टैक्स चोर कर रहे है ऐश, अफसर भर रहे हैं अपना निजी खजाना

punjabkesari.in Sunday, Nov 21, 2021 - 09:57 PM (IST)

लुधियाना(धीमान) : पंजाब सरकार अपने जी.एस.टी. विभाग के अफसरों को धड़ाधड़ प्रमोशन देने में जुट गई है। जबकि रैवेन्यू एकत्रित करने के मामले में अधिकतर अफसरों ने पंजाब को हरियाणा, दिल्ली व राजस्थान से कोसों दूर कर एक कोने में बिठा दिया है। वर्ष 2020-21 की बात की जाए तो हरियाणा ने कुल 53,443 करोड़ रुपए का जी.एस.टी. इकट्ठा किया। लेकिन पंजाब मात्र 13,231 करोड़ रुपए ही एकत्रित कर पाया। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2011 में पंजाब हरियाणा से वैट कलैक्शन करने के मामले में आगे था। उस दौरान पंजाब ने 12,200 करोड़ रुपए का वैट एकत्रित किया था, जबकि हरियाणा 11,082 करोड़ पर ही सिमट कर रह गया था। 

10 वर्षों के अंतराल में हरियाणा ने कितनी तरक्की की है वह जी.एस.टी. रैवेन्यू इकट्ठा करने से पता चलता है। हरियाणा ने वैट के 11 हजार करोड़ के रैवेन्यू को जी.एस.टी. के रैवेन्यू में तबदील होते ही सीधा 53 हजार करोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया। जबकि पंजाब 10  सालों में वैट के 12 हजार करोड़ के रैवेन्यू को मात्र जी.एस.टी. के दायरे में 13 हजार करोड़ रुपए तक ही ला पाया है। यानी 10 सालों में 1 हजार करोड़ की ग्रोथ दर्ज की गई है। 

इस आंकड़े ने 10 सालों में पंजाब में रही सरकारों को भी सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है। सवाल है कि अगर पंजाब में 99 हजार करोड़ के नए यूनिट आए हैं तो जी.एस.टी. का रैवेन्यू कहां जा रहा है। इससे साफ होता है कि पंजाब में अफसरों के सिर पर जी.एस.टी. की चोरी सरेआम हो रही है। टैक्स चोर ऐश कर रहे हैं और अफसर सरकारी खजाना भरने की बजाए अपनी निजी तिजौरियां भरने में जुटे हैं। 

इस बारे में औद्योगिक एसोसिसएशन के प्रधान बदीश जिंदल कई बार मुख्यमंत्री से जी.एस.टी. कलैक्शन के उक्त डाटा के आधार पर सी.बी.आई. जांच करवाने के लिए कह चुके हैं और उन्होंने बताया दिया है है कि अगर जांच हो जाए तो अधिकतर अफसर टैक्स चोरों के साथ मिलीभगत करने में पकड़े जाएंगे।

रिश्वत मामले में दिखावे के लिए छोटे अफसर भेजे जेल, बड़ों पर कोई कार्रवाई नहीं
पंजाब में जब जी.एस.टी. चोरी के बढ़ रहे मामलों पर करीब एक साल पहले शोर मचा तो मौजूदा सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने पासरों के साथ दर्जन भर इंस्पैक्टर, ई.टी.ओ. व ए.ई.टी.सी. स्तर के अधिकारियों को पकड़ने के लिए विजीलैंस को चौकन्ना कर दिया। पासरों की फोन रिकार्डिंग के आधार पर एक दर्जन से ज्यादा अफसर पकड़ लिए गए। जो करीब 6 से 8 महीने जेल में रहे। 

लेकिन इस दौरान माननीय अदालत में जब पासरों ने सैक्शन-164 में अपने बयान दर्ज करवाए तो उस दौरान उन्होंने ऐसे अधिकारियों को भी पैसा देने की बात कबूली, जिस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। हालांकि मल्टी करोड़ी रिश्वत कांड में जिन अफसरों के नाम अदालत में आन-रिकार्ड आ गए थे उनमें से किसी को एंफोर्समैंट विभाग में और किसी को एक्साइज का उच्च अफसर व किसी को ऊपर से दूसरे नम्बर का पद दे दिया गया है। ऐसे हालातों में कैसे उम्मीद की जा सकती है कि पंजाब का रेवेन्यू बढ़ेगा ?


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Content Writer

Pardeep

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