी गई थी। 
सरकार ने मामला विजिलेंस को सौंप दिया था। जांच के बाद 26 जून 2023 को भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत एफ.आई.आर. दर्ज की गई और मामले की जांच अभी चल रही है। कोर्ट को सरकार के अधिवक्ता ने बताया कि संत जरनैल सिंह के कई नामी गैंगस्टरों से निकट संबंध भी जांच में सामने आए हैं, जिनमें सुखप्रीत सिंह बूढ़ा, सुखदल सिंह दुला व नवराज भोला शामिल हैं। कोर्ट को बताया गया कि एस.आई.टी. की जांच में सामने आया कि संत दयाल दास पर गोली चलाने वाले आरोपी अमरीक सिंह शेरू व लखविंद्र सिंह लक्खा को भी जरनैल सिंह भली-भांति जानता था। हत्या से पहले हरमीत सिंह उर्फ रूबल व अमरजीत सिंह उर्फ मक्खन ने डेरे की रेकी की थी, जिन्हें सी.सी.टी.वी. फुटेज में देखा गया था।

कोर्ट को बताया गया कि सभी आरोपियों को पंजाब व मध्य प्रदेश पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। इनके पास से वारदात में इस्तेमाल हथियार और बाइक भी बरामद हो चुकी है। आरोपियों ने स्वीकार कर लिया है कि बरामद हुए हथियारों से ही संत दयाल दास की हत्या की गई थी। जिन लोगों ने हथियार पहुंचाए वह भी संत जरनैल सिंह के करीब रहे हैं। बचाव पक्ष ने कहा कि संत दयाल दास हत्या मामले में संत जरनैल सिंह की गिरफ्तारी जरूरी है। इसलिए उसे अग्रिम जमानत न दी जाए। तमाम दस्तावेजों और जिरह के बाद जस्टिस दीपक सिब्बल ने संत जरनैल सिंह को जमानत देने से इंकार करते हुए याचिका खारिज कर दी। 

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Her

पंजाब की खबरें Instagram पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here

अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Urmila

Related News