जाखड़ की वजह से सीमांत गांवों के लोग पीने व सिंचाई के पानी को तरसे:  खैहरा

punjabkesari.in Saturday, Feb 02, 2019 - 10:47 AM (IST)

चंडीगढ़(रमनजीत): पंजाबी एकता पार्टी के प्रधान सुखपाल सिंह खैहरा ने पाकिस्तान व राजस्थान सीमा के साथ लगते पंजाब के 15 गांवों का दौरा करने के बाद कहा कि इन गांवों के लोग पीने और खेतों की सिंचाई के लिए पानी को तरस रहे हैं, जिसके लिए बड़े राजनीतिक परिवार जिम्मेदार हैं। खैहरा ने कहा कि यह शर्म व दुख की बात है कि खुद को किसानों का मसीहा साबित करने का प्रयास करने वाले कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ ही किसानों के साथ ऐसा धक्का कर रहे हैं कि उनके हिस्से का पानी भी अपने रसूख का इस्तेमाल करके अपने खेतों तक पहुंचा रहे हैं। 

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उन्होंने जाखड़ के तानाशाही व्यवहार खिलाफ अपना रोष प्रकट करने के लिए गांव बकैणवाला में एकत्र हुए ग्रामीणों की दयनीय हालत देख कर वह हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि गांवों के निवासी जाखड़ के इस व्यवहार से ऊब चुके हैं ।  उन्होंने अपना सारा गांव बेचने के लिए लगाया हुआ है। जहां इलाके के सभी पानी के खाल कच्चे हैं वहीं जाखड़ के गांव पंजकोसी में उनके खेतों के लिए नहर से एक विशेष आर.सी.सी. की कंक्रीट डिस्ट्रीब्यूटरी (नाला) बनाई जा रही है।

खैहरा ने कहा कि बकैणवाला के अलावा गांव कोयलखेड़ा, दीवानखेड़ा और पाकिस्तान बार्डर के साथ लगते दूसरे गांवों की कहानी भी ऐसी ही है। इन गांवों तक पानी न पहुंचने का मुख्य कारण प्रभावशाली लोगों की तरफ से अपने ‘मोघे’ (नहरी पानी को सिंचाई के लिए निकालने का सुराख) के साइज बढ़ाया जाना है। इन ताकतवर जागीरदार लोगों की तरफ से लिया गया अधिक पानी अबुल खुराना ड्रेन में डाल दिया जाता है। दूसरी तरफ बार्डर के गांव वालों को पीने वाला पानी ‘गंगनहर’ से खरीद कर लाना पड़ता है। 


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