...तो इस गलती की वजह से कांग्रेस को मिली पंजाब में शर्मनाक हार
punjabkesari.in Thursday, Mar 10, 2022 - 05:17 PM (IST)
नई दिल्लीः पंजाब में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर उठा अंतरकलह पार्टी की हार का आधार बना जिसके कारण चुनाव में मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी तथा प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी चुनाव हार गए। पार्टी ने जिन करिश्मा की उम्मीद में जिस नवजोत सिंह सिद्धू को वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ की जगह पंजाब की कमान सौंपी वह पार्टी को बचाना तो दूर खुद ही चुनाव हार रहे है।
इन्हीं सिद्धू के बड़बोलेपन के कारण कांग्रेस नेतृत्व ने अपने वरिष्ठ नेता तथा पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को पाटर्ी से बाहर जाने के लिए मजबूर किया। कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाकर बाहर का रास्ता दिखाकर कांग्रेस ने चरनजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर दलित कार्ड खेलने का प्रयास किया लेकिन पार्टी में अंतरकलह फिर भी नहीं रुका। मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के खिलाफ कैप्टन सिंह ने अलग पार्टी बना ली लेकिन कांग्रेस में अंतरकलह नहीं रुका। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बीच तनातनी शुरु हो गई।
यह तनातनी इस कदर बढी कि चन्नी को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के समक्ष एक जनसभा में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने का आग्रह करना पड़ा। पंजाब कांग्रेस में चुनाव के दौरान भी तनातनी का माहौल बना रहा और इसकी अभिव्यक्ति कई मंचों पर होती रही। इसी का परिणाम है कि कांग्रेस को पंजाब में चुनाव हारना पड़ा और उसका दलित कार्ड भी धराशायी हो गया। सिद्धू पंजाब की सियासत में फेल हो गए और उनके चुनावी करियर पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। उनके काम करने के तरीके से कांग्रेस के ही कई नेता शुरु से ही नाराज रहे हैं और हारने के बाद कांग्रेस में उनके लिए मुश्किलें बढ़ेंगी।