Punjab: सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की उड़ रही धज्जियां, प्रतिबंध के बावजूद...
punjabkesari.in Sunday, Oct 26, 2025 - 07:23 PM (IST)
बठिंडा (विजय वर्मा): गोनीयाना रोड स्थित पर्ल टाउनशिप की विवादित जमीन पर एक बार फिर भूमाफिया सक्रिय हो गया है। बताया जा रहा है कि सैकड़ों एकड़ बेआबाद पड़ी भूमि पर कब्जा करने की नीयत से कुछ अज्ञात लोगों ने वहां बिजाई तक कर दी है।
टाउनशिप संगठन के प्रतिनिधियों के मौके पर पहुंचने पर उन्होंने पाया कि जमीन पर लगे प्लॉटों के निशान उखाड़ फेंके गए हैं और कई जगह ट्यूबवेल लगाकर सिंचाई भी की जा रही है। फिलहाल कब्जा करने वालों का चेहरा सामने नहीं आया है, लेकिन यह घटना सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की खुली अवहेलना मानी जा रही है।

करीब 15 वर्ष पूर्व पर्ल कंपनी द्वारा गोनीयाना रोड पर 265 एकड़ क्षेत्र में एक बड़ी कॉलोनी बनाने की योजना शुरू की गई थी। पहले चरण में 65 एकड़ में प्लॉट काटे गए और लगभग 400 निवेशकों से करोड़ों रुपये की राशि ली गई। कई लोगों के साथ कंपनी ने एग्रीमेंट भी किए, लेकिन बाद में कंपनी वित्तीय घोटालों में फंस गई और निवेशकों की उम्मीदें टूट गईं।
कंपनी के प्रबंध निदेशक निर्मल सिंह भंगू को देशभर में किए गए घोटालों के चलते जेल भेजा गया था। उनकी अरबों रुपये की संपत्तियों पर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने कब्जा कर निवेशकों को धन वापसी का आश्वासन दिया था। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जिसने पर्ल ग्रुप की संपत्तियों की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध लगा दिया।
इस आदेश के तहत बठिंडा की यह कॉलोनी भी विवादित हो गई और 400 निवेशकों का पैसा फंस गया। भंगू की जेल में मौत के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया, लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए कि संपत्तियां बेचकर निवेशकों को पैसे लौटाए जाएं। इससे पर्ल कॉलोनी के निवेशकों में उम्मीद की किरण जगी।
मगर इसी बीच भूमाफिया ने मौके का फायदा उठाकर बेआबाद पड़ी जमीन पर कब्जे की कोशिश शुरू कर दी। रविवार को पर्ल टाउनशिप संगठन के सदस्य गुरमीत सिंह, जगमेल सिंह, मनीष पांडे, अमनप्रीत सिंह, भागीरथ गोयल, राकेश कुमार, महेश कुमार द्विवेदी (अध्यक्ष), राकेश गर्ग, बी सिंगल, संदीप वर्मा, अनिल बंसल समेत कई अन्य लोग मौके पर पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया।

उन्होंने कहा कि प्रशासन की लापरवाही के कारण सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। संगठन ने निर्णय लिया कि जिलाधीश व पुलिस अधिकारियों को लिखित रूप में शिकायत दी जाएगी, ताकि भूमाफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके और जमीन से अवैध कब्जा हटाया जा सके।
संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि दो वर्ष पूर्व भी प्रशासन ने इस जमीन को लीज पर दे दिया था, लेकिन निवेशकों के विरोध के बाद लीज रद्द करनी पड़ी थी। अब एक बार फिर यही साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई नहीं की तो निवेशक सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की उल्लंघना का मामला दर्ज करवाने के लिए आंदोलन करेंगे।
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