अधिकारी व कर्मचारियों के लिए खास खबर, सरकार ले सकती है ये सख्त एक्शन

punjabkesari.in Saturday, May 27, 2023 - 12:11 PM (IST)

चंडीगढ़ : शासन-प्रशासन को सुचारू व आमजन के लिए सुविधाजनक बनाने में जुटी हुई आम आदमी पार्टी सरकार की तरफ से एक तरफ तो भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार चाबुक चलाया जा रहा है, वहीं, दूसरी तरफ एक और ऐसा कदम उठाया गया है, जिससे लोगों को सरकारी कामकाज में होने वाली एक और बड़ी परेशानी से निजात मिल सके। पंजाब सरकार ने 2021 में लाल फीताशाही विरोधी कानून -2021 पास किया था। इसमें कई तरह के प्रावधान किए गए थे लेकिन मौजूदा सरकार का मानना है कि इसे पूरी तरह से लागू नहीं किया गया जिस वजह से लोगों को साफ-सुथरा प्रशासन नहीं मिल पा रहा था।

पिछले माह से इस एक्ट को सभी विभागों में लागू किए जाने के संबंध में सरकार द्वारा एक इंटरनल सर्वे करवाया गया, जिसमें पता चला कि एक्ट बनने और औपचारिक तौर पर लागू किए जाने के बावजूद कई विभागों के ‘बाबू’ ऐसे हैं जो नागरिकों के आवेदनों या अन्य दस्तावेजों संबंधी फाइलों को बार-बार किसी न किसी नए ऐतराज के साथ एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर भेजते रहते हैं। ऐसे में न सिर्फ संबंधित कार्य की फाइल, बल्कि आवेदनकर्ता भी वॉलीबाल की तरह कभी इस पाले और कभी उस पाले में उछलता रहता है लेकिन इस सब उछल-कूद व मेहनत के बाद भी नतीजा वही रहता। अंतत: परेशान होकर काम करवाने वाले को ‘ऐतराज न लगाने की फीस’ अदा करने को मजबूर होना पड़ता है।

इसके बाद राज्य सरकार के आम राज प्रबंध विभाग द्वारा सभी विभागों को पत्र जारी किया गया है, जिसमें उक्त एक्ट का जिक्र करते हुए ताकीद की गई है कि एक्ट को पूरी भावना के साथ लागू किया जाए, अन्यथा कार्रवाई होगी। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि विभिन्न कार्यालयों से यह रिपोर्ट मिली है कि अधिकारी व मुलाजिम अक्सर ही फाइल पर बार-बार ऐतराज लगाते हैं या किसी दस्तावेज की कमी बताते हैं। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी फाइल को डील करते वक्त पता चलता है कि उसमें कोई संबंधित व अनिवार्य दस्तावेज या तथ्य की कमी है तो भी पूरी फाइल को पढ़कर एक ही बार में सभी कमियों या जरूरी दस्तावेजों की सूची बनाकर ही फाइल को वापस भेजा जाए। 

ऐसा नहीं करने पर न सिर्फ संबंधित व्यक्ति को परेशानी होती है, बल्कि सरकार की भी छवि धूमिल होती है। इसलिए एंटी रेड टेप एक्ट 2021 को पूरी तरह से पढ़कर, उसके सभी प्रावधानों को ध्यान में रखकर ही फाइलें डील
की जाएं। स्पष्ट किया गया है कि इन निर्देशों का पालन न करके सरकार की छवि को धूमिल करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों पर सख्त एक्शन लिया जाएगा।  जिक्रयोग्य है कि पिछली सरकार के वक्त 10 मार्च, 2021 को पंजाब विधानसभा के सत्र के दौरान पंजाब एंटी-रेड टेप बिल-2021 पेश किया गया था, जिसको सदन द्वारा ध्वनि मत के साथ पास किया गया था। इसके अनुसार सरकार नागरिकों और कारोबारियों को सेवाएं देने में अनावश्यक देरी करने वाले किसी भी सरकारी अधिकारी/ कर्मचारियों को 50,000 रुपए तक का जुर्माना या संबंधित कर्मचारी को बर्खास्त कर सकती है।

काफी मशक्कत के बाद मिली थी लाल-फीताशाही विरोधी कानून-2021 को मंज़ूरी

तत्कालीन सी.एम. कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार के वक्त यह एक्ट पास किया गया था। इसको कैबिनेट मीटिंग तक पहुंचाने और पास करवाकर विधानसभा में पहुंचाने तक तत्कालीन सरकार को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। अधिकारियों तक की इस एक्ट को लागू करने संबंधी खेमाबंदी हुई थी लेकिन उसके बावजूद इस एक्ट को विधानसभा में मंजूरी मिली थी। कहा गया था कि यह एक्ट राज्य में सरकारी कार्यालयों में कामकाज को सुचारू करने में सहायक सिद्ध होगा। यह एक्ट सभी विभागों और उनसे जुड़े या अधीन दफ्तरों समेत बोर्ड, निगमों, स्थानीय सरकारों, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों, सोसाइटियों, ट्रस्टों, कमीशनों, पंजाब विधान एक्ट के अंतर्गत गठित आत्मनिर्भर स्वायत्त संस्थाओं, जिनका ख़र्च राज्य के कंसोलीडेटिड फंड में से होता है, पर लागू है। कहा गया था कि इस एक्ट के लागू होने के छह महीनों के अंदर-अंदर उपरोक्त सभी संस्थानों को अपनी प्रक्रियाओं को सरल बनाकर अनुपालन के बोझ को 50 प्रतिशत तक घटाने को सुनिश्चित बनाना था। इसी तरह एक्ट के अंतर्गत उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ वित्तीय जुर्माने और अनुशासनात्मक कदम उठाए जाने का भी प्रावधान रखा गया है।

भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही है ‘जीरो टॉलरैंस नीति’

बीते दिनों ही भगवंत मान सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी हैल्पलाइन को एक वर्ष पूरा हुआ है। सरकार ने इसको अपनी बड़ी सफलता करार दिया है। खास बात यह है कि भ्रष्टाचार की व्हाट्सऐप पर मिलने वाली शिकायतों के आधार पर 300 से अधिक अधिकारी व कर्मचारी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इतना ही नहीं, पूर्व में हुए भ्रष्टाचार के मामलों में कई राजनेताओं को भी जेल की सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है। भ्रष्टाचार को खत्म करने की मंशा से ही सरकार द्वारा कई सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन किया जा चुका है ताकि काम करवाने वाले और काम करने वाले में सीधा संपर्क ही न हो और भ्रष्टाचार का मौका ही पैदा न हो। 

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News Editor

Urmila

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