पंजाब: निजी स्कूलों की फीस मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, HC ने दी है फीस वसूली की इजाजत

punjabkesari.in Thursday, Jul 02, 2020 - 08:21 PM (IST)

चंडीगढ़: पंजाब में निजी स्कूलों द्वारा फीस वसूलने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। हाल ही में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों को राहत देते हुए स्टूडेंट्स से एडमिशन और ट्यूशन फीस वसूल करने की इजाजत दी थी। हाईकोर्ट के इस फैसले को अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट ने फैसले में कहा था कि निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस वसूलने का अधिकार है। स्कूलों में फीस बढ़ोतरी न करने के भी हाईकोर्ट ने आदेश दिए थे। कोर्ट ने सरकार के उस आदेश को सही कहा है, जिसमें सत्र 2020-21 में फीस बढ़ाने पर रोक लगा दी गई थी।
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इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में स्कूल फीस माफी को लेकर एक और याचिका दायर हुई है। कोरोना महामारी के कारण जारी राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की अवधि के दौरान की अधिकतम स्कूल फीस माफ करने संबंधी याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है। वकील रीपक कंसल की याचिका में कहा गया है कि बिना कोई सेवा दिए स्कूलों की ओर से फ़ीस और अन्य खर्चों की मांग करना 'अवैध' है, क्योंकि स्कूल के प्रवेश प्रपत्र में अप्रत्याशित घटना से संबंधित कोई उपबंध (फोर्स मेजर क्लॉज) नहीं है और स्कूल अपने प्रवेश प्रपत्र के नियमों और शर्तों को मानने को बाध्य है।

क्या है याचिका में
याचिकाकर्ता की ओर से वकील वात्सल्य विज्ञ श्रीवास्तव द्वारा दायर याचिका में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम का जिक्र करते हुए कहा गया है कि बिना सेवा के फीस और अन्य खर्च की मांग करना गैरकानूनी है। याचिका में यह भी कहा गया है कि ऑनलाइन कक्षाओं का भी प्रवेश प्रपत्र में कोई उल्लेख नहीं है। ऑनलाइन कक्षा तो स्कूली शिक्षा की अवधारणा से पूरी तरह से अलग है, इसके कई दुष्प्रभाव और दोष भी हैं।

याचिका में शीर्ष अदालत से आग्रह किया गया है कि वह मौजूदा परिस्थितियों में‘‘फोर्स मेजर क्लॉज‘'की एक व्याख्या दे और सरकार को निर्देश दे कि वह स्कूल की फीस में अधिकतम छूट दे। गौरतलब है कि स्कूल फीस माफी को लेकर एक और याचिका पहले से ही शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित है।


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