मेरा अखबार कहां है...? पंजाब भर में अखबारों की डिलीवरी में रुकावट, मची हाहाकार
punjabkesari.in Monday, Nov 03, 2025 - 11:33 AM (IST)
पंजाब डेस्क : पंजाब के अलग-अलग हिस्सों में रविवार को कई समाचार पत्रों के वितरण में देरी हुई, क्योंकि पुलिस ने समाचार पत्र ले जा रही गाड़ियों की कड़ी चैकिंग की। लुधियाना और होशियारपुर से मिली खबरों से पता चला है कि पुलिस टीमों ने अखबार की वैन रोककर अच्छी तरह तलाशी ली। अहमदगढ़ में, लोगों ने सोशल मीडिया पर पूछा कि अखबार क्यों नहीं डिलीवर हुए। एक पाठक ने बताया कि रविवार सुबह 9 बजे तक मंडी अहमदगढ़ में कोई समाचार पत्र डिलीवर नहीं हुआ और इसको लेकर लोग नाराज थे। आतंकवाद के दौर के बाद शायद यह पहली बार है जब अखबारों के सर्कुलेशन पर असर पड़ा है। अमृतसर, फरीदकोट और मुक्तसर से भी खबरों में दावा किया गया है कि अखबार सर्कुलेट नहीं हुए।
पटियाला में, लोकल भाषा के अखबार ले जा रही गाड़ियों की सुबह-सुबह अच्छी तरह चैकिंग की गई ‘लेकिन बाद में उन्हें जाने दिया गया’। हालांकि, समाना और पातड़ां जैसे छोटे शहरों में, वैंडरों ने दावा किया कि पुलिस द्वारा अखबार ले जा रही गाड़ियों की चैकिंग की वजह से सप्लाई पर असर पड़ा और देरी हुई।
स्मगलिंग रोकने के मकसद से यह एक्सरसाइज : पुलिस
स्पैशल डी.जी.पी. अर्पित शुक्ला ने कहा कि अखबारों की गाड़ियों की चैकिंग इस इनपुट के आधार पर की गई थी कि इन गाड़ियों का इस्तेमाल ड्रग्स या हथियारों की स्मगलिंग के लिए किया जा सकता है। “अखबारों का सर्कुलेशन रोकने की कोई कोशिश नहीं की जा रही है। गाड़ियों और ड्राइवरों को पूरी तरह से चैकिंग के बाद छोड़ दिया गया। बाकी को भी प्रोसैस में रखा जाएगा।” इन गाड़ियों की चैकिंग में शामिल एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा, “हमें जो इनपुट मिले थे, वे कुछ लोकल अखबारों की गाड़ियों के बारे में थे। चैकिंग प्रोसैस में, दूसरे अखबार ले जा रही गाड़ियां भी प्रभावित हुईं।”
विपक्ष ने प्रैस की आजादी पर हमले का आरोप लगाया
विपक्ष ने पंजाब में प्रैस की आजादी पर हमले का आरोप लगाया है। कांग्रेस सचिव परगट सिंह ने एक्स पर एक पोस्ट में दावा किया कि भगवंत मान सरकार ने कथित तौर पर छापे मारे और पूरे राज्य में अखबार बांटने पर रोक लगा दी ताकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पंजाब के सरकारी मकान नंबर 50 में ठहरने की खबर जनता तक न पहुंचे। परगट ने आगे आरोप लगाया कि दिल्ली की लॉबी के लिए पंजाब का खजाना लूटना पहले से ही कोई राज नहीं था, लेकिन अब सच छिपाने के लिए अखबार भी बंद किए जा रहे हैं। उन्होंने लिखा, "यह एडमिनिस्ट्रेशन नहीं है, यह पंजाब में लगाई जा रही एक साइलेंट इमरजेंसी है। पंजाब इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।"
'रविवार खराब हुआ': पढ़ने वालों ने वैंडरों से शिकायत की
लुधियाना में, सुबह 4 बजे, अलग-अलग अखबार ले जाने वाली गाड़ियां क्लॉक टावर के पास एजैंसी पहुंचीं, लेकिन उन्हें थाने ले जाया गया। द ट्रिब्यून और अजीत अखबार ले जाने वाली गाड़ियों को एक घंटे बाद सुबह 5:15 बजे छोड़ा गया। जागरण, भास्कर और पंजाब केसरी की गाड़ियों को सुबह 7:15 बजे छोड़ा गया। एक हॉकर इमरान मोहम्मद ने कहा कि अखबार की सप्लाई ले जाने वाली गाड़ियां रोज़ाना के समय से करीब चार घंटे बाद सुबह करीब 8.30 बजे अहमदगढ़ पहुंचीं। दूसरे हाकरों की तरह, इमरान को भी अपने कस्टमर्स से उनके घरों पर अखबार न पहुंचने के बारे में कॉल आते रहे। रीडर्स ने शिकायत की कि उनका संडे खराब हो गया क्योंकि वे दिन की शुरुआत अखबार पढ़कर नहीं कर पाए। सरहिंद, फतेहगढ़ साहिब में भी हालात अलग नहीं थे। एक अखबार एजैंट ने कहा कि अखबार रोज सुबह 4 बजे आते थे, लेकिन आज द ट्रिब्यून के अखबार सुबह 5.40 बजे और पंजाब केसरी के अखबार सुबह 7.30 बजे पहुंचे। उन्होंने कहा कि पंजाब केसरी की वैन को साहनेवाल पुलिस ने रोक लिया और पुलिस स्टेशन ले गई।
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