पंजाब एग्रो फूड ग्रेन कॉरपोरेशन में करोड़ों का स्कैम, जांच में जुटी विजीलेंस ब्यूरों
punjabkesari.in Tuesday, Feb 27, 2024 - 05:25 PM (IST)
लुधियाना ( गौतम ) : पंजाब एग्रो फूड ग्रेन कॉरपोरेशन में पिछले एक दशक से 1275 करोड़ रुपए के स्कैम को लेकर विजिलेंस ब्यूरों की तरफ से जांच शुरू की गई है । इस स्कैम का मुख्य कारण अनाज व चावल के स्टॉक के दौरान शार्टज होना, घटिया भंडार प्रबंध, खराब गेहूं के स्टॉक का निपटारा न करना, बारादान का उचित प्रबंध न होना, लकड़ी के करेटस, बोरियों के रख रखाव के लिए प्लास्टिक के कवरों को उचित प्रबंध न होने का माना जा रहा है । आला अधिकारियों की लापरवाही को ही इस स्कैम का मुख्य कारण माना जा रहा है, जिन्होंने समय के रहते इस तरफ ध्यान नहीं दिया और इस नुकसान के जिम्मेदार कर्मचारियों व अधिकारियों से इसकी भरपाई नहीं की जिस कारण वित्तीय नुकसान हुआ ।
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विधानसभा सत्र में हुआ था खुलासा
गौर है कि इससे जुड़े 607.57 करोड़ रुपए के स्कैम का खुलासा विधानसभा सत्र के दौरान आम आदमी पार्टी के एमएलए बुधराम व सरकारी व्यापार कमेटी के चेयरमैन ने कमेटी की रिपोर्ट में किया था । जो कि उन्होंने विधानसभा में पेश की थी । उनके अनुसार 10 सदस्यों पर आधारित कमेटी की रिपोर्ट में आडिट के दौरान पता चला था कि उक्त कारणों से ही पिछले 5 साल में कॉरपोरेशन को वित्तीय नुकसान हुआ है। जिसमें अपग्रेडेशन के खर्चो की पूर्ति न होना, कैरी ओवर खर्च , खराब गेहूं के निपटारे में देरी होने के कारण, भंडारण के होने पर अतिरिक्त खर्च भी शामिल थे । सत्र के दौरान उन्होंने कहा था कि यह स्कैम किसी उच्च अधिकारी की मिलीभगत व लापरवाही के बिना संभव नहीं है । केवल छोटे पदों पर आसीन कर्मचारियों को ही इसको इस जिम्मेदार ठहराया जाता है, जब कि उच्च पदों पर आसीन अधिकारियों को नजरअंदाज कर दिया जाता है। एमलएल की तरफ से इस मामले की जांच विजिलेंस से करवाने की बात कहीं गई थी।
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मुख्यमंत्री के पोर्टल व विजिलेंस को दी शिकायत
बाद में मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार निरोधक शिकायत पोर्टल पर व विजिलेंस को एक शिकायत दी गई जिसमें इस इसी स्कैम को 1275 करोड़ का रुपए बताते हुए अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि नुकसान के जिम्मेदार कर्मचारियों से इसकी भरवाई नहीं की गई, जो कि अधिकारियों की लापरवाही है । शिकायत के अनुसार विभाग में तैनात 275 अधिकारियों व कर्मचारियों को 1275 करोड़ रुपए के अलग-अलग कारणों से हुए नुकसन का जिम्मेदार ठहराया गया है और उन्हें चार्ज शीट भी दी गई । लेकिन उनसे नुकसान की भरपाई नहीं की गई जो कि अधिकारियों की लापरवाही माना जा रहा है । इन 275 लोगो में अधिक से ज्यादा कर्मचारी विभाग से या रिटायर हो गए या उनकी मौत हो गई । शिकायत के अनुसार विभाग में तैनात कुछ कर्मचारियों से नाममात्र ही किस्त लेकर उनके हिस्से की भरपाई की जा रही है । जबकि इंक्वायरी के चार्ज शीट किए गए कर्मचारी की वजह से होने वाले नुकसान की भरवाई करनी होती है । एक उच्च पद पर आसीन अधिकारियों को 44 करोड़ रुपए का नुक्सान होने पर चार्ज शीट दी गई । इस दौरान इसी अधिकारी को प्रमोशन भी मिल गई , लेकिन उससे भरपाई को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया गया। शिकायत में बताया गया कि वर्तमान समय में उच्च पद पर आसीन एक अधिकारी के खुद के खाते में करोड़ों रुपए का नुक्सान होने पर चार्ज शीट दी गई थी। लेकिन फिर भी उसे उच्च पद पर नियुक्त कर दिया गया । आरोप है कि इसी तरह से अधिकारियों की लापरवाही के कारण कार्पोरेशन को करोड़ों रुपए का घाटा सहन करना पड़ा ।
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विजिलेंस ने की जांच शुरू
विजिलैंस बयूरों की तरफ से इस शिकायत को लेकर जांच भी शुरू कर दी गई है । जो कि डीएसपी स्तर के अधिकारी की तरफ से की जा रही है। जांच का पता चलते ही कई अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने शुरू हो गए है । शिकायत में आरोप है कि विभाग को 1275 करोड़ रुपए का वित्तिय नुकसान अधिकारियों की लापारवाही के कारण हुआ है, जिसके विभाग में उच्च पदों पर बैठे अधिकारी जिम्मेदार हैं। सूत्रों का कहना है कि ब्यूरों की तरफ से इस मामले को लेकर गहनता से जांच की जा रही है।
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