घर-घर आटा योजना के Side Effects, डिपो होल्डरो सहित इन परिवारो की बढ़ी Tension

punjabkesari.in Monday, Mar 04, 2024 - 01:54 PM (IST)

लुधियाना(खुराना): पंजाब सरकार द्वारा "प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना" से जुड़े लाभपात्र परिवारों के जीवन को और आसान बनाने के मकसद से  शुरू की गई घर-घर आटा योजना से जहां लाभपात्र परिवारों को बड़ी राहत मिल रही है वही मान सरकार की इस योजना से राज्य भर के 18000 डिपो होल्डरो सहित 56000 आटा चक्की होल्डरों के परिवारों की टेंशन भी बढ़ा कर रख दी है l 

असल में मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना से जुड़े करीब 40 लाख कार्ड धारक परिवारों के डेढ़ करोड़ से ऊपर सदस्यों को पंजाब भर के राशन डिपुओ पर गेहूं की जगह आटे की थैलियां प्राप्त करने का बड़ा विकल्प दिया गया है और सरकार द्वारा लाभपात्र परिवारों तक आटे की थैलियां पहुंचने की जिम्मेदारी सरकारी खरीद एजेंसी मार्कफेड के मार्फत सहकारी सोसाइटियों को सौंपी गई है l जिसके लिए मार्कफेड एजेंसी के आल्हा अधिकारियों द्वारा पंजाब भर में नए खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं जिसके साइड इफेक्ट्स पंजाब भर में विशेष कर ग्रामीण इलाकों के डिपो होल्डरो और चक्की आटा चक्की मालिको की सेहत पर पड़ने लगा है l स्पष्ट लफ्जों में कहा जाए तो सरकार द्वारा पंजाब में घर-घर आटा योजना को हरी झंडी दिखाने के कारण डिपो होल्डरों एवम आटा चक्की मालिकों के सिर पर अब बेरोजगारी की तलवार लटकने लगी है l

क्योंकि पंजाब घर में मार्कफेड खरीद एजेंसी द्वारा बड़ी संख्या में खरीद केंद्र स्थापित करने से जहां डिपो होल्डरो द्वारा लाभपात्र परिवारों में गेहूं बांटने का काम धड़ाम से औंधे मुंह नीचे आ गिरा है वही दूसरी और चक्की मलिक को मिलने वाली गेहूं की पिसाई का काम भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है l क्योंकि पंजाब सरकार द्वारा जब लाभपात्र परिवारों को गेहूं की जगह  पिसे हुए आटे की थैलियां मुहैया करवाई जा रही है तो लाभपात्र परिवार अलग से रू . खर्च कर गेहूं पिसवाने के लिए आटा चक्कियों पर क्यों जाएंगे l काबिले गौर है कि आटा चक्कियों पर करीब 6 से 7 रुपए प्रति किलो की दर से गेहूं का आटा पीसने का काम किया जाता है यहां इस बात का जिक्र करना अनिवार्य होगा कि पंजाब सरकार द्वारा "प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना" से जुड़े करीब 40 लाख परिवारों को जब_जब राशन डिपुओ के मार्फत गेहूं बांटने का काम किया जाता है तब तब डिपो होल्डरों को कमिशन राशि मिलने सहित गेहूं पिसवाने के लिए आटा चक्कियों पर भीड़ बढ़ जाती है जिसके कारण कई लोगों को रोजगार मिलता है  लेकिन अब इन सब पर कहीं ना कहीं खतरे के बादल मंडराने लगे हैं l

बाप-दादा के जमाने से चला रहे हैं राशन डिपो
 राशन डिपो होल्डर एसोसिएशन के हरदीप सिंह दीपी, सुखबीर सिंह, विजय कुमार, इंद्रजीत सिंह, निर्भय सिंह,अवतार सिंह एवं बब्बी आदि ने बताया कि पंजाब भर में अधिकतर डिपो होल्डर अपने बाप दादा के जमाने से राशन डिपो का चलने का काम कर रहे हैं l लेकिन पंजाब सरकार द्वारा अब एक ही झटके में उनके पुश्तैनी कामकाज को बड़े पैमाने पर प्रभावित कर दिया है डिपो होल्डरो ने कहा कि सरकार द्वारा लाभपात्र परिवारों में गेहूं के साथ आटा बांटने के काम की शुरुआत करने से लाखों परिवारों की रोटी रोजी पर संकट के बादल छा गए है l उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजाब सरकार द्वारा गेहूं की पिसाई करवाने के लिए वार्षिक 670 करोड रुपए का बजट रखा गया है जो कि सीधे तौर पर सरकारी खजाने को बड़ा नुकसान पहुंचने के समान है l क्योंकि लाभ पात्र परिवारों द्वारा कभी भी गेहूं की जगह आता देने की पेशकश नहीं रखी गई थी जबकि आम तौर पर  गेहूं के मुकाबले आटा जल्द खराब होने की संभावनाएं रहती है इसलिए मान सरकार को इस  संबंध में एक बार फिर से गंभीरता से विचार करने की जरूरत है ताकि लाखों परिवार बेरोजगारी जैसे संकट से सुरक्षित बच सके l


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Vatika

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