भारत ही नहीं पाकिस्तान में भी युवाओं के आदर्श हैं शहीद भगत सिंह: कुरैशी

punjabkesari.in Monday, Sep 28, 2020 - 09:35 PM (IST)

होशियारपुर (अमरेन्द मिश्रा): शहीद भगत सिंह मैमोरियल फाउंडेशन लाहौर (पाकिस्तान) के चेयरमैन इम्तियाज रशीद कुरैशी ने सोमवार को बताया कि आज लाहौर हाईकोर्ट के डैमोक्रैटिक लॉन में  शहीद भगत सिंह का 113 वां जन्म दिवस समारोह का आयोजन किया गया। समारोह की अध्यक्षता पाकिस्तान के सुप्रिम कोर्ट बार एसोसिएशन के एडवोकेट अब्दुल रशीद कुरैशी ने की वहीं मुख्यातिथि के तौर पर लाहौर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पुर्व प्रधान एडवोकेट राणा जिया अब्दुल रहमान ने की। समारोह में भारी संख्या में वकील शामिल हुए। समारोह की शुरुआत में केक काट जन्मदिवस मनाने के बाद शांति मार्च का भी आयोजन किया गया। समारोह के दौरान सभी वक्ताओं ने कहा कि शहीद भगत सिंह भारत ही नहीं बल्कि पाकिस्तान के युवाओं के भी आदर्श हैं।

शहीद भगत सिंह को मिले पाकिस्तान में सर्वोच्च सम्मान
इस अवसर पर अपने संबोधन में फाऊंडेशन के चेयरमैन इम्तियाज रशीद कुरैशी ने कहा कि शहीद भगत सिंह पाकिस्तान की अवाम के लिए नैशनल हीरो हैं क्योंकि उनका जन्म वर्तमान पाकिस्तान में ही हुआ था। यही नहीं,भगत सिंह को पाकिस्तान के निर्माता मोहम्मद अली जिन्ना ने सबसे पहले भगत सिंह की शहादत को सलाम किया था अत: पाकिस्तान सरकार अपने देश के इस वीर सपूत को देश का सर्वोच्च सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान प्रदान करे। यही नहीं पाकिस्तान के आज की युवा पीढ़ी भगत सिंह के बारे में जानने को उत्सुक रहते हैं अत: वह इस बात को लेकर भी प्रयासरत है कि पाकिस्तान सरकार अपने स्कूल व कॉलेजों की पढ़ाई के सिलेबस में भगत सिंह , राजगुरु और सुखदेव की शहादत और उनके वतनपरस्ती के जज्बों से भरे जीवन की कहानी को शामिल करे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में भी लोग शहीद भगत सिंह को उतनी ही मोहब्बत और इज्जत देते हैं जितने कि हिंदुस्तान में।

शहीद भगत सिंह को निर्दोष साबित करने में जुटे हैं कुरैशी
फाऊंडेशन के चेयरमैन इम्तियाद रशीद कुरैशी ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शहीदों के प्रति अपार आस्था रखते हैं, इसलिए वह चाहते हैं कि शहीद भगत सिंह को भारत सरकार की तरफ से भारत रत्न अवार्ड देने की घोषणा करे। उन्होंने कहा कि लाहौर हाईकोर्ट में एक केस लड़ रहे हैं, जिसमें वह पुलिस अफसर सांडर्स की हत्या के मामले में शहीद भगत सिंह को निर्दोष साबित करने में जुटे हैं। उनका दावा है कि 17 दिसम्बर 1928 को हत्या के इस मामले में लाहौर के अनारकली थाने की पुलिस केस में दर्ज एफ.आइ.आर. में भगत ङ्क्षसह का नाम शामिल नहीं था। इसके अलावा, उन्होंने लाहौर में शामदमान चौक यानि जिस जगह पर भगत सिंह को फांसी दी गई थी चौक का शहीद भगत सिंह के नाम पर रखने की याचिका भी दायर की हुई है।


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Mohit

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