जाखड़ का थर्मल प्लांट्स के खिलाफ मोर्चा, बोले CM चाहें तो सुबह ही बंद कर सकते हैं

punjabkesari.in Saturday, Feb 08, 2020 - 11:49 AM (IST)

चंडीगढ़ (रमनजीत): पंजाब में महंगी बिजली से छुटकारा पाने के लिए चल रही जद्दोजहद के बीच भगवान ने हमें इतना बड़ा मौका दे दिया है कि न सिर्फ पंजाब के सरकारी खजाने पर बोझ बने हुए निजी थर्मल प्लांट कम से कम दो वर्ष के लिए बंद हो जाएंगे, बल्कि इनके बंद होने से थर्मल प्लांट्स के नजदीक रहने वाले बाशिंदों को प्रदूषण व उससे होने वाली बीमारियों से राहत मिलेगी। वहीं पंजाब के ही कुछ अफसर पता नहीं क्यों न तो राज्य के खजाने का 4600 करोड़ रुपया बचाना चाहते हैं और न ही लोगों को राहत मिलने देना चाहते हैं। यह बड़ा बयान पंजाब कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ ने दिया है। दिल्ली चुनाव की व्यस्तता से चंडीगढ़ लौटे सुनील जाखड़ पंजाब भवन में चुनिंदा पत्रकारों से रू-ब-रू हुए।

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जाखड़ ने कहा कि वह मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह से मिलकर उन्हें इस तथ्य से अवगत कराएंगे और आग्रह करेंगे कि इस मौके को गंवाए बिना मात्र एक आदेश के साथ ही निजी थर्मल प्लांट्स को 2 वर्ष के लिए बंद करवा सकते हैं। जाखड़ ने सुप्रीम कोर्ट और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दो विभिन्न फैसलों का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य के लोगों पर प्रदूषण का ‘हमला’ कर रहे निजी थर्मल प्लांट्स को प्रदूषण नियंत्रण के लिए तकनीकी यंत्र लगाने के लिए करीब अढ़ाई वर्ष पहले निर्देश दिए गए थे और इसकी समय सीमा 31 दिसम्बर, 2019 तक तय की गई थी। असूलन 31 दिसम्बर, 2019 के बाद प्रदूषण नियंत्रण तकनीक न लगाने की वाले थर्मल प्लांट चलाए नहीं जा सकते लेकिन हैरानी की बात है कि पंजाब में ऐसा नहीं हुआ है। हालांकि पी.एस.पी.सी.एल. द्वारा उक्त थर्मल प्लांट्स को नियमों का पालन नहीं करने के कारण पी.पी.ए. (कॉन्ट्रैक्ट्स) रद्द करने संबंधी नोटिस जारी कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद भी थर्मल प्लांट्स काम कर रहे हैं। जाखड़ ने कहा कि इससे भी हैरानी की बात यह है कि जो निजी थर्मल प्लांट्स लोगों को प्रदूषण व घातक बीमारियां दे रहे हैं और उसके एवज में पंजाब के खजाने से 2300 करोड़ रुपए सालाना बिना-वजह ‘डकार’ रहे हैं, उन्हीं थर्मल प्लांटों को बचाने के लिए पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उनकी पैरवी कर रहा है।

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सरकार को गुमराह करने वाले अधिकारियों के खिलाफ उठाया जाए सख्त कदम  
जाखड़ ने कहा कि यह जानकर बड़ा धक्का लगा कि पी.पी.सी.बी. ने निजी थर्मल प्लांट्स को प्रदूषण नियंत्रण उपकरण लगाने के लिए दो वर्ष का समय और दिए जाने का आग्रह करते हुए सी.सी.पी.बी. को पत्र लिखा है। जाखड़ ने कहा कि यह किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकता है क्योंकि पंजाब सरकार का ही एक विभाग निजी थर्मल प्लांट्स को बंद करने का नोटिस जारी कर रहा है, वहीं दूसरा विभाग उन्हें चालू रखने के लिए उनकी बिना वजह पैरवी कर रहा है।  जाखड़ ने कहा कि वह मुख्यमंत्री से यह भी मांग करेंगे कि कोताही करने वाले अधिकारियों की जिम्मेवारी तय करते हुए सख्त से सख्त कदम उठाया जाए, ताकि सरकार को गुमराह करने वाले अधिकारियों को सबक मिले।

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गांवों का दौरा कर लोगों की समस्याएं सुनकर मुख्यमंत्री को बताएंगे 
जाखड़ ने कहा कि वह 2-3 दिन में निजी थर्मल प्लांट्स के प्रदूषण की मार झेल रहे गांवों का दौरा करेंगे और समस्याएं सुनकर मुख्यमंत्री को बताएंगे, क्योंकि जमीनी स्तर पर वह खुद को मुख्यमंत्री के कान-आंख के तौर पर समझते हैं और फीडबैक सी.एम. तक पहुंचाना अपना फर्ज समझते हैं। जाखड़ ने कहा कि उनके पास निजी थर्मल प्लांट्स के पी.पी.ए. रद्द करने का रोडमैप भी तैयार है और उसके बारे में भी सी.एम. से चर्चा करेंगे, ताकि बजट सत्र में उस पर काम हो सके। जाखड़ ने कहा कि जो लोग शंकाएं उठा रहे हैं वो ध्यान में रखें कि यह वही कैप्टन अमरेंद्र सिंह हैं, जिन्होंने पानी के समझौते एक ही झटके में खत्म कर दिए थे। 


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