पंजाब में Teachers को लेकर बड़ी खबर, शिक्षा मंत्री ने की सख्ती
punjabkesari.in Sunday, Oct 05, 2025 - 11:14 AM (IST)

चंडीगढ़ (अंकुर): शिक्षा के महत्व को बनाए रखने की दिशा में एक निर्णायक कदम उठाते हुए, स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने पंजाब के मुख्य सचिव को सरकारी स्कूलों के अध्यापकों के गैर-शिक्षण और नियमित प्रशासनिक कार्यों पर तुरंत रोक लगाने का निर्देश दिया है। कई जिलों में अध्यापकों को कक्षाओं से हटाकर नियमित प्रशासनिक कार्यों में लगाए जाने की खबरों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए, शिक्षा मंत्री ने मुख्य सचिव को एक पत्र लिखा है। उन्होंने इस प्रथा को अध्यापकों और छात्रों, दोनों के साथ घोर बेइंसाफी बताया है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि ये सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि अध्यापक अपनी मुख्य जिम्मेदारी पर ध्यान केंद्रित करें।
पत्र में हरजोत सिंह बैंस ने स्पष्ट रूप से कहा कि अध्यापक केवल साधारण सरकारी कर्मचारी नहीं हैं, बल्कि उन्हें पंजाब के भविष्य का मार्गदर्शन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह न केवल उनके साथ, बल्कि हमारे बच्चों के साथ भी अन्याय है कि उन्हें कक्षाओं के बजाय विभिन्न प्रशासनिक कार्यों में लगाया जा रहा है, ऐसा करना बच्चों के शिक्षा के अधिकार के साथ सीधा समझौता है। शिक्षा मंत्री ने दृढ़ता से दोहराया कि निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा 27 गैर-शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए अध्यापकों की तैनाती करने की मनाही करती है।
यह प्रतिबंध कुछ विशेष अवसरों जैसे जनगणना, आपदा राहत कार्यों और स्थानीय निकायों, राज्य विधानसभाओं या संसदीय चुनावों से संबंधित कर्तव्यों पर अध्यापकों की तैनाती पर लागू नहीं होता है। शिक्षा मंत्री बैंस ने कहा कि इस प्रावधान को बहुत ही समझदारी से लागू किया गया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अध्यापकों का समय और ऊर्जा क्लासरूम शिक्षा पर केंद्रित रहे, जो हमारे समाज की प्रगति की रीढ़ है। इन निर्देशों को लागू करने के लिए मुख्य सचिव को निर्देश देते हुए, हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि सभी प्रशासनिक विभागों और जिला अधिकारियों को स्पष्ट आदेश जारी किए जाए कि अध्यापकों पर आरटीई अधिनियम, 2009 की धारा 27 में उल्लिखित कर्तव्यों के अलावा कोई भी गैर-शैक्षणिक कर्तव्य न थोपे जाएं। ऐसी किसी भी स्थिति में जहां अध्यापकों की तैनाती आवश्यक हो, ऐसी किसी भी तैनाती से पहले स्कूल शिक्षा विभाग से लिखित प्रवानगी लेना अनिवार्य किया जाना चाहिए।
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